लिवर ट्रांसप्लांट से जुड़ी यह बातें आपके लिए भी जानना है बेहद आवश्यक
लिवर ट्रांसप्लांट के बाद व्यक्ति को अपने लाइफस्टाइल को बदलने की आवश्यकता होती है। रेग्युलर एक्सरसाइज व हेल्दी डाइट को अपने लाइफस्टाइल का हिस्सा बनाएं। फिजिकली हेल्दी होने पर ट्रांसप्लांट के रिजेक्शन की संभावना काफी कम हो जाती है।
जब किसी व्यक्ति का लिवर फेल हो जाता है या फिर सही तरह से काम करना बंद कर देता है तो व्यक्ति को लिवर ट्रांसप्लांट की जरूरत पड़ती है। यह एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें व्यक्ति के खराब लिवर को सर्जरी द्वारा हटाकर उसके स्थान पर एक स्वस्थ लिवर को प्रतिस्थापित कर दिया जाता है। लिवर ट्रांसप्लांट के लिए एक लिवर डोनर की जरूरत पड़ती है, हालांकि यह जरूरी नहीं है कि डोनर जीवित ही हो। हालांकि लिवर ट्रांसप्लांट करवाना इतना भी आसान नहीं है, इसलिए इस ट्रांसप्लांट से पहले आपको इसकी पूर्ण जानकारी होनी चाहिए−
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फेल होने की संभावना
ऐसा जरूरी नहीं है कि लिवर ट्रांसप्लांट हर बार सफल ही हो। कई बार ऑपरेशन फेल भी हो सकता है, इस स्थिति में आपका शरीर नए लिवर को रिजेक्ट कर देता है। इतना ही नहीं, लिवर ट्रांसप्लांट हाई रिस्क इंफेक्शन का कारण बन सकता है।
नहीं हो सकता लिवर ट्रांसप्लांट
वैसे तो लिवर के खराब होने पर लिवर ट्रांसप्लांट की सलाह दी जाती है, लेकिन अगर आपके शरीर के किसी अन्य भाग में कैंसर है या फिर सीरियस हार्ट, लंग और नर्व डिसीज है तो आप लिवर ट्रांसप्लांट नहीं करवा सकते।
रिकवरी टाइम
लिवर ट्रांसप्लांट के बाद डोनर और प्राप्तकर्ता दोनों को रिकवरी के लिए समय की जरूरत होती है। वैसे तो दोनों को ही औसतन अस्पताल में सात दिनों तक रहना पड़ता है। इसके बाद डोनर को रिकवरी के लिए लगभग दो महीने का समय लगता है, वहीं प्राप्तकर्ता को रिकवर होने में लगभग छह से बारह महीने लगते हैं।
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लाइफस्टाइल बदलना
लिवर ट्रांसप्लांट के बाद व्यक्ति को अपने लाइफस्टाइल को बदलने की आवश्यकता होती है। रेग्युलर एक्सरसाइज व हेल्दी डाइट को अपने लाइफस्टाइल का हिस्सा बनाएं। फिजिकली हेल्दी होने पर ट्रांसप्लांट के रिजेक्शन की संभावना काफी कम हो जाती है। इसके अलावा अल्कोहल व स्मोकिंग को छोड़कर व मोटापा और उच्च कोलेस्ट्रॉल को दूर रखकर भी हेल्दी लाइफ जी सकते हैं।
कोई लक्षण नहीं
अगर लिवर ट्रांसप्लांट को शरीर रिजेक्ट कर देता है तो इसका कोई लक्षण नजर नहीं आता। इस रिजेक्शन को लिवर एंजाइम के रक्त के स्तर में वृद्धि से पकड़ा जा सकता है। इसके अलावा रिजेक्शन के कारण आप खुद को बीमार महसूस करते हैं और आपको मतली, पेट में दर्द, बुखार, त्वचा का पीला होना आदि लक्षण दिखाए देते हैं।
मिताली जैन
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