2019 में होने वाले विश्व कप के लिए कितनी तैयार है टीम इंडिया ?
ज्यादातर बड़े टूर्नामेंट में टीम इंडिया ने ज्यादातर अच्छा प्रदर्शन किया है। वहीं 2011 वर्ल्ड कप और 2013 में चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब अपने नाम करना भारत की ताकत का सबूत भी प्रदान करता है।
भारतीय क्रिकेट टीम इन दिनों बेहतर प्रदर्शन कर रही है। विराट कोहली की अगुवाई में टीम नई बुलंदियों को लगातार छू रही है। हाल ही में ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के खिलाफ सीरीज जीतकर भारतीय टीम का पूरी दुनिया में डंका बजा है। वैसे तो पिछले तीन दशक से एकदिवसीय क्रिकेट में भारत हमेशा से मजबूत टीमों में शुमार रहा है। बड़े टूर्नामेंट में टीम ने ज्यादातर अच्छा प्रदर्शन किया है। वहीं 2011 वर्ल्ड कप और 2013 में चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब अपने नाम करना भारत की ताकत का सबूत भी प्रदान करता है।
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वर्ष 2019 में आयोजित होने वाला एकदिवसीय वर्ल्ड कप अब नजदीक है। मई के आखिरी सप्ताह में इंग्लैंड की सरजमीं पर वर्ल्ड कप का बिगुल बज जाएगा। क्रिकेट खेलने वाले तमाम देश इस खिताब को अपने नाम करना चाहते हैं। लेकिन कुछ ही टीमों को विश्व कप की ट्रॉफी चूमने का सौभाग्य मिलता है। इस साल होने वाले वर्ल्ड कप के लिए भारतीय टीम हर तरफ से सर्वश्रेष्ठ दिखाई दे रही है। टीम के पास बल्लेबाजी से लेकर गेंदबाजी का बेजोड़ संयोजन है। पिछले कुछ वर्षों से फील्डिंग इस टीम की सबसे बड़ी ताकत बन कर उभरी है। जिसके दम पर भारत ने हारे हुए मैच को भी जीत में तब्दील किया है। वैसे तो विराट की अगुवाई में ब्लू ब्रिगेड के पास हर वो चीज है जो एक चैंपियन टीम में होनी चाहिए। कप्तान के तौर पर दुनिया का सबसे बेहतरीन बल्लेबाज इस टीम के पास है। ओपनर में रोहित शर्मा और शिखर धवन की जोड़ी हैं, जिनका खौफ दुनिया भर के गेंदबाजों में साफ दिखाई पड़ता है। विकेटकीपर के रूप में क्रिकेट का चाणक्य महेंद्र सिंह धोनी हिंदुस्तान के पास है। वहीं गेंदबाजी में तो इस वक्त टीम का कोई जवाब नहीं है। जिसके सामने विश्व क्रिकेट के सभी बल्लेबाज धराशायी दिखाई पड़ते हैं। लेकिन सवाल ये है कि क्या यह टीम इंडिया वर्ल्ड कप के लिए पूरी तरह दावेदार है। इस टीम के पास ऐसी कोई भी कमजोरी नहीं है, जिसकी वजह से हिंदुस्तान इस बार विश्व कप नहीं जीत सकता है।
मुश्किल परिस्थियों में मैच जितना के काबिल है टीम इंडिया का मध्यक्रम !
