प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना से इस तरह उठा सकते हैं ज्यादा से ज्यादा लाभ
मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी योजना 'प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना' का बजट आकार बढ़ते-बढ़ते एक अरब रुपये से अधिक का हो चुका है, जिसके तहत आगामी नवम्बर महीने तक लगभग 80 करोड़ लाभार्थियों को मुफ्त राशन बतौर राहत प्रदान किया जाएगा।
कोरोना वायरस प्रकोप से निपटने के लिए अकस्मात घोषित राष्ट्रीय लॉकडाउन और उससे प्रभावित हुए गरीब लोगों की मदद हेतु प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना की शुरुआत महज तीन महीने के लिए की, उसे अब अतिरिक्त पांच महीने का अवधि विस्तार मिल चुका है। कहने का तात्पर्य यह कि अप्रैल, मई और जून में जो राशन व नगद धनराशि गरीबों को दी गई, उसे आगामी पर्व-त्यौहार वाले महीनों के मद्देनजर नवम्बर माह तक के लिए बढ़ा दिया गया है। अब गरीबों को 5 किलो ग्राम अनाज और 1 किलोग्राम चना बिल्कुल मुफ्त प्रति माह मिलता रहेगा। खुद पीएम मोदी ने गत 30 जून को इस बात का ऐलान किया कि आगामी नवम्बर महीने तक प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत लगभग 80 करोड़ गरीब व जरूरतमंद लोगों को मुफ्त अनाज व चना दिया जाएगा, जिस पर 90 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे।
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बता दें कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना एक तात्कालिक लेकिन प्रासंगिक राहत योजना है, जो निकट भविष्य में स्थायी आकार भी ले सकती है, क्योंकि इससे गरीबों को आशातीत लाभ मिल रहा है। दरअसल, केंद्र सरकार ने गत 26 मार्च को लॉकडाउन के प्रथम चरण को ध्यान में रखते हुए गरीब जनता को कोई खास समस्या ना आए, इसके लिए इस योजना की शुरुआत की थी, जो अपेक्षाकृत सफल रही। खास बात यह है कि लॉकडाउन की बढ़ती अवधि के मद्देनजर इसे भी बढ़ाया गया है। वहीं, अनलॉक वन और अनलॉक टू में भी गरीबों की जरूरतों के मद्देनजर इसे जारी रखना बहुत बड़ी बात है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के मुताबिक, गत अप्रैल में ही विभिन्न प्रकार की योजनाओं को प्रधानमंत्री जन कल्याण योजना के अंतर्गत संबद्ध करते हुए आरंभ किया गया, जिसके सफल कार्यान्वयन के लिए केंद्र सरकार द्वारा 1.70 करोड़ की धनराशि आवंटित की गई।
हालांकि अब आपको यह जानकर सुखद आश्चर्य होगा कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना का बजट आकार बढ़ते-बढ़ते एक अरब रुपये से अधिक का हो चुका है, जिसके तहत आगामी नवम्बर महीने तक लगभग 80 करोड़ लाभार्थियों को मुफ्त राशन बतौर राहत प्रदान किया जाएगा। बताया जाता है कि पीएम गरीब कल्याण योजना के तहत प्रधानमंत्री गरीब कल्याण रोजगार अभियान, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना, गरीब कल्याण डीबीटी योजना को भी समाविष्ट किया गया है। वहीं, इस योजना की स्थिति और इसके उद्देश्य का आकलन करते हुए गरीब कल्याण दिव्यांग पेंशन योजना, महिला स्वयं सहायता समूह के लिए दीनदयाल योजना, एलपीजी बीपीएल गैस योजना आदि को भी इसमें जोड़कर एक आकर्षक पैकेज के रूप में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना का नाम दिया जा चुका है। प्रधानमंत्री राशन सब्सिडी योजना भी अब प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना में ही शामिल की जा चुकी है।
