जानिये क्या है स्वामित्व योजना ? इससे आपको क्या और कैसे मिलेगा फायदा ?
जहां तक स्वामित्व योजना को लाने की वजह का सवाल है तो हमारे देश की लगभग 60 फीसदी आबादी गांवों और कस्बों में रहती है। जहां पुरानी व्यवस्था के तहत ज्यादातर ग्रामीणों के पास अपनी जमीन के मालिकाना हक के दस्तावेज नहीं हैं।
स्वामित्व योजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक महत्वाकांक्षी योजना है जिसके तहत गांवों के लोगों की आवासीय संपत्ति के अभिलेख में पूरा ब्योरा दर्ज किया जा रहा है। इस योजना के तहत ग्रामीण इलाकों की संपत्तियों से जुड़ी भौतिक प्रतियां प्रॉपर्टी मालिकों को दी जाएंगी। वास्तव में स्वामित्व योजना गांव में रहने वाले लोगों को आत्मनिर्भर बनाने में बहुत ही कारगर और मददगार साबित हो सकती है।
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में ‘स्वामित्व योजना’ के तहत एक लाख प्रॉपर्टी मालिकों को प्रॉपर्टी कार्ड्स बांटे हैं। जिससे ये लाभार्थी फिजिकल कॉपी के साथ-साथ डिजिटल संपत्ति कार्ड भी सम्बन्धित वेबसाइट से डाउनलोड कर सकते हैं। भूमि पैमाइश व राजस्व सम्बन्धी विभागों के अधिकारियों की मानें तो ग्रामीण इलाकों में मौजूद घरों के मालिकों के मालिकाना हक का एक रिकॉर्ड रखने वाली इस योजना के तहत प्रॉपर्टी से जुड़े विवादों के साथ-साथ उनसे सम्बन्धित सटीक भूमि रिकॉर्ड तैयार किया जा रहा है। क्योंकि इस योजना का स्पष्ट मकसद ग्रामीण क्षेत्रों में घरों के मालिकों को अधिकार संबंधी रिकॉर्ड से संबद्ध संपत्ति कार्ड उपलब्ध कराना है।
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बताया जाता है कि राजस्व विभाग के स्थानीय प्रतिनिधि और अन्य संबद्ध विभागों के प्रतिनिधि लोगों के द्वारा संपत्ति से जुड़े रिकॉर्ड तैयार किये जा रहे हैं। कुछ जगहों पर यह कार्य पूरा कर लिया गया है, जबकि कुछ जगहों पर किया जा रहा है। खास बात यह है कि इस योजना के जरिए जमीन से जुड़े विवादों के निपटारे में बेहद आसानी होगी।
स्वामित्व योजना को लेकर सरकार की ऐसी है प्लानिंग
दरअसल, सरकार की प्लानिंग है कि इस योजना के तहत आगामी चार साल में यानि अप्रैल 2020 से मार्च 2024 तक पूरे देश के 6.2 लाख गांवों को कवर किया जाएगा। इससे एक ओर जहां सटीक भूमि रिकॉर्ड से संपत्ति संबंधी विवादों को कम करने का अवसर प्राप्त होगा, वहीं वित्तीय तरलता को बढ़ावा मिलेगा। इससे योजना और राजस्व संग्रह को सुव्यवस्थित और ग्रामीण क्षेत्रों में प्रॉपर्टी राइट्स पर स्पष्टता सुनिश्चित की जाएगी। इसके तहत, देशभर में लगभग 300 नियमित प्रचालन प्रणाली स्टेशन की स्थापना होगी। जिसके माध्यम से ड्रोन तकनीक और नियमित प्रचालन प्रणाली स्टेशन के द्वारा आवासीय भूमि की पैमाइश सुनिश्चित की जाएगी।
