जनमत संग्रह के बाद तुर्की में आपातकाल बढ़ाने पर सहमति
तुर्की की कैबिनेट ने देश के राष्ट्रपति रज्जब तैयब इर्दोगान के खिलाफ तख्तापलट की पिछली जुलाई में असफल कोशिश के बाद लागू आपातकाल को तीन और महीने बढ़ाने पर सहमति जताई है।
अंकारा। तुर्की की कैबिनेट ने देश के राष्ट्रपति रज्जब तैयब इर्दोगान के खिलाफ तख्तापलट की पिछली जुलाई में असफल कोशिश के बाद लागू आपातकाल को तीन और महीने बढ़ाने पर सहमति जताई है। यह जानकारी उप प्रधानमंत्री ने दी। इर्दोगान की अध्यक्षता में राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (एमजीके) की इस विस्तार की सिफारिश को लेकर बैठक के बाद यह निर्णय लिया गया। उप प्रधानमंत्री नुमान कुर्तुलमस ने अंकारा में संवाददाताओं से कहा, ‘‘सिफारिश पर विचार किया गया और मंत्रिपरिषद ने कल से तीन और महीनों के लिए आपातकाल की स्थिति बढ़ाने के फैसले पर हस्ताक्षर किए।’’ यह आपातकाल 19 अप्रैल को समाप्त होना था।
इर्दोगान की शक्तियों को बढ़ाने के लिए संवैधानिक बदलावों को लेकर रविवार को तुर्की के मतदाताओं की अनुमति मिलने के बाद आपातकाल को बढ़ाया गया है। इससे पहले अक्तूबर और जनवरी में भी दो बार आपातकाल की अवधि बढ़ाई गई है। पहली बार आपातकाल की घोषणा तख्तापलट की कोशिश के पांच दिन बाद 20 जुलाई को हुई थी। कुर्तुलमस ने कहा कि अब अंतिम स्वीकृति के लिए यह निर्णय संसद में जाएगा। उप प्रधानमंत्री ने कहा कि यह फैसला तुर्की की सरकार को नियंत्रण रहित बनाने के लिए नहीं लिया गया है बल्कि यह ‘‘आतंकवादी समूहों के खिलाफ लड़ाई’’ के कारण लिया गया है। उन्होंने कहा कि तख्तापलट की कोशिश से जुड़े आरोपियों के खिलाफ ‘‘इस संघर्ष में हर आवश्यक चीज की जाएगी।’’ तख्तापलट की कोशिश से संबंध होने के संदेह में आपातकाल के दौरान 47,000 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
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