एंटी रोमियो स्कवॉड महिला सुरक्षा की दिशा में ऐतिहासिक कदम

प्राची थापन । Apr 12 2017 3:10PM

इस स्कवॉड में हर जोन में 500 पुलिस अधिकारी और जवान काम करेंगे। जोन के एक थाने के अंतर्गत 2 से 2 टीमें बनाई गई हैं और प्रत्येक टीम में पुलिस के 2 जवान होंगे।

 उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महिलाओं की सुरक्षा के लिए एंटी रोमियो स्कवॉड का गठन कर महत्वपूर्ण कदम उठाया है। उन्होंने पूर्व की सरकारों के पद चिन्हों पर ना चलते हुए प्रदेश में महिलाओं की सुरक्षा पर विशेष बल दिया है। उन्होंने सत्ता में आते ही अपनी पार्टी का चुनावी वादा पूरा करते हुए उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में एंटी रोमियो स्कवॉड का गठन किया। इस स्कवॉड में हर जोन में 500 पुलिस अधिकारी और जवान काम करेंगे। जोन के एक थाने के अंतर्गत 2 से 2 टीमें बनाई गई हैं और प्रत्येक टीम में पुलिस के 2 जवान होंगे और कोशिश यही है कि प्रत्येक टीम में एक पुरुष और एक महिला पुलिस अधिकारी हो और अगर एक टीम के अंतर्गत ज्यादा स्कूल, कॉलेज और बाजार होंगे तो वहां पर टीमों की संख्या बढ़ाने का भी प्रावधान भी है। इस दल ने स्कूल, कॉलेजेस, गलियों, पार्को और भीड़भाड़ के इलाकों के साथ-साथ सार्वजानिक स्थानों पर भी विशेष ध्यान दिया है क्योंकि ये जगहें शरारती तत्वों के निशाने पर रहती हैं। इस दल का मुख्य कार्य ऐसे शख्स की पहचान करना है जो महिलाओं और लड़कियों का पीछा करते हों और उन पर अश्लील कमैंट्स और फब्तियां कसते हों। इन पर लगाम कसने के लिए पुलिस के अधिकारी और जवान वर्दी के साथ साथ सामान्य लिबास में भी हो सकते हैं। यह सुविधा अभी सिर्फ 100 और 1090 नंबर पर ही उपलब्ध कराइ जा रही है और अगर इसकी भविष्य में और जरूरत पड़ती है तो और हेल्पलाइन नंबर लाये जाएंगे।

इस अभियान को विवादों से बचाने का भी प्रावधान किया गया है, जिसमें दोषियों की पहचान होने पर चेतावनी देकर छोड़ दिया जायेगा या उसके कृत्यों के बारे में उसके अभिभावकों को सूचित किया जायेगा। दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही का भी प्रावधान उस परिस्थिति में किया जायेगा जब मामला अधिक गंभीर होगा, यानि शारीरिक प्रताड़ना की स्थिति में दोषियों पर कानून के तहत कड़ी कार्यवाही का भी प्रावधान है। मनचलों पर नकेल कसने के लिए इस कड़ी में पुलिस ने आम जनता की सहभागिता को भी सुनिश्चित किया है जैसे- पान वाला, दुकानदार, रेहड़ी या फेरी वाले, रिक्शा वाला और आसपास के लोग जोकि मनचलों की प्रतिदिन की गतिविधियों पर नज़र रख पुलिस के इस काम को और आसान करेंगे और साथ ही पुलिस ने इस सम्बन्ध में जन जागरूकता अभियान चलाने का भी फैसला किया है और लोगों में पुलिस के प्रति विश्वास जगाया है ताकि ऐसी किसी गतिविधि की सूचना तत्काल बेझिझक होकर पुलिस को दें। सरकार ने प्रत्येक पुलिस दल को आदेश दिया है कि प्रतिदिन अपने थाना क्षेत्र में एक बार गश्त जरूर लगाएं।

पुलिस ने इस अभियान की शुरुआत के क्रम में सबसे पहले उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ और मनचलों के कृत्यों से सबसे अधिक प्रभावित पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जिले मेरठ में कार्रवाई की जिसका असर दिखने भी लगा है। स्क्वॉड के काम के विषय में आईजी गणेशन ने कहा है कि स्कूल, कॉलेज या सार्वजनिक स्थलों पर ये स्क्वॉड एक्टिव रहेगा। उन्होंने कहा कि हमारी पूरी कोशिश है कि ऐसे अवांछित तत्व जो लड़कियों और महिलाओं को परेशान करते हैं, उन्हें टोका जाए और अगर जरूरत पड़े तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए। मसलन, किसी कॉलेज के पास कोई बेवजह घूमता मिलता है तो ये दल उससे पूछताछ करेगा और उसकी आईडी देखने और जवाब से संतुष्ट होने के बाद उसे जाने दिया जाएगा, अगर वह संतोषजनक जवाब नहीं दे पाता है तो उसे थाने लाया जाएगा, इस दौरान उसके माता-पिता या परिजनों को भी बुलाकर काउंसिलिंग की जाएगी। वहीं इस दौरान अगर कोई लड़की शिकायत करती है तो उस पर भी कार्रवाई फौरन की जाएगी।

आईजी ने कहा कि हमारा मकसद टोकना है और महिलाओं, लड़कियों में ये विश्वास जगाना है कि उनकी सुरक्षा के लिए पुलिस है। इस पूरी कार्रवाई की वीडियो रिकॉर्डिंग भी की जाएगी, ताकि अगर मामला अदालत तक पहुंचता है तो पुलिस पर्याप्त साक्ष्य पेश कर सके। अगर देखा जाए तो इस स्कवॉड के गठन से काफी हद तक फायदा हुआ है और इससे महिलाओं में भी अपनी सुरक्षा को लेकर आत्मविश्वास बढ़ा है।

आईजी गणेशन के अनुसार पुलिस इस अभियान के तहत स्कूलों के पास बिना यूनिफार्म के खड़े युवाओं से पूछताछ करेगी, बेवजह खड़े होने का कारण पूछेगी और आईडी मांगेगी, स्टाइलिश कपड़े पहने युवाओं पर नज़र रखेगी, संदिग्ध दिख रहे युवाओं से पूछताछ होगी और कार्यवाही की वीडियो रिकॉर्डिंग होगी तथा बिगड़े युवाओं की परिवार के संग कॉउन्सिलिंग करेगी। इस अभियान के तहत निर्देश है कि पुलिस कभी भी लाठी नहीं चलाएगी, किसी युगल को परेशान नहीं किया जायेगा, परिवारों से नहीं होगी पूछताछ और पूछताछ के दौरान अभद्र व्यवहार नहीं किया जायेगा।

वैसे तो हम किसी पार्टी विशेष के पक्ष में नहीं हैं लेकिन फिर भी जो सामने दिख रहा है वह यही है कि महिलाओं की सुरक्षा के विषय को नयी सरकार ने अपनी प्राथमिकता में रखा और सत्तारुढ़ पार्टी ने चुनावों के समय इस मुद्दे पर सिर्फ बोला ही नहीं बल्कि सत्ता में आने पर उसको सार्थक भी कर दिखाया। इस फैसले के बाद महिलाओं में अपनी सुरक्षा को लेकर खोता विश्वास वापस आने लगा है और सुरक्षा को लेकर बनी पुलिस की छवि के विषय में धारणा भी बदलने लगी है। इसका प्रभाव इतना दिखा रहा है कि उत्तर प्रदेश के साथ साथ अन्य राज्यों ने भी इस ओर सोचना शुरू कर दिया है।

- प्राची थापन

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