पेट के रोगों के लिए रामबाण है उष्ट्रासन, जानिए करने का तरीका
उष्ट्रासन का अभ्यास आपको खाली पेट ही करना चाहिए। अगर आपको किसी तरह की स्वास्थ्य समस्या है, तो डॉक्टर के परामर्श के बाद ही योगासन का अभ्यास शुरू करें।
आज के समय में लोगों का खानपान जिस तरह का है, उसके कारण पेट संबंधी परेशानियां होना बेहद आम होता जा रहा है। यूं तो लोग अपनी स्वास्थ्य समस्याओं से निजात पाने के लिए दवाइयों का सहारा लेते हैं। लेकिन अगर आप चाहें तो योगाभ्यास के जरिए भी अपनी समस्या से छुटकारा पा सकते हैं। ऐसा ही एक आसन है उष्ट्रासन, जो पेट के रोगों के लिए काफी अच्छा है। वैसे इससे आपको अन्य भी कई लाभ होते हैं। तो चलिए जानते हैं इसके बारे में−
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करने का तरीका
इस आसन का अभ्यास करने के लिए सबसे पहले फर्श पर व्रजासन की तरह घुटने मोड़कर बैठकर जाएं। इस दौरान घुटनों तथा पैरों के बीच करीब एक फुट की दूरी रखें। अब घुटनों के सहारे ही खड़े होकर हो जाएं। अब सांस लेते हुए पीछे की ओर झुकें। आप इतना झुकने का प्रयास करें कि दोनों हाथ आपकी एडि़यों को छू रहे हों। ध्यान रहे कि पीछे झुकते समय गर्दन को झटका न लगे। अब सिर को भी पीछे की ओर झुका लें। कोशिश करें कि शरीर का वजन बांहों तथा पांवों पर समान रूप से हो। अब धीरे-धीरे सांस लेते और छोड़ते रहें। और कुछ क्षण इस अवस्था में रूकें। अंत में लंबी गहरी सांस छोड़ते अपनी सामान्य स्थिति में आ जाएं। आप अपनी क्षमतानुसार इस आसन का अभ्यास कर सकते हैं।
लाभ ही लाभ
उष्ट्रासन सिर्फ पेट संबंधी समस्याओं को ही दूर नहीं करता, बल्कि पेट की चर्बी कम करने के लिए भी यह बेहद फायदेमंद है।
मधुमेह के रोगियों को भी इस आसन का अभ्यास अवश्य करना चाहिए। इससे अभ्यास से इंसुलिन का स्त्राव रेग्युलेट होता है, जिसके कारण डायबिटीज कंट्रोल में रहती है।
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अगर आप अपने फेफड़ों को हेल्दी बनाना चाहते हैं तो इसका अभ्यास किया जा सकता है। उष्ट्रासन के अभ्यास से फेफड़े से संबंधित बीमारियां व्यक्ति को परेशान नहीं करती।
आपको शायद पता न हो लेकिन उष्ट्रासन का अभ्यास करने से आंखों की रोशनी भी हमेशा बनी रहती है। यह आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए एक उत्तम आसन है।
महिलाओं के लिए भी उष्ट्रासन का अभ्यास लाभकारी है। यह आसन महिलाओं में पीरियड्स दर्द की प्रॉब्लम को भी दूर करता है।
रखें इसका ध्यान
इस आसन का अभ्यास आपको खाली पेट ही करना चाहिए।
अगर आपको किसी तरह की स्वास्थ्य समस्या है, तो डॉक्टर के परामर्श के बाद ही योगासन का अभ्यास शुरू करें।
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शुरूआत में किसी एक्सपर्ट की देखरेख में ही योगासन करना अच्छा रहता है। इससे आपका पॉश्चर गलत नहीं होता।
जिन लोगों को उच्च रक्तचाप, हृदय रोग, कमरदर्द या हर्निया की समस्या है, उन्हें इस आसन का अभ्यास करने से बचना चाहिए।
मिताली जैन
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