जानिए क्यों किया जाता है विश्वकर्मा देव का पूजन
विश्वकर्मा देव का पूजन कई मायनों में महत्वपूर्ण माना गया है। आमतौर पर, लोग विश्वकर्मा जयंती के दिन इनकी पूजा करते हैं। ऐसी मान्यता है कि इस दिन जो भी व्यक्ति इनका पूजन करता है, उसे अपने व्यापार में तरक्की मिलती है।
विश्वकर्मा एक ऐसे देव हैं, जिन्हें देशभर में लोग पूजते हैं। इस साल 17 सितंबर को विश्वकर्मा जयंती है। यह एक ऐसा दिन है, जो उनके जन्मदिवस के रूप में पूजा जाता है। विश्वकर्मा वास्तव में एक देव शिल्पकार है, जिनका जन्म समुद्र मंथन से हुआ था। ऐसा माना जाता है कि विश्वकर्मा देव ने ही भगवान कृष्ण के पवित्र शहर द्वारिका का निर्माण किया था। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको विश्वकर्मा जयंती के खास अवसर पर विश्वकर्मा देव के बारे में विस्तापूर्वक बता रहे हैं-
विश्वकर्मा कौन है?
विश्वकर्मा वास्तव में एक हिन्दू देव है और हिन्दू धर्म में इन्हें निर्माण एवं सृजन का देवता माना गया है। ऐसी मान्यता है कि इनका जन्म समुद्र मंथन से हुआ था। इतना ही नहीं, इन्होंने भगवान कृष्ण के पवित्र शहर द्वारिका और सोने की लंका का निर्माण किया था। इतना ही नहीं, इनकी ऋद्धि सिद्धि और संज्ञा नाम की तीन पुत्रियां थी। जहां ऋद्धि और सिद्धि का विवाह भगवान गणेश से हुआ था, वहीं संज्ञा का विवाह महर्षि कश्यप और देवी अदिति के पुत्र भगवान सूर्यनारायण से हुआ था।
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किए हैं कई निर्माण
विश्वकर्मा देव एक शिल्पकार देव हैं और उन्होंने चार युगों में कई तरह के निर्माण किए। जहां सतयुग में उन्होंने स्वर्गलोक का निर्माण किया, तो वहीं त्रेता युग में लंका का निर्माण उन्हीं के द्वारा किया गया। इसी तरह द्वापर में द्वारका का और कलियुग के आरम्भ के पूर्व हस्तिनापुर और इन्द्रप्रस्थ का निर्माण भी किया। ऐसा माना जाता है कि विश्वकर्मा ने ही जगन्नाथ पुरी के जगन्नाथ मन्दिर में स्थित विशाल मूर्तियों का निर्माण किया था। हालांकि, इसे लेकर कोई प्रमाण उपलब्ध नहीं है।
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इसलिए किया जाता है इनका पूजन
विश्वकर्मा देव का पूजन कई मायनों में महत्वपूर्ण माना गया है। आमतौर पर, लोग विश्वकर्मा जयंती के दिन इनकी पूजा करते हैं। ऐसी मान्यता है कि इस दिन जो भी व्यक्ति इनका पूजन करता है, उसे अपने व्यापार में तरक्की मिलती है।
इसके अलावा, दीपावली के दूसरे दिन यानी कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा के दिन भी विश्वकर्मा देव की पूजा की जाती है। इस दिन लोग अपने काम से जुड़े औजारों का पूजन करते हैं। इस दिन इनकी साफ-सफाई व पूजन किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि अगर इस दिन विश्वकर्मा देव का पूजन किया जाए तो इससे व्यक्ति को अपने कार्य में हमेशा उन्नति मिलती है।
- मिताली जैन
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