युवा खिलाड़ियों का जीत के प्रति जुनून टीम इंडिया के बेहतर भविष्य का संकेत
अगर इस नई टीम इंडिया को देखें तो ये हर मायनों में सर्वश्रेष्ठ है। इस टीम की जान इसके खेल से ज्यादा आत्मविश्वास है जो हर परिस्थितियों में लड़ना जानती है वहीं जीत हासिल करने का जुनून इस टीम को सबसे ज्यादा खतरनाक बनाता है।
भारतीय क्रिकेट का इन दिनों वर्तमान और भविष्य काफी शानदार दिखाई दे रहा है। कप्तान विराट कोहली की अगुवाई में भारत विश्व क्रिकेट की तमाम टीमों को हरा चुका है। इंग्लैंड दौरे में असफलता के बाद विराट कोहली ने कंगारू टीम को टेस्ट और वनडे में रौंदने के बाद न्यूजीलैंड में भी 10 साल बाद वनडे सीरीज जीत हिंदुस्तान का परचम लहराया। अगर इस नई टीम इंडिया को देखें तो ये हर मायनों में सर्वश्रेष्ठ है। इस टीम की जान इसके खेल से ज्यादा आत्मविश्वास है जो हर परिस्थितियों में लड़ना जानती है वहीं जीत हासिल करने का जुनून इस टीम को सबसे ज्यादा खतरनाक बनाता है।
भारतीय टीम में इस वक्त अनुभवी खिलाड़ियों की बेजोड़ तालमेल है। जहां धोनी जैसे अनुभवी खिलाड़ी टीम की जीत की बुनियाद लिखते हैं। वहीं पृथ्वी शॉ जैसे युवा खिलाड़ी रातों रात अपने प्रदर्शन से फलक का सितारा बनकर उभर पड़ते हैं। भारतीय क्रिकेट में अगर युवाओं की बात करें तो ना जाने कितने तमाम चेहरे हैं, जिनका भविष्य काफी चमकदार दिखाई देता है।
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वर्ष 2018 में भारत ने न्यूजीलैंड की धरती पर ही अंडर-19 वर्ल्ड कप का खिताब जीतते हुए इतिहास रचा था। लेकिन क्या सिर्फ चमचमाती ट्रॉफी और वर्ल्ड चैंपियन का ताज ही हिंदुस्तान को उस दिन मिला था। अगर गौर किया जाए तो अंडर-19 वर्ल्ड कप से पृथ्वी शॉ, शुभमन गिल, मनजोत कालरा, शिवम मावी और कमलेश नागरकोटी जैसे कितने सितार इस देश को मिले थे। जिन्हें भारतीय क्रिकेट का भविष्य माना जा रहा है।
अब सवाल ये उठता है कि क्या ये युवा खिलाड़ी गावस्कर, सचिन, द्रविड़, कुंबले के द्वारा संजोयी गयी विरासत को संभालने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। मौजूदा टीम इंडिया में कोहली, रोहित शर्मा जैसे भी खिलाड़ी हैं जो दिन प्रतिदिन भारत को विश्व क्रिकेट में और ज्यादा ताकतवर बनाए जा रहे हैं। लेकिन इसके साथ परेशानी यह भी है कि क्या युवा खिलाड़ी आगे भारतीय क्रिकेट को इसी राह पर कायम रखने में कामयाब होंगे। टीम इंडिया को छोड़ दिया जाए तो क्रिकेट खेलने वाले दुनिया भर के तमाम देश बदलाव के दौर से गुजर रहे हैं। ऑस्ट्रेलिया, श्रीलंका, विंडीज जैसी कई टीम हैं जिन्हें अपनी सरजमीं पर ही हार का सामना करना पड़ रहा है। इसका कारण उनके देश में अनुभवी खिलाड़ियों के जाने के बाद युवा खिलाड़ियों का उस जगह को ना भर पाना ही असली मुद्दा है। लेकिन भारत में हालात दुनिया भर के विपरीत हैं। भारतीय क्रिकेट में युवा खिलाड़ी धमाल मचाए हुए हैं। पृथ्वी शॉ और शुभमन गिल जैसे खिलाड़ी अंडर-19 वर्ल्ड खेलने के एक साल के भीतर ही टीम में हैं। वहीं पृथ्वी शॉ ने विंडीज के खिलाफ अपने डेब्यू मैच में शतक जड़कर ये भी जता दिया कि वो भविष्य में भारत के लिए कितना बड़ा हथियार है।
