क्या होता है सावंत सिंड्रोम और इसका इलाज, जानिए...
सावंत सिंड्रोम वाले लोग ऑटिस्टिक होते हैं, जो समान्य से कम बुद्धिमान होने के साथ ही सामाजिक कौशल में भी कम होते हैं। हालांकि, कुछ ऐसे भी होते हैं जिनके पास असाधारण यादें या अद्वितीय गणितीय, यांत्रिक या संगीत क्षमताएं होती हैं।
इस धरती पर कई प्रकार के व्यक्ति होते हैं और सबका अलग रंग-ढ़ंग होता है। इनमें से कोई ज्यादा बुद्धिमान होते हैं, तो किसी के पास कम बुद्धि होती है। इसके अलावा कई ऐसे भी होते हैं जो कम बुद्धि होने के बावजूद भी किसी एक विशेष कार्य में खास खूबियों वाले होते हैं। इस तरह के अधिक्तर लोग ऑटिस्टिक होते हैं, जो सावंत सिंड्रोम भी कहलाते हैं। वहीं, अगर आप सावंत सिंड्रोम क्या होता है इस बात से अंजान हैं तो आइए आपको इसके बारे में विस्तार से बताते हैं...
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विशेषज्ञों के अनुसार आमतौर पर सावंत सिंड्रोम वाले लोग ऑटिस्टिक होते हैं, जो समान्य से कम बुद्धिमान होने के साथ ही सामाजिक कौशल में भी कम होते हैं। हालांकि, कुछ ऐसे भी होते हैं जिनके पास असाधारण यादें या अद्वितीय गणितीय, यांत्रिक या संगीत क्षमताएं होती हैं। इसलिए ऐसे लोग ऑटोमेटिक सर्वेन्ट्स भी कहलाते हैं। आपको बता दें कि इसकी कोई सटीक वजह पता नहीं है, लेकिन बहुत से विशेषज्ञों का ऐसा कहना है कि ये आनुवंशिक परिवर्तन या मस्तिष्क की चोट के वजह से हो सकता है।
सावंत सिंड्रोम क्या होता है?
जो लोग सामान्य समझ से अलग होते हुए किसी एक क्षेत्र में खास कला रखते हैं, उन्हें सावंत सिंड्रोम से प्रभावित कहा जा सकता है। बता दें कि ऐसी उल्लेखनीय क्षमताएं ऑटिस्टिक डिसऑर्डर वाले 10 लोगों में से 1 में विभन्न डिग्री में होती हैं।
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कितना आम है सावंत सिंड्रोम होना ?
शोधकर्ताओं ने बताया कि सावंत सिंड्रोम से पीड़ित अधिक्तर लोग ऑटिस्टिक होते हैं। ये सिंड्रोम आटिज्म से प्रभावित सभी बच्चों में से करीब 10 फीसदी बच्चों में पाया जाता है। माना जाता है कि जिन बच्चों का आईक्यू 35 से अधिक है उनमें ये सिंड्रोम मौजूद हो सकता है। इससे प्रभावित होने की अधिक संभावना लड़कियों की तुलना में लड़कों में होती है। ऑटिस्टिक बच्चों के अलावा करीब 1 फीसदी ही बच्चों में सिंड्रोम पाया जाता है।
क्या-क्या लक्षण देखे जा सकते हैं ?
- सावंत सिंड्रोम से प्रभावित बच्चे अजीब तरह का बर्ताव करने लगते हैं, जिन्हें देखकर आप सोचेंगे कि उनका मानसिक संतुलन ठीक नहीं है। वो बात अलग है कि किसी तरह का कोई गंभीर लक्षण देखने को नहीं मिलेगा और इन्हें काबू किया जा सकेगा।
- सावंत सिंड्रोम से प्रभावित बच्चों में ऐसा देखा गया है कि वो कम आईक्यू लेवल होते हुए भी किसी एक क्षेत्र में काफी अच्छे होते हैं।
- इसके अलावा ऐसा भी देखा गया है कि सावंत सिंड्रोम से प्रभावित लोग मैथमेटिक्स जैसे विषयों में माहीर होते हैं. जबकि कुछ ऐसे भी होते हैं जो कला के क्षेत्र में काफी निपुण होते हैं।
- इतना ही नहीं, सावंत सिंड्रोम से प्रभावित लोग स्टेटिस्टिक्स, खेल और तारीखों जैसी हर जानकारियों को याद रख सकते हैं।
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ऐसे बढ़ता है सावंत सिंड्रोम होने का खतरा
- परिवारिक सदस्यों में अगर किसी कोई मानसिक बीमारी रही है तो सावंत सिंड्रोम के हो सकता है।
- अगर जन्म के दौरान बच्चे का वजन 2500 ग्राम से कम है तो ऐसे में भी सावंत सिंड्रोम हो सकता है।
- काफी अधिक उम्रदराज माता-पिता बनने वाले बच्चे में सावंत सिंड्रोम होने की संभावना देखी जा सकती है।
- जींन्स में खराबी या फिर विटामिन-डी की कमी के वजह से भी सावंत सिंड्रोम की समस्या हो सकती है।
- समय से पहले हुई डिलीवरी के कारण भी बच्चे में सावंत सिंड्रोम देखा जा सकता है।
- जन्म से शारीरिक दोष होने की वजह से बच्चे में सावंत सिंड्रोम देखा जा सकता है।
कैसे किया जा सकता है इसका इलाज?
सावंत सिंड्रोम के विषय से संबंधित कोई भी सवाल, लक्षण या समस्या होने पर डॉक्टर से जरूर संपर्क करना चाहिए। कुछ वैज्ञानिकों का कहना है कि जब व्यक्ति के दिमाग के बाएं और दाएं हिस्से में चोट लग जाती है तो सावंत सिंड्रोम होता है। वहीं, कुछ वैज्ञानिक कहते हैं कि ये समस्या जींस में आई खराबी के कारण होती है। चिकित्सकों के अनुसार सावंत सिंड्रोम का कोई भी नुकसानदायक प्रभाव नहीं है, ऐसे में जरूरी है कि बच्चे को किसी ऐसी एक्टीविटी व्यस्त किया जाए जिससे उन्हें शारीरिक और मानसिक कमी का एहसास न हो। हालांकि, सावंत सिंड्रोम पर फिलाहाल शोध चल रही है। इसलिए अभी तक इसकी कोई सटीक वजह पता नहीं चली सकी है और इसके बारे में जानना अभी बाकी है।
- सिमरन सिंह
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