गौरतलब है कि गत 12 मई को पीएम नरेंद्र मोदी ने जिस 20 लाख करोड़ रुपए के आत्मनिर्भर भारत पैकेज की घोषणा की, उसके तहत भी प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना को एक महत्वपूर्ण आयाम घोषित करते हुए इसे यथोचित धनराशि देने की पहल उन्होंने की। इसके बाद, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यह घोषणा की कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत देश के जिन प्रवासी मजदूरों के पास अपना राशन कार्ड नहीं है, उन मजदूर परिवारों को भी अब 5 किलोग्राम चावल या गेहूं और 1 किलोग्राम चना प्रति परिवार की दर से दो महीने मई और जून तक सरकार द्वारा मुफ्त उपलब्ध कराया जायेगा। लेकिन गत 30 जून को ही पीएम ने इसे आगामी नवंबर माह तक के लिए बढ़ा दिया है।
दरअसल, देश के जिन 8 करोड़ प्रवासी लोगों के लिए इस योजना की शुरुआत की गई थी, अब उसका दायरा बढ़ाकर 80 करोड़ गरीब लोगों को इसमें अगले पांच माह के लिए शामिल किया गया है, जिन्हें 5 किलो ग्राम अनाज और 1 किलोग्राम चना मुफ्त मिल रहा है। इस योजना के तहत पहले प्रवासी गरीबों पर करीब 3500 करोड़ रुपए खर्च किये गए, वहीं अब 80 करोड़ लोगों पर 90,000 करोड़ रुपये खर्च किये जाने की योजना है, जिसका पूरा खर्च केंद्र सरकार उठाएगी। गौरतलब है कि यह दुनिया की सबसे बड़ी खाद्य सुरक्षा योजना है, जिसके अंतर्गत केंद्र सरकार द्वारा सभी राशन कार्ड धारकों को 3 माह तक मौजूदा राशन के मुकाबले 2 गुना राशन दिया जाएगा। साथ ही, अतिरिक्त दिया जाने वाला अनाज अथवा राशन बिल्कुल मुफ्त में दिया जाएगा। देशवासियों में प्रोटीन की मात्रा सुनिश्चित करने के लिए 1 किलो चना या दाल भी हर महीने दी जा रही है।
वहीं, पीएमजीकेवाई योजना अंतर्गत लाभार्थियों के खाते में सीमित समय सीमा के अंतर्गत नगद धनराशि भी वितरित की जा रही है। अभी तक प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत डिजिटल पेमेंट के माध्यम से जन धन योजना, उज्ज्वला योजना, पीएम किसान योजना के अंतर्गत लाभ प्रदान किए जा रहे हैं। केंद्र सरकार द्वारा प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत 28,256 करोड़ रुपये की धनराशि लाभार्थियों को प्रदान की गई है। इस योजना के अंतर्गत केंद्र सरकार द्वारा तीन किस्तों में यानी माह अप्रैल, मई और जून में लाभार्थी के खातों में धनराशि वितरित की गई है। केंद्र सरकार द्वारा माह अप्रैल में जब पहली किस्त जारी की गई थी, तो उज्ज्वला योजना के करीब 7.15 करोड़ लाभार्थियों के खाते में 5,606 करोड़ रुपये हस्तांतरित किए गए थे।
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यही नहीं, गत 22 अप्रैल तक प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत 33 करोड़ से अधिक गरीबों को 31,235 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता दी गई है। वहीं, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के ज़रिये सरकार गरीब लोगों, मजदूरी करने वाली महिलाओं, महिलाओं की मवेशियों, शारीरिक रूप से चुनौतियों, स्वयं सहायता समूह (एसएचजी), प्रवासी कार्यकर्ता की मदद करने की कोशिश कर रही है। इस लॉकडाउन अवधि में सरकार देश के किसानों और देश के अन्य लोगों को और उनके द्वारा लाभान्वित होने वाले धन को सीधे उनके खाते डीबीटी मोड के माध्यम से स्थानांतरित कर रही है। वास्तव में सरकार गरीब लोगों, मजदूरी करने वाली महिलाओं, अन्य महिलाओं, विधुर, शारीरिक रूप से विकलांग, एसएचजी, प्रवासी श्रमिक, गरीब लोगों की मदद कर रही है।