प्रतिभावना खिलाड़ियों से मजबूत हो जा रहा है भारतीय क्रिकेट
न्यूजीलैंड के खिलाफ टीम इंडिया में शुभमन गिल को जगह मिली है। गिल उन खिलाड़ियों में शुमार है जिनसे भारतीय क्रिकेट को भविष्य में तमाम उम्मीदें हैं। रणजी ट्रॉफी में अपने शानदार प्रदर्शन से उन्होंने जता भी दिया कि उन पर विश्वास करना कितना सही है। जाहिर है जब भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली भी इस युवा खिलाड़ी के प्रशंसक बन जाएं तो शुभमन की काबिलियत का अंदाजा अपने आप लगाया जा सकता है। न्यूजीलैंड के खिलाफ सीरीज जीत के बाद टीम इंडिया के कप्तान ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘मैंने शुभमन को नेट्स पर बल्लेबाजी करते हुए देखा और मैं हैरान था, जब मैं 19 बरस का था तो इसका 10 प्रतिशत भी नहीं था। कोहली ने कहा, ‘उनके अंदर इसी तरह का आत्मविश्वास है और अगर स्तर में सुधार होता रहता है तो यह भारतीय क्रिकेट के लिए शानदार है। टीम में आने वाले खिलाड़ी आते ही प्रभाव छोड़ते हैं और उन्हें मौका देने और विकसित होने में मदद करने में हमें खुशी होती है।
जाहिर है अंर-19 वर्ल्ड कप में धमाकेदार प्रदर्शन के बाद रणजी ट्रॉफी की 10 पारियों में शुभमन ने 98.75 की औसत से 790 रन बनाए हैं। इसमें उन्होंने 2 शतक और 5 अर्धशतक भी जड़े हैं। वहीं अगर एक और युवा खिलाड़ी पृथ्वी शॉ की बात करें तो उन्होंने भारत के लिए टेस्ट क्रिकेट में मौका मिलते ही अपनी चमक बिखेर दी। पृथ्वी ने भारत के लिए अभी तक 2 टेस्ट मैच खेले हैं जिसमें उनके बल्ले से 118.5 की शानदार औसत से 237 रन निकले हैं। इस दौरान उन्होंने 1 शतक और 1 अर्धशतक भी जड़ दिया है।
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साफ है टीम इंडिया के लिए इन युवा खिलाड़ियों का प्रदर्शन सुनहरे भविष्य का संकेत है। ऐसा भी नहीं कि यह दोनों खिलाड़ी ही टीम इंडिया के दरवाजे पर दस्तक देने के लिए खड़े हैं। इनके अलावा घरेलू क्रिकेट में ना जाने कितने खिलाड़ी हैं जो हर दिन अपने प्रदर्शन से सबका ध्यान खींच रहे हैं। शायद इन्हीं खिलाड़ियों का प्रदर्शन है जो भारतीय क्रिकेट के धाकड़ सलामी बल्लेबाज शिखर धवन को भी प्रदर्शन ना करने पर टीम में जगह खोने के डर दे रहा है। हाल ही में धवन ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा था कि आजकल युवा खिलाड़ी बहुत ही ज्यादा प्रतिभाशाली हैं और वह अपनी प्रतिभा का जमकर इस्तेमाल कर रहे हैं। वो जिस तरह से टैलेंट दिखा रहे हैं वह कभी भी मेरी जगह ले सकते हैं। जाहिर है जिस तरह से युवा खिलाड़ी का प्रदर्शन है और अनुभवी खिलाड़ी भी इन नई प्रतिभाओं से डरे हुए हैं। उसकी वजह से ये कहना गलत नहीं होगा कि भारतीय क्रिकेट की बागडोर प्रतिभावान खिलाड़ियों के हाथों में है। जो भविष्य में हिंदुस्तान के क्रिकेट को तमाम बुलंदियों पर पहुंचाने की पूरी काबिलियत रखते हैं।
- दीपक कुमार मिश्रा
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