Trump हो या इजरायल हमला करके तो दिखाए, बमबारी की धमकी के बीच रूस-चीन और ईरान की बड़ी बैठक

Russia-China and Iran
ANI
अभिनय आकाश । Apr 9 2025 12:23PM

अगर यह मीटिंग फेल हो जाती है और अमेरिका की तरफ से जिस तरह से बार बार कहा जा रहा है कि ईरान पर हमला कर दिया जाएगा। ऐसी स्थिति में ईरान की तरफ से क्या जवाबी कार्रवाई की जाएगी। इस मीटिंग को ऐसे भी देख सकते हैं कि चीन और ईरान मिलकर यह तय करेंगे कि अमेरिका को कैसे जवाब दिया जाए। अगर अमेरिका के बी-2 बॉम्बर्स या इजरायल की तरफ से ईरान पर कोई अटैक किया जाता है तो इसका कैसे जवाब दिया जाए।

मास्को में ईरान रूस और चीन की बड़ी बैठक हो रही है। इस बैठक की टाइमिंग इसलिए भी हम हो जाती है क्योंकि आने वाले शनिवार को ओमान में अमेरिका और ईरान के बीच न्यूक्लियर डील को लेकर चर्चा होने वाली है। यह खबर जैसे ही सामने आई रूस और चीन एक्टिव मोड में नजर आए और फिर मास्को में यह बैठक आयोजित की गई। सरल शब्दों में कहीं तो इस बैठक में तीन बड़ी चीजों पर चर्चा होगी पहली कि न्यूक्लियर डील को लेकर ईरान का क्या रुख रहेगा? इसमें गौर करने वाली बात यह है कि यह सिर्फ ईरान का रुख नहीं रहेगा बल्कि पुतिन और जिनपिंग दोनों ही मजबूती के साथ ईरान के साथ खड़े हुए हैं। मतलब साफ है कि न्यूक्लियर डील को लेकर ईरान का रुख क्या रहने वाला है, यह पूरा खाका इस मीटिंग में तैयार हो जाएगा।

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दूसरी बड़ी बात यह है कि अगर यह मीटिंग फेल हो जाती है और अमेरिका की तरफ से जिस तरह से बार बार कहा जा रहा है कि ईरान पर हमला कर दिया जाएगा। ऐसी स्थिति में ईरान की तरफ से क्या जवाबी कार्रवाई की जाएगी। इस मीटिंग को ऐसे भी देख सकते हैं कि चीन और ईरान मिलकर यह तय करेंगे कि अमेरिका को कैसे जवाब दिया जाए। अगर अमेरिका के बी-2 बॉम्बर्स या इजरायल की तरफ से ईरान पर कोई अटैक किया जाता है तो इसका कैसे जवाब दिया जाए। 

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डोनाल्ड ट्रम्प के दोबारा सत्ता में आने के बाद से ही इस बात के कयास लगाए जा रहे थे कि अमेरिका और ईरान के बीच टेंशन बढ़ने वाली है। वहीं पिछले कुछ समय से मिडल ईस्ट में लगातार तनावपूर्ण हालात बने हुए हैं। हमेशा एक खतरा बना हुआ है कि अमेरिका कभी भी हमला कर सकता है जिसके बाद ईरान ने दो तरह की तैयारी शुरू की। पहले तो खामनेई ने अपनी इंटरनल फोर्स को डेप्लॉय किया, अपनी मिसाइल को अलर्ट मोड में रखा। ईरान के डिफेंस सिस्टम को एक्टिवेट कर दिया गया है। ईरान ने अपने 3000 से ज्यादा जहाज ओमान और फारस की खाड़ी के आस पास तैनात किए हैं ताकि किसी भी तरह का हमला हो तो उससे निपटा जा सके। लेकिन अगर ये युद्ध होता है तो उसमें सबसे बड़ी भूमिका पुतिन की हो जाएगी। रूस इस युद्ध को कैसे देखता है और क्या पुतिन खामनेई के साथ मजबूती से खड़े हैं। 

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पुतिन ने अपना स्टैंड एक्फम क्लीयर कर दिया है। हाल ही में रूस की तरफ से साफ कर दिया गया कि अगर किसी भी तरह का हमला ईरान पर या उसके न्यूक्लियर साइट्स पर होता है तो उसके भयंकर परिणाम होंगे। हम ईरान के साथ खड़े हैं। वैसे ही चीन ने भी अपना पूरा समर्थन ईरान को दिया हुआ है कि युद्ध की स्थिति बनती है तो उससे कैसे निपटना है। यानी इस मीटिंग में ये तय हो जाएगा कि अमेरिका को किस तरह से सैन्य रूप से जवाब देना है।

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