दिन में आती है ज़्यादा नींद तो हो सकती है ये जानलेवा बीमारी, जानें लक्षण और इलाज

narcolepsy
unsplash

नारकोलेप्सी तंत्रिका संबंधी बीमारी है जिसमें मरीज को नींद के दौरे पड़ते हैं। इस बीमारी में व्यक्ति को कभी भी नींद आने लगती है। इसमें व्यक्ति को पूरी नींद के बाद भी नींद की कमी महसूस होती है। उसका दिमाग सोने और जागने की सामान्य प्रक्रिया के हिसाब से काम नहीं कर पाता है।

अधिकतर लोग छुट्टी वाले दिन दोपहर में खाना खाने के बाद एक झपकी लेना पसंद करते हैं। लेकिन अगर कोई काम करते हुए आपको अचानक नींद आ जाए तो यह आपके लिए मुसीबत का कारण बन सकती है। खासतौर पर ड्राइविंग करते हुए या कोई जरूरी काम करते हुए नींद आना बहुत खतरनाक हो सकता है। लेकिन एक ऐसी बीमारी है जिसमें व्यक्ति कभी भी और कहीं भी सो सकता है। आइए जानते हैं-

इसे भी पढ़ें: घंटों फोन में देखने वाले हो जाएं सावधान! हो सकती है सर्वाइकल की समस्या, बचने के लिए करें ये योगासन और उपाय

क्या है नारकोलेप्सी?

नारकोलेप्सी तंत्रिका संबंधी बीमारी है जिसमें मरीज को नींद के दौरे पड़ते हैं। इस बीमारी में व्यक्ति को कभी भी नींद आने लगती है। इसमें व्यक्ति को पूरी नींद के बाद भी नींद की कमी महसूस होती है। उसका दिमाग सोने और जागने की सामान्य प्रक्रिया के हिसाब से काम नहीं कर पाता है। कभी-कभी इस स्थिति में व्यक्ति अपना हाथ पैर भी नहीं मिला पाता है। ऐसी स्थिति को स्लीप पैरालिसिस कहते हैं।


नारकोलेप्सी के लक्षण

दिन के समय बार-बार और कभी भी  नींद आना

केटप्लेक्सी यानी ऐसी स्थिति जिसमें शरीर की मांसपेशियां थोड़ी देर के लिए सफल हो जाती हैं

स्लीप पैरालिसिस यानी नींद आने से ठीक पहले मरीज को चलने बोलने या कुछ भी करने में असमर्थ हो जाना।

भ्रम की स्थिति होना

बेचैनी होना

इसे भी पढ़ें: सेहतमंद रहने के लिए रोजाना सुबह खाली पेट पिएँ हरी धनिया का पानी, डायबिटीज से लेकर बीपी तक में है फायदेमंद

नारकोलेप्सी का कारण 

अधिकतर मामलों में नारकोलेप्सी से ग्रसित व्यक्ति के शरीर में हाइपोक्रेटिन हार्मोन की कमी हो जाती है। यह हार्मोन दिमाग को जगाए रहने में मदद करता है। जब शरीर में हाइपोक्रेटिन और मून नहीं होता है तो सोने और जागने के चक्रों की व्यवस्था में समस्या आने लग जाती है।

नारकोलेप्सी का इलाज 

नारकोलेप्सी के लक्षण दिखने पर किसी स्लीप मेडिसिन एक्सपोर्ट से सलाह लें। वैसे इस बीमारी का कोई इलाज मौजूद नहीं है लेकिन कुछ दवाओं के असर से इसके प्रभाव को कम करने में मदद मिल सकती है।

- प्रिया मिश्रा 

डिस्क्लेमर: इस लेख के सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन सुझावों और जानकारी को किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर न लें। किसी भी बीमारी के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़