Yamuna Chhath 2023: 27 मार्च को मनाया जा रहा यमुना छठ का पर्व, यमदंड और शनि के प्रकोप से मिलती है मुक्ति

Yamuna Chhath 2023
Creative Commons licenses

चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मां यमुना पृथ्वी पर अवतरित हुई थीं। इस दिन को यमुना छठ पर्व के रूप में मनाया जाता है। इस दिन मां यमुना की पूजा का विधान है। उनकी पूजा से शनि का प्रकोप और यमदेव के दंड से मुक्ति मिलती है।

27 मार्च को यमुना छठ का पर्व मनाया जा रहा है। यह पर्व देवी यमुना के धरती पर आगमन का प्रतीक है। मान्यता के अनुसार, इस दिन जो भी भक्त श्रद्धा भाव से मां यमुना की उपासना करता है उसे शनि के प्रकोप और यम के दंड से मुक्ति मिलती है। आज के दिन यानि की चैत्र मास के शुक्लपक्ष की षष्ठी तिथि को परम ब्रह्म श्रीकृष्ण की पटरानी यमुना का पृथ्वी पर आगमन हुआ था। तब से इसे यमुना छठ पर्व के रूप में मनाया जाता है।

पौराणिक कथा

पौराणिक मान्यता के मुताबिक भगवान सूर्य नारायण की पुत्री देवी यमुना है। देवी यमुना के प्रिय भाई शनिदेव और यमदेव हैं। जब श्रीहरि ने देवी यमुना को गोलोक से पृथ्वी पर जाने की आज्ञा दी थी। तब नदियों में श्रेष्ठ यमुना भगवान श्री कृष्ण की परिक्रमा कर पृथ्वी पर अवतरित हुई थीं। देवी यमुना को भगवान श्री कृष्ण की पटरानी के रूम में भी जानते हैं।

इसे भी पढ़ें: नवरात्रि के छठे दिन मां कात्यायनी को लगाएं शहद का भोग, जानें पूजा विधि और महत्व

शुभ मुहूर्त

हिंदू पंचांग के मुताबिक यमुना छठ का पर्व हर साल चैत्र मास के शुक्लपक्ष की षष्ठी तिथि को मनाया जाता है। इस साल यह षष्ठी तिथि 26 मार्च 2023 को शाम 04:32 से शुरू होकर 27 मार्च 2023 को शाम 05:27 बजे तक रहेगी।

धार्मिक महत्व

हिंदू मान्यता के मुताबिक भगवान विष्णु का अवतार माने जाने वाले भगवान श्री कृष्ण ने यमुना के तट पर तमाम लीलाएं की थीं। यमुना को श्री कृष्ण की पत्नी भी कहा गया है। यही कारण है कि देवी यमुना की साधना-आराधना का पूरे ब्रजमंडल में काफी महत्व भी है। यमुना छठ के दिन ब्रज के निवासी पूरे श्रद्धा-भाव से यमुना में स्नान और दीपदान करते हैं।

ऐसे की जाती है पूजा

यमुना छठ के दिन सुबह जल्दी उठकर सूर्योदय से पहले पवित्र नदी में स्नान करते हैं। यमुना नदी में स्नान करने से सभी तरह के पापों से मुक्ति मिलती है। इसके बाद पूजा मुहूर्त पर देवी यमुना की पूजा और छठ पूजा समर्पित की जाती है। इसदिन भगवान श्रीकृष्ण की भी पूजा की जाती है। वहीं कुछ लोग यमुना छठ पर उपवास भी करते हैं। सुबह-शाम दोनों समय पूजा करने और व्रत करने के अगले दिन यह व्रत का पारण किया जाता है। यमुना छठ पर्व के दिन देवी यमुना को मिठाइय़ां अर्पित की जाती हैं। जो भी व्यक्ति मां यमुना की पूजा करता है उसे शनि के प्रकोप का भय नहीं रहता है।

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़