क्या वायु प्रदूषण से बढ़ रही है पल्मोनरी फाइब्रोसिस की बीमारी, जानें इसके लक्षण

pulmonary fibrosis
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भारत के कई हिस्सों में वायु प्रदूषण बढ़ रहा है। दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण स्तर काफी बढ़ गया है। पॉल्यूशन के कारण कई सांस संबंधित समस्याएं देखने को मिलती है। वायु प्रदूषण के कारण पल्मोनरी फाइब्रोसिस की समस्या हो सकती है। आइए जानते हैं इसके बारे में-

आमतौर पर पल्मोनरी फाइब्रोसिस फेफड़ों से जुड़ी बीमारी है। जब यह समस्या होती है तो फेफड़ों के आसपास मौजूद टिश्यूज मोटे और सख्त हो जाते हैं। पल्मोनरी फाइब्रोसिस के कारण फेफड़ों के पास के टिश्यूज में दाग भी हो जाता है। वैसे तो पल्मोनरी फाइब्रोसिस के होने के कई कारण जिम्मेदार हो सकते है। इस बीमारी के कारण लंग्स पूरी तरह काम करना बंद कर सकते हैं।

वायु प्रदूषण के कारण पल्मोनरी फाइब्रोसिस होता है क्या?

एक्सपर्ट के मुताबिक, वायु प्रदूषण के कारण ही पल्मोनरी फाइब्रोसिस बन सकता है। यह पल्मोनरी फाइब्रोसिस का एक ही हिस्सा है। इस समस्या के कारण न केवल फेफड़ों की क्षति होती है, इसके बाद भी यह बढ़ती है। इस बीमारी के कारण लंग्स शॉर्ट टर्म के लिए सुचारु ढंग से कम करना बंद कर सकता है और इसके प्रभाव लॉन्ग टर्म में भी देखने को मिलते है।

पल्मोनरी फाइब्रोसिस होने के कारण

- आप कोल डस्ट और ग्रेन डस्ट आदि से दूर रहे है।

- यदि आपकी कीमोथेरपी चल रही है जो दवाई खाते हैं।

- कार्डियक एरिथमिया के दौरान उपयोग होने वाली दवाएं।

- कैंसर के दौरान होने वाली रेडिएशन थेरेपी।

पल्मोनरी फाइब्रोसिस के लक्षण

- व्यक्ति को सांस लेने में मुश्किल होता है।

- जिस व्यक्ति को पल्मोनरी फाइब्रोसिस होता है उनको सूखी खांसी जरुर दे।

- पल्मोनरी फाइब्रोसिस बीमारी के कारण से अचानक से वजन कम होता है।

- जिन लोगों को पल्मोनरी फाइब्रोसिस होती है, उन्हें थकान महसूस होता है।

डिस्क्लेमर: इस लेख के सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन सुझावों और जानकारी को किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर न लें। किसी भी बीमारी के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
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