केंद्र सरकार द्वारा किसानों के लिए पीएम किसान योजना के तहत 2000 रुपये अप्रैल के प्रथम सप्ताह में भेजे गए। उसी तरह राशन कार्ड धारक 80 करोड़ लोगों को 5 किलोग्राम राशन मुफ्त और 1 किलोग्राम चना मुफ्त में दी गई। वहीं कोरोना वारियर्स डॉक्टर, नर्स, कर्मचारी आदि के लिए 50 लाख रुपये की बीमा जैसी योजनाएं शुरू की गई। वहीं, जन धन योजना के तहत 500 रुपये तीन महीनों के लिए और विधवा, गरीब नागरिकों के लिए, विकलांग, वरिष्ठ नागरिक के लिए 1000 रुपये तीन महीने के लिए भेजे गए। वहीं, उज्ज्वला योजना के तहत गैस सिलेंडर 3 महीनों के लिए मुफ्त में दिए गए। स्वयं सहायता समूहों को अतिरिक्त 10 लाख कोलैटरल लोन, कंस्ट्रक्शन वर्कर के लिए 31000 करोड़ रुपये के फंड्स रिलीज़ किये गए। वहीं, ईपीएफ के तहत सरकार को तीन महीने के लिए 24% (12% + 12%) का भुगतान किया जाएगा।
पीएम गरीब कल्याण योजना के तहत केंद्र सरकार द्वारा इस योजना के अंतर्गत देश के 39 करोड़ आर्थिक रूप से गरीब नागरिकों के बैंक अकाउंट में 34,800 रूपये ट्रांसफर किये गए हैं। पीएमजीकेवाई योजना के तहत ही महिलाओं के जनधन एकाउंट में 500 रुपए महीना जमा किया जा रहा है। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत 46,000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। गरीब परिवारों को खाद्यान्न उपलब्ध कराने के लिए केंद्र सरकार ने विभिन्न राज्यों के लिए 56.7 लाख टन चावल उठाया है। इसी तरह, अगले 5 महीनों में लगभग 25 लाख टन गेहूं की आवश्यकता होगी।
गरीब कल्याण योजना को सफल कार्यान्वयन करते हुए विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा योजना के लाभ केंद्र सरकार की सहायता से लाभार्थियों तक पहुंचाये जा रहे हैं। क्योंकि लॉकडाउन के बाद गरीब लोग खाने के लिए राशन को लेकर बड़े चिंतित दिखे, जिसके मद्देनजर सरकार ने इस योजना के ज़रिये देश के गरीबों को अन्न और धन दोनों, सहायता स्वरूप प्रदान कर रही है। वहीं, चिकित्सक एवं अन्य मेडिकल स्टाफ बीमा योजना के अंतर्गत भारत सरकार द्वारा चिकित्सा क्षेत्र में कार्यरत सभी कार्यकर्ताओं, जैसे- डॉक्टर, नर्स, मेडिकल स्टाफ, आशा वर्कर्स व अन्य सभी स्टाफ को सरकार की तरफ से रुपये 50 लाख तक का बीमा उपलब्ध कराया जा रहा है। इस योजना को आरंभ करने का उद्देश्य चिकित्सा क्षेत्र में कार्य कर रहे कार्यकर्ताओं को सुरक्षा प्रदान करना है। साथ ही साथ उन्हें कोरोना वायरस से लड़ रहे मरीजों की अच्छी देखभाल करने के लिए प्रेरित करना भी है।
