Vishwakhabram: Pakistani Punjab की पहली महिला CM Maryam Nawaz ने PM Modi का नाम लेकर अपने कार्यकाल की शुरुआत क्यों की?

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यह बात भी गौर करने लायक है कि लगभग 180 साल बाद पंजाब के उस भाग में किसी महिला का शासन आया है। इसके अलावा मरियम का मुख्यमंत्री बनना पाकिस्तान जैसी पुरुष-प्रधान राजनीतिक व्यवस्था में कोई छोटी उपलब्धि नहीं है, जहां महिलाओं को अक्सर हाशिये पर धकेल दिया जाता है।

पाकिस्तान में परिवारवादी राजनीति की विरासत को आगे बढ़ाते हुए मरियम नवाज पंजाब सूबे की मुख्यमंत्री बन गयी हैं। नवाज शरीफ की बेटी मरियम इससे पहले अपने चाचा शहबाज शरीफ की सरकार में पाकिस्तान की सूचना मंत्री रह चुकी हैं। मरियम पाकिस्तान के सबसे बड़े सूबे पंजाब प्रांत की पहली महिला मुख्यमंत्री तो हैं ही साथ ही उन्हें अपने पिता की वास्तविक राजनीतिक उत्तराधिकारी के रूप में भी देखा जाता है। माना जा रहा है कि आगे चल कर वह देश के प्रधानमंत्री का पद भी संभाल सकती हैं और यदि ऐसा हुआ तो बेनजीर भुट्टो के बाद वह दूसरी ऐसी महिला होंगी जो प्रधानमंत्री पद तक पहुँचेंगी। मरियम को पंजाब का मुख्यमंत्री बना कर नवाज शरीफ ने इस बात के साफ संकेत दे भी दिये हैं कि आने वाले समय में उनकी बेटी ही देश पर राज करेगी। लाहौर में शपथ ग्रहण समारोह में मंच पर पिता और चाचा के बीच मुस्कुराती हुईं मरियम साफ संकेत दे रही थीं कि पाकिस्तान में एक बड़ी राजनीतिक हस्ती का उदय हो रहा है।

यहां यह बात भी गौर करने लायक है कि लगभग 180 साल बाद पंजाब के उस भाग में किसी महिला का शासन आया है। इसके अलावा मरियम का मुख्यमंत्री बनना पाकिस्तान जैसी पुरुष-प्रधान राजनीतिक व्यवस्था में कोई छोटी उपलब्धि नहीं है, जहां महिलाओं को अक्सर हाशिये पर धकेल दिया जाता है। इसके अलावा यह निश्चित रूप से उस परिवार में भी कोई छोटी उपलब्धि नहीं है जहां हर व्यक्ति पंजाब प्रांत का मुख्यमंत्री रहा है या बनना चाहता है। हम आपको बता दें कि नवाज शरीफ ने शहबाज शरीफ को भी प्रधानमंत्री बनवाने से पहले उन्हें कई बार पंजाब का मुख्यमंत्री बनाया और उसके बाद जब इमरान खान की सरकार गिरी तो शहबाज को पद संभालने के लिए आगे कर दिया। अब जब पाकिस्तान में एक बार फिर गठबंधन सरकार बनने जा रही है तो नवाज शरीफ ने शहबाज शरीफ के नाम पर गठबंधन दलों के बीच सहमति बनवा ली है। इस तरह चाचा देश का प्रधानमंत्री होगा और भतीजी पाकिस्तान के सबसे बड़े प्रांत और देश के किसी भी राज्य की पहली महिला मुख्यमंत्री होंगी।

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हम आपको बता दें कि मरियम अक्टूबर 1999 में पहली बार तब सुर्खियों में आई थीं जब अक्टूबर 1999 में जनरल परवेज मुशर्रफ ने उनके पिता नवाज शरीफ की सरकार का तख्तापलट कर दिया था और उन्हें कैद कर लिया था। उस समय परवेज मुशर्रफ ने नवाज परिवार के पुरुष सदस्यों को जेल में डाल दिया था। उस समय नवाज की पत्नी कुलसुम और बेटी मरियम ने जनता का समर्थन हासिल करने के लिए रैलियां की थीं और मीडिया को साक्षात्कार दिये थे। देखा जाये तो राजनीतिक उत्पीड़न का सामना करने से ही मरियम नवाज़ का राजनीतिक कॅरियर शुरू हुआ था। तानाशाहों और दूसरे दलों की सरकारों ने जहां उनके पिता को राजनीतिक रूप से निशाना बनाया वहीं मरियम के खिलाफ अदालतों में झूठे राजनीतिक मुकदमे दायर कर दिये। जुलाई 2018 में लाहौर हवाई अड्डे पर नवाज शरीफ और मरियम को आम चुनाव से कुछ दिनों पहले जब हिरासत में ले लिया गया था तब भी उनके चेहरे पर जरा भी शिकन देखने को नहीं मिली थी। पाकिस्तान में देखा जाये तो राजनीतिक शुरुआत से पहले जेल जाना सभी के लिए फायदेमंद रहा है।

