43 दिन बाद पाकिस्तान सेना ने अंतरराष्ट्रीय मीडिया को दिखाया बालाकोट मदरसा
समूह का यह दौरा करीब 20 मिनट तक चला और उन्हें तस्वीरें लेने की इजाजत दी गई तथा उनमें से कुछ ने शिक्षकों से बात भी की। सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफूर ने संवाददाताओं से औपचारिक एवं अनौपचारिक बातचीत भी की।
इस्लामाबाद। पाकिस्तानी सेना ने अंतरराष्ट्रीय मीडिया कर्मियों के एक समूह और विदेशी राजनयिकों को बालाकोट के उस मदरसे और उसके आस-पास के इलाके का दौरा कराया जहां भारत ने 43 दिन पहले जैश-ए-मोहम्मद के सबसे बड़े प्रशिक्षण शिविर पर हमला किया था। बीबीसी उर्दू के मुताबिक समूह को एक हेलीकॉप्टर में इस्लामाबाद से बालाकोट के जाबा ले जाया गया। हरे-भरे पेड़ों से घिरे एक पहाड़ के शीर्ष पर स्थित इस मदरसे तक पहुंचने के लिए आगंतुकों को डेढ़ घंटे तक चलना पड़ा।
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यहां देखें बालाकोट का आखों देखा हाल-
BBC EXCLUSIVE: पाकिस्तानी सेना की निगरानी में बीबीसी की टीम पहुंची बालाकोट के उस मदरसे के भीतर, जहां भारत ने हवाई हमले का दावा किया था... pic.twitter.com/5Zue9U8Ipe
— BBC News Hindi (@BBCHindi) April 10, 2019
पाकिस्तान की सेना के मुताबिक समूह ने चढ़ाई करते वक्त पहाड़ के ढलान पर एक गड्ढा भी देखा जहां भारतीय विमानों ने विस्फोटक गिराए थे। बीबीसी ने बताया कि जब समूह मदरसे के भीतर पहुंचा तो वहां 12-13 साल के करीब 150 बच्चे मौजूद थे और उन्हें कुरान पढ़ाई जा रही थी।
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समूह का यह दौरा करीब 20 मिनट तक चला और उन्हें तस्वीरें लेने की इजाजत दी गई तथा उनमें से कुछ ने शिक्षकों से बात भी की। सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफूर ने संवाददाताओं से औपचारिक एवं अनौपचारिक बातचीत भी की। यह संकेत देते हुए कि भारत के हमले वाला दावा सही नहीं है, उन्होंने कहा, “यह पुराना मदरसा है और हमेशा से ऐसा ही था।” यह उस स्थान पर विदेशी मीडिया एवं राजनयिकों का पहला औपचारिक दौरा था जहां भारत ने हमला कर सैकड़ों आतंकवादियों को मारने का दावा किया था।
A group of international media journalists mostly India based and Ambassadors & Defence Attachés of various countries in Pakistan visited impact site of 26 February Indian air violation near Jabba, Balakot. Saw the ground realities anti to Indian claims for themselves. pic.twitter.com/XsONflGGVP
— Maj Gen Asif Ghafoor (@OfficialDGISPR) April 10, 2019
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