विटामिन-A से मिटेगा रतौंधी का रोग, जानिए यह क्या है और क्यों होता है!
रतौंधी आंखों की एक ऐसी बीमारी है जिसमें रोगी को रात के समय कुछ नजर नहीं आता, लेकिन वो दिन के समय अच्छे से देख पाते हैं। इस रोग के दौरान आंख कम रोशनी की स्थिति में अनुकूल नहीं हो पाती हैं, इसलिए रात के समय देखने की शक्ति खत्म हो जाती हैं।
हम सभी की आंखें हमारे लिए काफी अहमियत रखती है। इनके जरिए न केवल हम पूरी दुनिया के रंगों को देख पाते हैं बल्कि ये हमारी सुंदरता को भी बढ़ाने में मददगार साबित होती है। ये ही होती हैं जो हमारे मन की खुशी और दुखों को सबको बयां कर देती हैं। हमारी आंखें काफी नाजुक होती हैं, इसलिए इनका खास ध्यान रखना भी जरूरी है। इसलिए आज हम आपको आंखों की एक तरह की बीमारी “रतौंधी” के बारे में बताने जा रहे हैं जिसके बारे में जानना हम सभी के लिए जरूरी है, आइए आपको बताते हैं कि रतौंधी क्या है, इसके लक्षण क्या है, ये क्यों होती है, रतौंधी के बचाव और उपाय क्या हैं?
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रतौंधी क्या है?
विशेषज्ञों के अनुसार रतौंधी आंखों की एक ऐसी बीमारी है जिसमें रोगी को रात के समय कुछ नजर नहीं आता, लेकिन वो दिन के समय अच्छे से देख पाते हैं। इस रोग के दौरान आंख कम रोशनी की स्थिति में अनुकूल नहीं हो पाती हैं, इसलिए रात के समय देखने की शक्ति खत्म हो जाती हैं। रतौंधी, या निएक्टालोपिया नेत्र विकार का एक मौजूदा परिणाम है। चिकित्सकों के अनुसार किसी व्यक्ति की मंद प्रकाश में देखने की क्षमता पर रतौंधी अंधापन प्रतिकूल असर डालता है, हालांकि इससे पूरी तरह से अंधापन नहीं होता है। इसमें रात की ड्राइविंग करने के दौरान सड़क के संकेत देखने में परेशानी हो सकती है। आंख को अनुकूलित करने में सामान्य से ज्यादा वक्त तब लग सकता है जब रोशनी से अंधरे में जाते हैं। बता दें कि विटामिन ए की कमी और अन्य कई कारणों की वजह से रतौंधी की बीमारी हो सकती हैं।
रतौंधी के लक्षण
- आंखों में दर्द
- सिर दर्द
- उल्टी
- जी मिचलाना
- धुंधलापन या धुंधली दृष्टि
- दूरी में देखने में कठिनाई
- रोशनी की ओर संवेदनशीलता
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क्यों होती है रतौंधी
रेटिनाइट पिगमेंटोसा के दौरान देखने की शक्ति काफी कम हो जाती है और आंखों में अंधेपन जैसी समस्या होने लगती है। ऐसी स्थिति में रतौंधी की समस्या होने लगती है। इसके अलावा रतौंधी होने के कई विभन्न कारण भी हो सकते हैं। जैसे कि शरीर में विटामिन की कमी होने से जब आंखे कमजोर होने लगती हैं तो रतौंधी की शिकायत हो जाती है। इसके अलावा निकट दृष्टी दोष, मोतियाबिंद की समस्या और कुछ अन्य कारक भी होते हैं, जैसे- बुजुर्ग स्थिति, खानपान में लापरवाही, अनुवंशिकता आदि हो सकते हैं।
ऐसे करें रतौंधी से बचाव
- अपने आहार में विटामिन ए युक्त चीजें अधिक शामिल करें।
- हरी सब्जियां, पीले-हरे फल का ज्यादा सेवन करें।
- समुद्री खाद्य पदार्थ का का अधिक सेवन करें।
- आंखो में थोड़ी सी भी परेशानी हो तो नेत्र विशेषज्ञ से जरूर संपर्क करें।
रतौंधी के उपचार
चिकित्सकों के अनुसार रतौंधी के उपचार उसके कारण के आधार पर विभिन्न होते हैं। इसमें खास तरह के चश्मे या कॉन्टैक्ट लेंस पहनना शामिल है और ये सही दृष्टि का समर्थन करने में मददगार साबित हो सकते हैं। वहीं, विटामिन-A की कमी होने से आंखों से संबंधित समस्या हो सकती हैं। ऐसे में अपने आहार में विटामिन-A ज्यादा से ज्यादा शामिल करें।
- अंडे का सेवन करें
- साबुत अनाज खाएं
- पाश्चराइज्ड दूध पीएं
- पत्तेदार हरी सब्जियां खाएं
- नारंगी और पीले रंग की सब्जियां और फलों का सेवन करें
- सिमरन सिंह
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