यही नहीं, पाकिस्तान में इमरान खान की सरकार के दौरान उन्हें कई तरह से प्रताड़ित किया गया लेकिन वह सरकार के खिलाफ मुखर बनी रहीं। उस दौरान लंदन में बैठे नवाज शरीफ ने चेताया भी था कि यदि उनकी बेटी को कुछ हुआ तो वह किसी को नहीं बख्शेंगे। हम आपको यह भी बता दें कि मरियम को प्रशासनिक कार्यों का अनुभव पहले से ही हासिल है। दरअसल 2013 में अपने पिता के तीसरे प्रधानमंत्रित्व काल में मरियम को पीएमएल-एन में प्रमुख भूमिका मिली थी। उन्होंने उस दौरान प्रधानमंत्री कार्यालय में एक मीडिया संचार सेल की स्थापना की और प्रधानमंत्री के युवाओं संबंधी कार्यक्रमों का प्रभार भी संभाला। परन्तु उस समय मरियम का बढ़ता प्रभाव और सरकारी कामों में उनकी दखलंदाजी के चलते बहुत से अफसर उन्हें नापसंद करते थे और अक्सर उन्हें विवादों से जोड़ा जाता था। उदाहरण के लिए, उन्हें 2016 के तथाकथित डॉन लीक्स में फंसाने का प्रयास किया गया था। इसके अलावा उन पर ईशनिंदा सामग्री का समर्थन करने का आरोप भी लगाया गया था।

देखा जाये तो बेनजीर भुट्टो से लेकर मरियम नवाज तक, पाकिस्तान की महिला राजनेताओं के लिए शीर्ष तक का सफर आसान नहीं रहा है। पाकिस्तान में जलसों, सभाओं और ऑनलाइन प्लेटफार्मों में महिलाओं के बारे में घिनौनी बातें कहना कोई नई बात नहीं है। इमरान खान को ही लीजिए, जिन्होंने कहा था कि मरियम मेरा नाम इतनी शिद्दत से मत लेना वरना तुम्हारे पति को बुरा लगेगा। यही नहीं शपथ ग्रहण के बाद यदि मैडम सीएम विधानसभा में हाथ जोड़ती हैं या सम्मान के लिए अपने पिता के पैर छूती हैं, तो आलोचक जवाब देते हुए कहते हैं कि यह हमारी संस्कृति नहीं है। हम आपको बता दें कि मुख्यमंत्री बनने के बाद जब मरियम ने अपने पिता नवाज शरीफ के पैर छुए तो पाकिस्तान में सोशल मीडिया पर कई लोगों ने लिखा कि ये हमारी संस्कृति नहीं है, ये सब तो हिंदू करते हैं।

बहरहाल, विधानसभा में अपने पहले संबोधन से मरियम ने संकेत दिये हैं कि वह सबको साथ लेकर चलेंगी। साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि अर्थव्यवस्था को संभालना उनकी प्राथमिकता होगी। उन्होंने अर्थव्यवस्था को संभालने के लिए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों पर चलने के संकेत भी दिये हैं। पाकिस्तानी पंजाब प्रांत की पहली महिला मुख्यमंत्री मरियम नवाज ने प्रधानमंत्री मोदी के आर्थिक दृष्टिकोण की प्रशंसा करते हुए कहा है कि उनका इरादा पीएम मोदी के आर्थिक मॉडल के समान कार्यक्रमों को लागू करने का है। मरियम नवाज ने कहा है कि वह पंजाब प्रांत को आर्थिक केंद्र में बदलने के लिए नीतियां बनाएंगी। देखना होगा कि मोदी की आर्थिक नीतियों पर चलते हुए मरियम पाकिस्तानी पंजाब को कैसे आगे बढ़ाती हैं। हम आपको याद दिला दें कि इससे पहले इमरान खान मोदी की विदेश नीति के मुरीद रहे हैं और अब मरियम की ओर से मोदी की आर्थिक नीतियों की तारीफ की गयी है। कहा जा सकता है कि पाकिस्तान में भारतीय प्रधानमंत्री का एक और बड़ा राजनीतिक प्रशसंक पैदा हो गया है।

-नीरज कुमार दुबे

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