यूपी बनेगा देश की अर्थव्यवस्था का ग्रोथ इंज

yogi modi
ANI

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इसे 2030 तक देश की नंबर वन अर्थव्यस्था वाला राज्य बनाने को कृत संकल्पित हैं। अभी एक अप्रैल को भी बरेली में एक कार्यक्रम के दौरान इस बात को दोहराया था।

उत्तर प्रदेश की आर्थिक प्रगति देश भर में चर्चा का विषय है। प्रकृति एवं परमात्मा की असीम अनुकंपा के बावजूद उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था सातवें या आठवें स्थान पर झूलती रही। इस दौरान इसका कुल आकार भी 12 हजार करोड़ रुपये से लेकर 12.5 हजार करोड़ रुपये के बीच ही रहा। पर, मार्च 2017 में योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद इसमें अभूतपूर्व बदलाव आया। आज 27.5 हजार करोड़ रुपये की अर्थव्यवस्था के साथ यूपी देश की देश की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला राज्य है। देश की जीडीपी में उत्तर प्रदेश का योगदान 9.2 फीसद है। जीडीपी की ग्रोथ राष्ट्रीय औसत 9.6 फीसद की तुलना में 11.6 फीसद है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इसे 2030 तक देश की नंबर वन अर्थव्यस्था वाला राज्य बनाने को कृत संकल्पित हैं। अभी एक अप्रैल को भी बरेली में एक कार्यक्रम के दौरान इस बात को दोहराया था।

इसे भी पढ़ें: उप्र को निवेश का केंद्र बनाने के लिये एकल खिड़की प्रणाली को और मजबूत किया जाए: योगी आदित्यनाथ

एक्सपर्ट्स और संस्थाएं भी अर्थव्यवस्था की तेजी की मुरीद

अब तो निजी तौर पर आर्थिक विशेषज्ञ और संस्थाएं भी यह मानने लगी हैं कि उत्तर प्रदेश में विकसित भारत का ग्रोथ इंजन बन सकता है। हाल ही में लखनऊ में योजना विभाग की ओर से आयोजित कार्यशाला में नीति आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष डॉ. राजीव कुमार ने भी यह बात कही थी। उन्होंने कहा था कि करीब 56 फीसद युवा आबादी, नौ तरह के अलग कृषि जलवायु क्षेत्र, पानी की भरपूर उपलब्धता आदि के जरिये यह संभव है। उन्होंने अलग-अलग जिलों को आर्थिक गतिविधियों का केंद्र बनाने के लिए जिस एक्शन प्लान का जिक्र किया था, उस पर योगी सरकार पहले से काम कर रही है। एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) योजना और एक जिला-एक जीआई (जियोग्राफिकल इंडिकेशन) इसकी कड़ी है। अब तो सरकार इससे भी आगे एक जिला एक पकवान के बाबत सोच रही है। ओडीओपी योजना प्रदेश की सफलतम योजना है। इसकी तारीफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भर कर चुके हैं। इंडोनेशिया जैसे देश भी इसकी इसके मुरीद हैं।

अर्थव्यवस्था की उपलब्धियों पर एक नजर

नीति आयोग ने राजकोषीय स्थित के संबंध में जारी रिपोर्ट में यूपी को फ्रंट रनर राज्य की श्रेणी में रखा है। भारतीय रिजर्व बैंक ऑफ ने भी कर की प्राप्तियों में उत्तर प्रदेश को देश में दूसरे स्थान पर रखा है। पिछले पांच वर्षों से रेवेन्यू सरप्लस स्टेट की स्थित इस बात का प्रमाण है कि सरकार ने प्रभावी तरीके से कर चोरी, इसके लीकेज को खत्म किया है। इसमें डिजिटलाइजेशन को बढ़ाकर व्यवस्था में पारदर्शिता लाने की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।

इसे भी पढ़ें: सीएम योगी की जीरो टॉलरेंस नीति ने प्रदेश में अपराधों में आई भारी कमी

ऋण और जमा अनुपात (सीडी रेशियो) जो हर दम से प्रदेश की समस्या रही है उसमें भी अच्छा खासा सुधार हुआ है। 2016/2017 में यह 46 फीसद था। 2024 में  बढ़कर 61 फीसद हो गया है। मौजूदा वित्तीय वर्ष में सरकार ने इसके लिए 67 से 70 फीसद का लक्ष्य रखा है। अर्थव्यवस्था में सुधार होने से बैंकों ने भी उत्तर प्रदेश के प्रोजेक्ट्स को फाइनेंस करने में रुचि दिखाई है। आरबी आई की अगस्त 2023 की बुलेटिन के अनुसार फंड आकर्षित करने में 16.2 फीसद की हिस्सेदारी के साथ उत्तर प्रदेश देश में पहले स्थान पर है। समग्रता में आप कह सकते हैं कि मुख्यमंत्री योगी की मंशा के मुताबिक उत्तर प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए पूरी मजबूती के साथ चौतरफा प्रयास जारी है।   

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


(इस लेख में लेखक के अपने विचार हैं।)
We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़