Yoga Tips: दिनभर नहीं लगती है भूख तो रोजाना इन योगासन का करें अभ्यास, लगने लगेगी भूख
भूख न लगने की समस्या यदि आपके साथ भी है, तो आज हम आपको कुछ ऐसे योगासन के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनका अभ्यास करने से भूख बढ़ाने में सहायता मिलती है और साथ ही आपका स्वास्थ्य भी दुरुस्त रहता है।
जब आपको भूख नहीं लगती है और आप खाना नहीं खाते हैं, तो इससे शरीर में पौष्टिकता की कमी हो सकती है। जिसकी वजह से कमजोरी लगना, वजन कम होना और लंबे समय तक भूखे रहने से अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं आपको घेर सकती हैं। ऐसे में भूख न लगने की समस्या यदि आपके साथ भी है, तो यह आर्टिकल आपके लिए है। आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको कुछ ऐसे योगासन के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनका अभ्यास करने से भूख बढ़ाने में सहायता मिलती है और साथ ही आपका स्वास्थ्य भी दुरुस्त रहता है।
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धनुरासन
इस आसन का अभ्यास वेट कम करने के अलावा पाचन तंत्र को बेहतर बनाने और भूख न लगने की समस्या को दूर करने के लिए काफी अच्छा माना जाता है।
ऐसे करें अभ्यास
इस आसन का अभ्यास करने के लिए पेट के बल लेट जाएं और दोनों पैरों के बीच गैप बना लें। अब घुटनों को ऊपर की तरफ मोड़ते हुए एड़ियों को अपने हाथों से पकड़ें और छाती और पैरों को ऊपर की तरफ ऊठाएं। इससे आपको थाइज और बाजुओं पर खिंचाव महसूस होगा। इस पोजीसन में कुछ देर रहने के बाद सामान्य अवस्था में वापस लौट आएं।
वज्रासन
इस आसन का अभ्यास करना भी भूख बढ़ाने के लिए लाभकारी साबित हो सकता है। साथ ही आप वज्रासन का अभ्यास कभी भी और कहीं भी कर सकते हैं।
ऐसे करें अभ्यास
इस आसन को करने के लिए घुटनों के बल बैठ जाएं और ध्यान रखें कि आपके पैरों के बीच में गैप न हो। दोनों पैरों के अंगूठे एक साथ मिले होने चाहिए। अब हिप्स को एड़ियों पर टिकाएं और कमर को सीधा रखते हुए हथेलियों को घुटनों पर रखें। इस दौरान आपके दोनों घुटने भी आपस में मिले होने चाहिए। अब श्वास लेने पर ध्यान केंद्रित करते हुए थोड़ी देर बाद सामान्य अवस्था में वापस आ जाएं।
भुजंगासन
बता दें कि भूख न लगने का एक मुख्य कारण पेट की गड़बड़ी भी हो सकती हैं। ऐसे में भुजंगासन का अभ्यास आपकी इस समस्या का समाधान कर सकता है और आपकी पाचन क्रिया को बेहतर बनाने में सहायता करता है।
ऐसे करें भुजंगासन का अभ्यास
सबसे पहले पेट के बल लेट जाएं और दोनों हाथों को साइड में रखें और पैरों के बीच दूरी बनाकर रखें। अब दोनों हाथों पर दबाव देते हुए शरीर के अगले हिस्से को उठाएं और आसमान की ओर देखें। इस दौरान सांसों का क्रम सामान्य बनाए रखें। कुछ देर इस पोजीशन में रहें और फिर धीरे-धीरे सामान्य अवस्था में वापस आ जाएं।
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