#MentorDhoni | महेंद्र सिंह धोनी जैसा कप्तान कोई नहीं! T20 विश्व कप में शर्मनाक हार के बाद बोले क्रिकेट फैंस
कागजों पर दुनिया का सबसे मजबूत भारतीय बल्लेबाजी क्रम न्यूजीलैंड की अनुशासित गेंदबाजी के सामने बुरी तरह बिखर गया और रविवार को ‘करो या मरो’ के मुकाबले में आठ विकेट से हारकर विराट कोहली की टीम आईसीसी टी20 विश्व कप से बाहर होने की कगार पर पहुंच गई है।
उपलब्धियों को कभी नहीं भूल सकता। दाएं हाथ के मध्य क्रम के बल्लेबाज और विकेटकीपर, धोनी एक दिग्गज खिलाड़ी है जो आज भी चैन्नई सुपरकिंग के कप्तान है और अपनी टीम को चार बार आइपीएल का विजेता बना चुके हैं। खेल के इतिहास में सबसे महेंद्र सिंह धोनी को महान विकेटकीपर, बल्लेबाजों और कप्तानों में से एक माना जाता है। आईसीसी टी20 विश्व कप में लगातार भारत की दूसरी शर्मनाक हार ने फैंस कप्तान विराट कोहली से काफी खफा नजर आये। सोशल मीडिया पर धोनी की वापसी की फैंस मांग कर रहे हैं और विराट के खिलाफ अपना गुस्सा दिखा रहे हैं।
महेंद्र सिंह धोनी जैसा कोई नहीं!
सोशल मीडिया पर हर किसी को मर्यादा में रहते हुए अपनी अभिव्यक्ति करने का अधिकार है और फैंस नें धोनी की वापसी की मांग करते हुए ट्विटर पर #MentorDhoni ट्रेंड करवाया और धोनी की उपलब्धियों और उनकी कैप्टनसी की तारीफ की।
Missing the #captaincy of Ms Dhoni #MentorSinghDhoni #MentorDhoni pic.twitter.com/5D68YEyXE7
— Sarthak Nageshwar (@SarthakNageshw7) October 31, 2021
This a real king of Indian cricket team#indiaVsPakistan #INDvPAK #MentorDhoni #mentor pic.twitter.com/AHNPzWeZWz
— Virendra Bishnoi 🇮🇳 (@virendra_7781) October 24, 2021
धोनी की कप्तानी में भारत ने रचे कई इतिहास
धोनी ने 23 दिसंबर 2004 को बांग्लादेश के खिलाफ अपना वनडे डेब्यू किया और एक साल बाद श्रीलंका के खिलाफ अपना पहला टेस्ट खेला। उन्होंने 2007 में राहुल द्रविड़ से एकदिवसीय कप्तानी संभाली और टीम को श्रीलंका और न्यूजीलैंड में अपनी पहली द्विपक्षीय एकदिवसीय श्रृंखला जीत दिलाई। जून 2013 में, जब भारत ने इंग्लैंड में चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में इंग्लैंड को हराया, तो वह तीनों आईसीसी सीमित ओवरों की ट्रॉफी (विश्व कप, चैंपियंस ट्रॉफी और विश्व ट्वेंटी 20) जीतने वाले पहले कप्तान बने। धोनी के नाम कई कप्तानी रिकॉर्ड हैं जैसे कि एक भारतीय कप्तान द्वारा एकदिवसीय और टी20ई में सबसे अधिक जीत, और एकदिवसीय मैचों में एक भारतीय कप्तान द्वारा एक के बाद एक सबसे अधिक जीत। 2008 में टेस्ट कप्तानी संभालने के बाद, उन्होंने न्यूजीलैंड और वेस्ट इंडीज में सीरीज जीत के लिए टीम का नेतृत्व किया, और 2008, 2010 और 2013 में बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी। 2009 में, उन्होंने भारतीय टीम को नंबर एक स्थान पर पहुंचा दिया। आईसीसी टेस्ट रैंकिंग में पहली बार 2013 में, धोनी की कप्तानी में, भारत 40 से अधिक वर्षों में एक टेस्ट सीरीज में ऑस्ट्रेलिया का सफाया करने वाली पहली टीम बन गई। उन्होंने 30 दिसंबर 2014 को टेस्ट से संन्यास की घोषणा की। प्रीमियर लीग में, उन्होंने चैंपियंस लीग के 2010 और 2014 संस्करणों में जीत के साथ-साथ 2010, 2011, 2018 और 2021 सीज़न में जीत के लिए चेन्नई सुपर किंग्स की कप्तानी की।
सोशल मीडिया पर बन रहे भारतीय टीम के खिलाफ मीम
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India team body language
In IPL. In world Cup pic.twitter.com/YkYLPPvRxh
