कश्मीर में विफल हो रहे हैं आतंकवादी, आतंकी आकाओं से खफा है ISI

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सुरेश डुग्गर । Dec 15 2018 2:15PM

रक्षाधिकारियों ने इन डायरियों तथा दस्तावेजों में दर्ज की गई जानकारियों से अवगत करवाते हुए कहा कि पाक खुफिया एजेंसी स्थानीय आतंकवादियों से बुरी तरह से खफा है। गुस्से का कारण यह है कि ये आतंकवादी जम्मू-कश्मीर में कुछ बड़ा कर पाने में नाकाम हो रहे हैं।

जम्मू। आतंकवादग्रस्त जम्मू कश्मीर में फैले पाक समर्थक आतंकवाद का नियंत्रण अब खतरनाक व कट्टर आतंकवादी संगठनों के साथ-साथ उन पाकिस्तानी सेना के अधिकारियों के हाथों में आ गया है जो हाल ही में इस ओर घुसने में कायमाब रहे हैं। इसके प्रति रहस्योद्घाटन उन कुछ दस्तावेजों तथा डायरियों से हुआ है जो पिछले दिनों सुरक्षा बलों के हाथों मारे गए आतंकवादियों के कब्जों से बरामद की गई थीं। इस प्रकार के दस्तावेज तथा डायरियां जम्मू-कश्मीर के विभिन्न आतंकवादग्रस्त क्षेत्रों से बरामद की गई हैं।

रक्षाधिकारियों ने इन डायरियों तथा दस्तावेजों में दर्ज की गई जानकारियों से अवगत करवाते हुए कहा कि पाक खुफिया एजेंसी स्थानीय आतंकवादियों से बुरी तरह से खफा है। उसके गुस्से का कारण यह है कि ये आतंकवादी जम्मू-कश्मीर में कुछ बड़ा कर पाने में नाकाम हो रहे हैं। यही कारण है कि अब पाकिस्तान को सीमा पार से विदेशी कट्टर आतंकवादियों के साथ-साथ अपनी नियमित सेना के अधिकारियों तथा सैनिकों को कश्मीर में तथाकथित ‘जेहाद’ के लिए धकेलना पड़ रहा है।

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कुछ दिन पहले कश्मीर में मारे गए एक विदेशी आतंकवादी, जिसकी पहचान बबूद के रूप में की गई है, से बरामद डायरी में दर्ज जानकारियों के अनुसार, स्थानीय आतंकवादी ‘डरपोक तथा कमजोर’ हैं। नतीजतन उन्हें कश्मीर में ‘जेहाद’ लड़ने के लिए आना पड़ रहा है। इस डायरी के अनुसार, उसे डोडा जिले में सक्रिय हिज्बुल मुजाहिदीन के कमांडर से चार्ज भी लेना था ताकि पूरा नियंत्रण विदेशी आतंकवादियों के हाथों में आ जाता।

इसी प्रकार की एक डायरी व दस्तावेज कश्मीर के कुपवाड़ा जिले से बरामद हुआ। उसमें दर्ज जानकारी के अनुसार, लश्करे तौयबा, हरकतुल अंसार, हरकतुल जेहादी, जैश-ए-मुहम्मद के विदेशी आतंकवादियों को सारे राज्य में आप्रेशनल चार्ज संभालने के निर्देश दिए गए हैं। इन दस्तावेजों में शामिल बातों से यह भी स्पष्ट होता है कि हाल ही में जम्मू-कश्मीर में जो आतंकवादी गतिविधियां बढ़ी हैं वे सभी उन विदेशी आतंकवादी दलों का ही कार्य था जो हाल ही में सीमा पार से इस ओर घुसने में कामयाब रहे हैं।

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आतंकवादियों से जो दस्तावेज बरामद हुए हैं उनमें सबसे अधिक चौंकाने वाला पहलू यह है कि कश्मीर में आतंकवादियों के साथ-साथ पाकिस्तान की नियमित सेना के बहुत से अधिकारी तथा सैनिक भी सक्रिय हैं। इन दस्तावेजों के अनुसार, पिछले कुछ अरसे से पाक सेना के अधिकारियों की कश्मीर में सक्रियता कुछ अधिक ही बढ़ी है। अधिकारी भी मानते हैं कि राज्य में फैले आतंकवाद में पाक सेना के जवानों तथा अधिकारियों की संख्या बढ़ती जा रही है। गौरतलब है कि कश्मीर में फैले आतंकवाद में अभी तक 27 से अधिक पाक सैनिक जम्मू-कश्मीर में पकड़े जा चुके हैं तथा 11 के करीब पाक सैनिकों को मुठभेड़ों में मारा जा चुका है।

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दस्तावेजों तथा अधिकारियों के अनुसार, पाक सेना के सैन्यकर्मी आतंकवादियों को प्रशिक्षण देने के साथ साथ कश्मीर में फैले आतंकवाद का नियंत्रण भी कर रहे हैं। अधिकारियों ने रहस्योद्घाटन किया है कि पकड़े गए आतंकवादियों ने भी बताया है कि पाक सैनिक आतंकवादियों को प्रशिक्षण देते रहे हैं तथा सीमा के आर-पार आने-जाने के लिए वे आतंकवादियों के लिए मार्गदर्शक का कार्य भी करते हैं।

-सुरेश डुग्गर

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