जहां तक इस योजना को लाने की वजह का सवाल है तो हमारे देश की लगभग 60 फीसदी आबादी गांवों और कस्बों में रहती है। जहां पुरानी व्यवस्था के तहत ज्यादातर ग्रामीणों के पास अपनी जमीन के मालिकाना हक के दस्तावेज नहीं हैं। वहां पर साल दर साल वक्त बीतता गया, लेकिन पुरानी व्यवस्था के चलते मालिकाना हक से जुड़े कागज कभी नहीं बन सके। हालांकि, गांवों की खेतिहर जमीन का रिकॉर्ड तो रखा गया, लेकिन लोगों के घरों पर विशेष ध्यान नहीं दिया गया। यही वजह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ‘स्वामित्व’ योजना से इसी बड़ी कमी को दूर करना चाहती है।
बता दें कि इस योजना का ऐलान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लॉकडाउन के दौरान किया था। उन्होंने राष्ट्रीय पंचायत दिवस के दिन ही स्वामित्व योजना की शुरुआत की है, जिसके तहत गांव की जमीन की वैज्ञानिक तरीके से ड्रोन का इस्तेमाल करते हुए माप या पैमाइश की जाएगी। वास्तव में, स्वामित्व योजना गांव की संपत्तियों के सही आकलन करने का प्रयास है, जिसके तहत देश के सभी गांवों की संपत्ति की ड्रोन से मैपिंग की जाएगी और गांव के लोगों को एक मालिकाना प्रमाणपत्र दिया जाएगा। इससे संपत्ति को लेकर जो भ्रम की स्थिति बनी रहती है वो एक हद तक दूर हो जाएंगे। इससे गांव में विकास योजनाओं की प्लानिंग सही तरीके से होगी।
स्वामित्व योजना के कुछ अहम फायदे
स्पष्ट कहा जाए तो अब शहरों की तरह ही गांवों में भी आप बैंकों से लोन ले सकते हैं। क्योंकि जब आपके पास स्वामित्व होगा तो उस संपत्ति के आधार पर आप बैंक से लोन ले सकते हैं जो आपके जीवन में काफी काम आ सकता है।
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वहीं, वैज्ञानिक तकनीक के जरिए मालिकाना हक से गांवों के निवासी अपनी संपत्ति का वित्तीय उपयोग भी सुनिश्चित कर पाएंगे। इससे गांवों के आवासीय क्षेत्र का रिकॉर्ड भी पंचायतों को प्रदान कर सकेंगे। इससे संपत्तियों को कर संग्रह के दायरे में भी लाया जा सकेगा और इससे आसानी से कर संग्रह संभव हो पाएगा। इस आमदनी से पंचायतें अपने ग्रामीण क्षेत्र में बेहतर और कारगर सुविधाएं भी दे पाएंगी। स्वाभाविक है कि संपत्ति के स्पष्ट आकलन और मालिकाना हक का निर्धारण होने से उनकी कीमतों में भी तेजी आएगी। देखा जाए तो ड्रोन सर्वेक्षण तकनीक के उपयोग से ग्राम पंचायत के पास गांव का सटीक रिकॉर्ड और मानचित्र होगा। जिसका उपयोग कर वसूली, भवन निर्माण के लिए परमिट जारी करने में और अवैध कब्जा समाप्त करने आदि के लिए किया जा सकता है।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2020 के नए वित्तीय वर्ष में 6 प्रमुख राज्यों में स्वामित्व योजना की पायलट शुरुआत की गई है, जिसके तहत यूपी, महाराष्ट्र, कर्नाटक हरियाणा, मध्य प्रदेश और उत्तराखंड में इस योजना को प्रारंभिक तौर पर प्रारंभ किया गया है। समझा जाता है कि यहां जब काम किया जाएगा तो स्पष्ट अनुभव काम आएगा कि गलतियां क्या हैं? कहां हैं और उन्हें कैसे दूर किया जाए। जब वो कमियां ध्यान में आएंगी, तब इसमें सुधार भी किया जाएगा। फिर स्वामित्व योजना को हिंदुस्तान के हर गांव में लागू किया जाएगा, ताकि सभी को इसका समान रूप से फ़ायदा मिल सके।
-कमलेश पांडेय
(वरिष्ठ पत्रकार व स्तम्भकार)
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