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— Mohammad Razib (@its_mdrazib) October 31, 2021
IND vs NZ Kholi pic.twitter.com/Nd1Mt7sclV
विराट सेना से गवायी सालों की कमाई
कागजों पर दुनिया का सबसे मजबूत भारतीय बल्लेबाजी क्रम न्यूजीलैंड की अनुशासित गेंदबाजी के सामने बुरी तरह बिखर गया और रविवार को ‘करो या मरो’ के मुकाबले में आठ विकेट से हारकर विराट कोहली की टीम आईसीसी टी20 विश्व कप से बाहर होने की कगार पर पहुंच गई है। पहले मैच में पाकिस्तान से दस विकेट से मिली हार के बाद लगातार दूसरा मैच गंवाने से भारत की सेमीफाइनल में पहुंचने की उम्मीदों को करारा झटका लगा है। इसके साथ ही निवर्तमान टी20 कप्तान कोहली की नेतृत्व क्षमता पर भी सवाल उठने लगे हैं। कोहली इस टूर्नामेंट के बाद टी20 कप्तानी छोड़ रहे हैं लेकिन इस हार से वनडे कप्तान के तौर पर उनके भविष्य पर भी सवाल उठेंगे। पहले मैच की हार जहां अपमानजनक थी तो न्यूजीलैंड से पराजय भी शर्मनाक रही। जीत के लिये 111 रन का आसान लक्ष्य कीवी टीम ने 14 . 3 ओवर में हासिल कर लिया। डेरिल मिशेल ने 35 गेंद में 49 रन बनाये जबकि कप्तान केन विलियमसन 31 गेंद में 33 रन बनाकर नाबाद रहे। भारत के लिये अब सेमीफाइनल की राह इतनी कठिन हो गई है कि अफगानिस्तान अगर न्यूजीलैंड को हरा देता है तो वह भी दौड़ में बना रहेगा। वह भी तब जब भारत अफगानिस्तान, नामीबिया और स्कॉटलैंड तीनों को हरा दे। बेखौफ बल्लेबाजी टी20 क्रिकेट की पहली शर्त है और भारत के प्रदर्शन में वह कहीं नजर नहीं आई। इतने अहममुकाबले में भारतीय टीम सात विकेट पर 110 रन ही बना सकी। टॉस जीतकर गेंदबाजी का न्यूजीलैंड के कप्तान विलियमसन का फैसला सही साबित हुआ। भारत के बल्लेबाजों ने गैर जिम्मेदाराना शॉट खेले और रन बनाने की भूख उनके भीतर नजर ही नहीं आई। भारत के अधिकांश बल्लेबाज डीप में आसान कैच देकर आउट हुए।
टी 20 विश्व कप में भारत का शानदार प्रदर्शन
भारतीय पारी में 54 डॉट गेंदें रही यानी कुल नौ ओवरों में रन ही नहीं बने। पिच में कोई खराबी नहीं थी लेकिन भारतीय टीम एक बार फिर चयन के मामले में चकमा खा गई। फॉर्म में चल रहे खिलाड़ियों पर भरोसा नहीं करना टीम प्रबंधन को महंगा पड़ा। भारत के लिये सबसे बड़ा झटका रोहित शर्मा और विराट दोनों का खराब फॉर्म में रहना रहा। मध्यक्रम भी नहीं चल सका और इतने अहम मुकाबले में बतौर बल्लेबाज हार्दिक पंड्या नाकाम रहे। स्पिन गेंदबाजी को खेलने में महारथी माने जाने वाले भारतीय बल्लेबाज फिरकी के जाल में फंस गए। बायें हाथ के धीमे गेंदबाज मिशेल सेंटनेर ने चार ओवर में सिर्फ 15 रन दिये जबकि लेग स्पिनर ईश सोढी ने चार ओवर में 17 रन देकर दो विकेट लिये। दोनों ने मिलकर आठ ओवरों में महज 32 रन दिये। भारत का स्कोर आठ ओवर में तीन विकेट पर 40 रन था और पावरप्ले का बल्लेबाज कोई फायदा नहीं उठा सके। ईशान किशन ने ट्रेंट बोल्ट को बड़ा शॉट खेलने का प्रयास किया लेकिन सेंटनेर ने डीप स्क्वेयर लेग सीमा पर उनका कैच लपक लिया। केएल राहुल (18) ने दो चौके लगाये लेकिन 16 गेंद क्रीज पर रहने के दौरान वह सहज नहीं दिखे। टिम साउदी की शॉर्ट गेंद पर पूल शॉट खेलने के प्रयास में वह सेंटनेर को कैच दे बैठे। रोहित शर्मा (14) को बैकवर्ड स्क्वेयर लेग पर एडम मिल्ने ने जीवनदान दिया। इसके बाद उन्होंने उसे छक्का लगाया। ईश सोढी को हालांकि ऐसा ही शॉट खेलने के प्रयास में वह मार्टिन गुप्टिल को कैच दे बैठे। कोहली को सोढी ने सीमारेखा पर बोल्ट के हाथों लपकवाया। पंड्या और ऋषभ पंत नाकाम रहे।
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