अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम के विधानसभा चुनाव परिणाम ने क्या संदेश दिया है?

Arunachal Pradesh BJP
ANI

सिक्किम की बात करें तो यहां जब हमने लोगों से बातचीत की थी तो लोगों ने साफ कर दिया था कि हमें भाजपा या कांग्रेस से कोई नाराजगी नहीं है लेकिन हम चाहते हैं कि यहां की सरकार कोई क्षेत्रीय दल ही संभाले।

पूर्वोत्तर के दो राज्यों- अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम के विधानसभा चुनाव परिणाम सामने आ गये हैं। दोनों ही राज्यों में जनता ने वर्तमान सरकार को ही दोबारा सेवा का अवसर दिया है। हालांकि यह दोनों परिणाम बहुत बड़े संदेश भी देकर गये हैं। पहला संदेश यह है कि भाजपा ने पूर्वोत्तर में अपनी जड़ें गहरें तक जमा ली हैं। दूसरा संदेश यह है कि कांग्रेस यहां खत्म हो चुकी है। तीसरा संदेश यह है कि क्षेत्रीय दल पूर्वोत्तर में व्यापक जनाधार रखते हैं। 

अरुणाचल प्रदेश में प्रभासाक्षी की चुनाव यात्रा के दौरान हमने देखा था कि वहां की जनता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति अटूट विश्वास रखती है। लोगों ने हमसे बातचीत में कहा था कि जिस तरह पिछले दस सालों में अरुणाचल प्रदेश को विकास की तमाम सौगातें मिली हैं, जिस तरह यहां सड़क संपर्क को लेकर तेजी से काम हुआ है और सुदूर इलाकों तथा देश के अंतिम गांवों में भी बुनियादी सुविधाओं को मजबूत किया गया है उसके चलते प्रदेश की जनता भाजपा के साथ खड़ी है। इसके अलावा भाजपा ने अपने संकल्प पत्र में जिस तरह युवाओं को आगे बढ़ाने के लिए तमाम तरह के वादे किये थे और इस राज्य में पर्यटन को नये पंख देने के लिए जो रूपरेखा जनता के बीच रखी थी उसका भी प्रभाव चुनावों में देखने को मिल रहा था।

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यहां भाजपा की लोकप्रियता का आलम यह था कि चुनावों की घोषणा के साथ ही पार्टी ने 10 सीटों पर निर्विरोध जीत हासिल कर ली थी। चुनावों के दौरान ईटानगर में भाजपा के मुख्यालय से लेकर जिलों के कार्यालयों तक में हमें जहां गहमागहमी देखने को मिली वहीं कांग्रेस के दफ्तरों में सन्नाटा पसरा हुआ था। हमने पाया था कि अरुणाचल में मुख्यमंत्री पेमा खांडू की लोकप्रियता भी काफी थी और उनके कामकाज को लोग पसंद करते हैं। यहां चुनावों के दौरान भाजपा ने कांग्रेस मुक्त अरुणाचल के नाम से जो अभियान चलाया था उसको भी काफी सफलता मिली थी क्योंकि जहां-जहां से यह यात्रा गुजरती थी वहां-वहां के कांग्रेसी नेता या कार्यकर्ता भाजपा का दामन थाम रहे थे। कांग्रेस को अरुणाचल प्रदेश में जो एक विधानसभा सीट मिली है वह दर्शा रही है कि पार्टी यहां खत्म हो चुकी है। यह स्थिति तब है जब हाल ही में अपनी भारत जोड़ो यात्रा लेकर राहुल गांधी ईटानगर पहुँचे थे और भाजपा पर तमाम प्रहार किये थे।

वहीं सिक्किम की बात करें तो यहां जब हमने लोगों से बातचीत की थी तो लोगों ने साफ कर दिया था कि हमें भाजपा या कांग्रेस से कोई नाराजगी नहीं है लेकिन हम चाहते हैं कि यहां की सरकार कोई क्षेत्रीय दल ही संभाले। लोगों ने कहा था कि यदि भाजपा या कांग्रेस यहां सत्ता में आ गयीं तो वह हमारे खूबसूरत राज्य को शिमला, दार्जिलिंग जैसा भीड़भाड़ वाला इलाका बना देंगी। लोगों ने कहा कि भाजपा या कांग्रेस के यहां सत्ता में आने पर दिल्ली के लोग आकर गंगटोक में होटल ही होटल बना देंगे और यहां आने वाली गाड़ियों की संख्या बढ़ने पर हमारा राज्य भी वायु प्रदूषण की समस्या झेलने लगेगा। लोगों ने कहा था कि इस शांत राज्य की क्या जरूरतें हैं इस बात को क्षेत्रीय दल भलीभांति समझते हैं इसलिए हम उनको ही वोट देंगे। लोगों ने कहा कि 25 साल तक हमने पवन कुमार चामलिंग को मौका दिया और अब युवा मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग अच्छा काम कर रहे हैं तो उन्हें ही अवसर देना चाहिए। लोगों ने यह भी कहा था कि भाजपा या कांग्रेस की सरकार बनने पर मुख्यमंत्री दिल्ली के निर्देश पर काम करेगा लेकिन क्षेत्रीय दल का मुख्यमंत्री बनने पर वह यहां की जनता के हिसाब से काम करेगा।

बहरहाल, यह दोनों चुनाव परिणाम दर्शा रहे हैं कि स्थानीय जनता विकास को और अपने राज्य की तरक्की को तवज्जो देती है। साथ ही दोनों राज्य की जनता ने खिचड़ी सरकार बनाने से परहेज कर स्पष्ट और प्रचंड बहुमत वाली सरकार बनाकर अपनी विद्वता का भी परिचय दिया है।

-नीरज कुमार दुबे

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