एशियाई खेलों की टीम में जगह नहीं बना पाने से निराश हैं आभा खटुआ

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एशियाई खेलों के लिए खिलाड़ियों के नाम भेजने की अंतिम तिथि 15 जुलाई थी जबकि एशियाई चैंपियनशिप में मेरी स्पर्धा 16 जुलाई को थी। यही वजह है कि मैं एशियाई खेलों की टीम में नहीं हूं।’’ उन्होंने कहा,‘‘ यह सब ठीक है। कभी-कभी ऐसी चीजें आपकी भलाई के लिए भी हो सकती हैं।

गोला फेंक की महिला एथलीट आभा खटुआ ने अपनी तकनीक में बदलाव करने के बाद राष्ट्रीय रिकॉर्ड की बराबरी की और तीन महीनों के अंदर दो बार 18 मीटर की दूरी को पार किया लेकिन इसके बावजूद एशियाई खेलों के लिए भारतीय टीम में जगह नहीं बना पाई। चीन के हांगझोउ में होने वाले एशियाई खेलों में जगह नहीं बना पाने के कारण आभाथोड़ा निराश हैं लेकिन उन्होंने कहा कि वह नियमों के खिलाफ नहीं जा सकती। जून में भुवनेश्वर में राष्ट्रीय अंतर राज्य चैंपियनशिप एशियाई खेलों के लिए अंतिम चयन प्रतियोगिता थी जिसमें आभा 16.39 मीटर गोला फेंक कर तीसरे स्थान पर रही थी।

इस प्रतियोगिता में पहले दो स्थानों पर रहने वाली किरण बलियान (17.17 मीटर) और मनप्रीत कौर (16.61 मीटर) ने एशियाई खेलों के लिए भारतीय टीम में जगह बनाई थी। किसी स्पर्धा में एक देश दो एथलीटों को ही उतार सकता है और भारतीय एथलेटिक्स संघ ने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाली दो खिलाड़ियों को टीम में चुना। आभा ने जुलाई में थाईलैंड में एशियाई चैंपियनशिप में 18.06 मीटर गोला फेंककर मनप्रीत कौर के राष्ट्रीय रिकॉर्ड की बराबरी करते हुए रजत पदक जीता था।

इसके बाद उन्होंने रविवार को इंडियन ग्रांप्री पांच में 18.02 मीटर गोला फेंक कर स्वर्ण पदक हासिल किया। आभा ने पीटीआई से कहा,‘‘ मैं थोड़ा निराश थी लेकिन हम नियमों के खिलाफ नहीं जा सकते। एशियाई खेलों के लिए खिलाड़ियों के नाम भेजने की अंतिम तिथि 15 जुलाई थी जबकि एशियाई चैंपियनशिप में मेरी स्पर्धा 16 जुलाई को थी। यही वजह है कि मैं एशियाई खेलों की टीम में नहीं हूं।’’ उन्होंने कहा,‘‘ यह सब ठीक है। कभी-कभी ऐसी चीजें आपकी भलाई के लिए भी हो सकती हैं।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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