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वहीं, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण दिव्यांग पेंशन योजना के तहत देश में मार्च, अप्रैल, मई, जून आदि में चल रहे हालातों के मद्देनजर सरकार द्वारा देश के बुजुर्गों दिव्यांगों के लिए 3 महीनों तक रुपये 1000 की अतिरिक्त पेंशन प्रदान की है, जो डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के माध्यम से दी गई। इस योजना के अंतर्गत लगभग तीन करोड़ लाभार्थी शामिल हैं। वहीं, स्वयं सेवा समूह के लिए दीनदयाल योजना के जरिए भारत सरकार द्वारा इस योजना के अंतर्गत संशोधन करते हुए अब महिला स्वयं सहायता समूह के अंतर्गत कार्यरत महिलाओं को ₹20 लाख तक का लोन उपलब्ध कराया जा रहा है। बता दें कि यह धनराशि पहले महज रुपए 10 लाख तक ही सीमित थी। साथ ही साथ, सरकार द्वारा 3 माह तक सभी महिलाओं, जिनके खाते जनधन के अंतर्गत खुले हुए हैं, उन्हें अगले 3 माह तक रुपये 500 की धनराशि डीबीटी के माध्यम से उपलब्ध कराई गई है।
वहीं, एलपीजी बीपीएल गैस योजना के माध्यम से भारत सरकार द्वारा 3 माह तक सभी बीपीएल परिवारों को तीन एलपीजी गैस सिलेंडर बिल्कुल मुफ्त प्रदान किए गए। इस योजना के अंतर्गत लगभग 8.3 करोड़ लाभार्थी लाभांवित हुए हैं। पहले चरण में उज्ज्वला योजना के तहत 97.8 लाख सिलेंडर जरूरतमंदों तक पहुंचाए गए हैं। वहीं, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत केंद्र सरकार द्वारा घोषणा की गई कि अप्रैल, मई, जून के 3 माह तक इपीएफ कंट्रीब्यूशन भारत सरकार द्वारा किया जाएगा। कहने का तातपर्य यह कि केंद्र सरकार द्वारा 24 फ़ीसदी कंट्रीब्यूशन कर्मचारियों के ईपीएफ खाते में किया जाएगा। इसका लाभ उन सभी कंपनियों को मिलेगा जिनमें 100 या उससे अधिक कर्मचारी कार्य करते हैं तथा कर्मचारियों का वेतन कम से कम ₹15000 है।
पीएम गरीब पेंशन कल्याण योजना के एक हिस्से के रूप में 2.82 करोड़ लोगों को 1405 करोड़ रुपये की पेंशन भेजी गई है, जिसमें विधवा पेंशन, वरिष्ठ नागरिक और दिव्यांगों को दी जाने वाली पेंशन राशि शामिल है। वहीं, बुजुर्गों, दिव्यांगों और विधवाओं को दो किस्तों में तीन महीने तक 1000 रुपये अतिरिक्त दिए गए, जिससे तीन करोड़ लोगों को लाभ मिला। वहीं, उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को तीन महीने तक मुफ्त सिलेंडर दिए गए, जिससे देश के लगभग 8 करोड़ लाभार्थियों को फायदा हुआ। वहीं, प्रधानमंत्री जनधन योजना के अंतर्गत देश की महिला जनधन खाताधारकों को 3 महीने तक 500 रुपये प्रति माह की राशि प्रदान की गई। इससे लगभग 20 करोड़ महिलाओं को लाभ मिला। वहीं, प्रधानमंत्री राशन सब्सिडी योजना के तहत 5.29 करोड़ लोगों को 2.65 लाख मीट्रिक टन राशन अब तक दिया गया है।
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देश के जो गरीब लोग इस योजना के अंतर्गत सब्सिडी पर राशन सरकार द्वारा प्राप्त करना चाहते हैं, तो उन्हें योजना पटल पर दिए गए दिशा-निर्देश को पढ़ना होगा। ऐसे लोगों के लिए खास बात यह है कि प्रधानमंत्री राशन सब्सिडी योजना के तहत लाभ प्राप्त करने के लिए कोई पंजीकरण की प्रक्रिया नहीं है। बल्कि आपको सिर्फ अपने आसपास के राशन दुकानदारों से सम्पर्क करना है। ऐसे लोगों को सरकार 5 किलो ग्राम अनाज और 1 किलो ग्राम चना मुफ्त में प्रति व्यक्ति नवंबर माह तक अलग से देगी। जिन्हें यह सुविधा नहीं मिले, वो अपने नजदीकी जनप्रतिनिधि से सम्पर्क करके मदद मांग सकते हैं, जो अधिकारियों से बात करके जरूरत मंद व्यक्ति को प्रदत्त राशन उपलब्ध करवाएंगे, या फिर मीडिया माध्यमों में भी इसकी शिकायत की जा सकती है, ताकि अधिकारियों की नींद टूटे।
-कमलेश पांडेय
(वरिष्ठ पत्रकार व स्तम्भकार)
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