भारतीय टीम इस समय आईसीसी रैंकिंग में 121 रेटिंग प्वाइंट्स के साथ दूसरे स्थान पर मौजूद है। भारत से आगे सिर्फ इंग्लैंड की टीम है जो पहले पायदान पर काबिज है। वहीं यह वर्ल्ड कप इंग्लैंड की सरजमीं पर आयोजित होना है। भारतीय टीम के अगर 2018 में वनडे क्रिकेट के प्रदर्शन पर नजर डाली जाए तो इस टीम ने बेहद ही शानदार खेल दिखाया है। दक्षिण अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड को घर में घुसकर मात दी है। टीम के क्षेत्ररक्षण कोच आर. श्रीधर के मुताबिक वर्ल्ड कप में भारत जीत का प्रमुख दावेदार है। श्रीधर ने कहा कि ‘भारत की बल्लेबाजी हमेशा से मजबूत रही है लेकिन अब गेंदबाजों ने भी मैच के विभिन्न चरण में विकेट लेना शुरू कर दिया है। वे भुवनेश्वर और मोहम्मद शमी हों या स्पिन विभाग में कुलदीप यादव और युजवेंद्र चहल उन्होंने दक्षिण अफ्रीका में, आस्ट्रेलिया के खिलाफ शानदार प्रदर्शन किया है।
लेकिन इस दौरान ये सवाल उठने लाजमी है कि क्या न्यूजीलैंड के खिलाफ 92 रन पर ऑलआउट होना इस टीम की कमजोरी को नहीं दर्शाता है। क्रिकेट की नजर से देखें तो किसी भी टीम के लिए एक खराब दिन कभी भी आ सकता है। लेकिन जेहन में यह सवाल भी उठना सही है कि क्या इस टीम के मध्य क्रम में वो ताकत नहीं जो मुश्किल परिस्थितियों में मैच भारत की तरफ झुका सकें। क्या रोहित शर्मा, विराट कोहली और धोनी के अलावा इस टीम के पास कोई बल्लेबाज नहीं है, जो डूबती नैया को बचा सकें। अगर इस समय की भारतीय टीम पर नजर डाली जाए तो मध्य क्रम और निचला मध्य क्रम इस टीम की सबसे बड़ी चिंता है। अंबाति रायडू, केदार जाधव, दिनेश कार्तिक, आजिंक्य रहाणे, केएल राहुल, ऋषभ पंत जैसे कई खिलाड़ी हैं जो इंग्लैंड में होने वाले वर्ल्ड कप के लिए अपनी दावेदारी लगातार पश कर रहे हैं। रायडू, जाधव और कार्तिक न्यूजीलैंड दौरे की टीम में भी हैं। वैसे तो दिनेश कार्तिक और अंबाति रायडू ने कुछ मैचों में अच्छा प्रदर्शन किया है। लेकिन न्यूजीलैंड के खिलाफ चौथे वनडे मैच में विषम परिस्थितियों में किसी के खेल में अनुभव नजर नहीं है। शीर्ष क्रम के बिखर जाने के बावजूद किसी खिलाड़ी ने मैदान में रूकने का साहस नहीं दिखाया। टीम पूरे पचास ओवर भी नहीं खेल सकी और इसके बाद नतीजा 8 विकेट से बेहद ही शर्मनाक हार के रूप में मिला।
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जाहिर है वर्ल्ड कप अब काफी नजदीक है और टीम इंडिया इन हार से सबक लेकर अपनी तैयारियों को और ज्यादा मजबूत करना चाहेगी। क्योंकि अगर भारत को 2019 खास बनाना है तो विश्व कप के रूप में देशवासियों को तोहफा देना विराट कोहली की सबसे बड़ी उपलब्धि होगी। यह चीजें तभी सफल हो सकती हैं, जब इस टीम का हर एक खिलाड़ी मुश्किल परिस्थियों में मैच जितना की काबिलियत रखता हो और यह टीम किसी भी हालात से निकल कर मैच अपनी मुट्ठी में कर सकती हो। इसके लिए मध्य क्रम को मुश्किल परिस्थितियों मे रन बनाने होंगे। रन बनाने का मतलब उस समय रन बनाने होंगे जब टीम को उनके स्कोर की बेहद दरकार हो और अगर ऐसा करने में हमारे खिलाड़ी सफल हुए तो भारतीय टीम को 2019 में इंग्लैंड की सरजमीं पर तिरंगा लहराने और इंडिया-इंडिया के नारें लगाने से कोई नहीं रोक सकता है।
-दीपक कुमार मिश्रा
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