स्पिन की भूमिका रहेगी, एडीलेड की पिच संतुलित मुकाबले के लिए तैयार की गई है: Curator
ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच दूसरे टेस्ट के दौरान स्पिन गेंदबाजी के भूमिका निभाने की उम्मीद है लेकिन एडीलेड ओवल के मुख्य क्यूरेटर डेमियन हॉग ने साथ ही वादा किया है कि पिच पर छह मिमी घास छोड़ी जाएगी जिससे कि यहां दिन-रात्रि मैच के दौरान गेंद जल्दी पुरानी नहीं हो।
एडीलेड । भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच दूसरे टेस्ट के दौरान स्पिन गेंदबाजी के भूमिका निभाने की उम्मीद है लेकिन एडीलेड ओवल के मुख्य क्यूरेटर डेमियन हॉग ने साथ ही वादा किया है कि पिच पर छह मिमी घास छोड़ी जाएगी जिससे कि यहां दिन-रात्रि मैच के दौरान गेंद जल्दी पुरानी नहीं हो। हॉग ने कहा कि घास की मौजूदगी से शुरुआत में तेज गेंदबाजों को मदद मिलेगी जबकि मैच आगे बढ़ने के साथ स्पिनर की भूमिका भी बनेगी। हॉग ने शुक्रवार से यहां शुरू हो रहे दूसरे टेस्ट से पहले मीडिया से कहा, ‘‘इतिहास से पता चलता है कि एडीलेड में दूधिया रोशनी में बल्लेबाजी करना मुश्किल होता है। पिच पर छह मिमी घास होगी। हम प्रसास कर रहे हैं कि मैच के दौरान खेल के सभी पहलुओं को भूमिका निभाने का मौका मिले।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम ऐसी घास छोड़ने का प्रयास कर रहे हैं जो सूखी और सख्त हो। और हम ऐसा इसलिए कर रहे हैं जिससे कि अधिक से अधिक गति और उछाल हासिल कर सकें।’’ भारत ने पर्थ में पहला टेस्ट रिकॉर्ड 295 रन से जीता जो चार दिन तक चला। इस टेस्ट में मैच आगे बढ़ने के साथ बल्लेबाजी आसान होती गई। हॉग के पास गुलाबी गेंद के मैच के लिए भी ऐसी ही योजनाएं हैं। हॉग ने कहा, ‘‘स्पिन आमतौर पर भूमिका निभाती है इसलिए घास के कारण गेंद तेजी से निकल सकती है और आम तौर पर अच्छा उछाल मिलता है। यही योजना है। उम्मीद है कि जैसे-जैसे गेंद पुरानी होती जाएगी बल्लेबाज इसका फायदा उठा पाएंगे और अगर कोई साझेदारी होती है तो वे इसका फायदा उठाएंगे।’’
पर्थ टेस्ट में स्पिनरों की अधिक भूमिका नहीं थी और क्यूरेटर ने कहा कि एडीलेड ओवल में स्पिनरों को अधिक सहायता मिलेगी। हॉग ने एडीलेड पर स्पिनरों की भूमिका पर कहा, ‘‘स्पिन हमेशा एडीलेड में अहम भूमिका निभाती है। आपको एक विशेषज्ञ स्पिनर चुनने की जरूरत है। कभी भी ‘हम चुने या नहीं?’ का सवाल नहीं होना चाहिए। हमेशा ऐसा होना चाहिए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मेरी तरफ से हमेशा एक स्पिनर चुनें। उस अतिरिक्त घास को छोड़ने का विचार यही है कि स्पिनर को इससे फायदा मिले।’’ उन्होंने दोहराया कि लक्ष्य एक अच्छा, संतुलित मुकाबला कराना है।
क्यूरेटर ने कहा, ‘‘आमतौर पर तेज गेंदबाजों को पूरे मैच में कुछ सहायता मिलनी चाहिए। और हम जानते हैं कि तेज गेंदबाज ऐसा कर सकते हैं। रात के सत्र में स्पिन की भूमिका हो सकती है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम उस संतुलन को सही करने की कोशिश कर रहे हैं...हम यह सुनिश्चित करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं कि बल्ले और गेंद के बीच संतुलन बना रहे।’’ मैच के शुरुआती दिन तूफान आने की संभावना है जो साल के इस समय यहां असामान्य है। वर्ष 2020 में इसी मैदान पर दूसरी पारी में भारत के 36 रन पर ढेर होने के बाद यह ऑस्ट्रेलिया में टीम इंडिया का गुलाबी गेंद का पहला टेस्ट होगा। हॉग ने हालांकि कहा कि तब भी पिच में कोई खराबी नहीं थी।
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