संसदीय पैनल ने खेल मंत्रालय ने कहा, विदेशी कोच पर निर्भरता कम करो
संसद की स्थाई समिति ने युवा मामलों और खेल मंत्रालय से अपील की है कि विदेशी कोच पर निर्भरता कम की जाए, राष्ट्रीय युवा कोर में महिला और ट्रांसजेंडर का अधिक प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किया जाए ।
नयी दिल्ली। संसद की स्थाई समिति ने युवा मामलों और खेल मंत्रालय से अपील की है कि विदेशी कोच पर निर्भरता कम की जाए, राष्ट्रीय युवा कोर में महिला और ट्रांसजेंडर का अधिक प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किया जाए और साथ ही अधिक राष्ट्रवादी अहसास के लिए ‘युवा क्लब’ का नाम बदलकर ‘युवा मंडली’ करने पर विचार किया जाए। राज्य सभा सांसद विनय पी सहस्रबुद्धे की अगुआई वाली समिति ने मंत्रालय की प्रतिक्रिया की समीक्षा की। युवा विभाग ने इस साल 28 जून को जवाब देते हुए बताया कि उसने क्या कार्रवाई की।
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खेल मंत्रालया ने ऐसा 16 जुलाई और 26 अगस्त को किया। पैनल की एक अहम सिफारिश थी कि राष्ट्रीय युवा कोर स्वयंसेवकों में महिला और ट्रांसजेंडर का प्रतिनिधित्व बढ़ाया जाए जिससे कि राष्ट्र निर्माण के महत्वपूर्ण कार्य में सभी लिंग से जुड़े लोगों को बराबरी का मौका सुनिश्चित हो। मंत्रालय ने कहा कि अनुपालन के लिए इस सिफारिश पर गौर किया गया है।
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विदेशी कोच पर निर्भरता कम करने और घरेलू कोच के पूल में इजाफे के लिए मंत्रालय ने कई पहल को सूचिबद्ध किया जिसमें पटियाला में राष्ट्रीय खेल संस्थान में प्रतिष्ठित डिप्लोमा कोर्स, भारतीय खेल प्राधिकरण के केंद्रों में हाल में सैकड़ों कोच को पदोन्नति और कोचिंग से जुड़ने के लिए अधिक पूर्व खिलाड़ियों को बढ़ावा देना शामिल है। संसद के दोनों सदन के सदस्यों की मौजूदगी वाली समिति ने मंत्रालय के जवाब को स्वीकार कर लिया। समिति ने साथ ही सिफारिश की कि राष्ट्रीय सेंटर आफ एक्सीलेंस में महिलाओं के प्रतिनिधित्व को 50 प्रतिशत रखा जाए।
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