नेहरू के रिकॉर्ड की बराबरी करने और राजीव गांधी के रिकॉर्ड को तोड़ने की दिशा में बढ़ रहे हैं मोदी
देखा जाये तो भारत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विशाल राजनीतिक कद जैसा कोई अन्य नेता किसी भी पार्टी के पास नहीं है। मोदी जिस तरह से अपने बलबूते अपनी पार्टी को किसी भी राज्य का या केंद्र का चुनाव जिता सकते हैं उतनी राजनीतिक क्षमता किसी अन्य नेता में नजर नहीं आती।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विधानसभा चुनावों में भाजपा की जीत से खुश होकर ऐलान किया कि इस हैट्रिक ने 2024 की हैट्रिक की गारंटी दे दी है तो उत्साहित भाजपा सांसदों ने संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत में प्रधानमंत्री मोदी के सामने 'तीसरी बार मोदी सरकार' और 'बार बार मोदी सरकार' का नारा लगा कर देश भर के पार्टी कार्यकर्ताओं का उत्साह बढ़ा दिया। देखा जाये तो 2024 का लोकसभा चुनाव होने में तीन-चार महीने का समय बचा है। इसलिए अगला चुनाव जीतने के लिए जहां भाजपा कोई कसर नहीं छोड़ रही है वहीं विपक्ष भी एकजुट होकर पूरा जोर लगा रहा है। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपने कामकाज और देश के लिए हासिल की गयी उपलब्धियों पर जनता का समर्थन एक बार फिर मिलने की उम्मीद है। हम आपको बता दें कि मोदी ने 2019 के लोकसभा चुनावों में राम मंदिर बनाने, अनुच्छेद 370 हटाने, मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक से आजादी दिलाने, देश की महिलाओं को संसद और विधानसभाओं में 33 प्रतिशत आरक्षण दिलाने, सीएए लाने, देश की सीमाई सुरक्षा को मजबूत बनाने तथा रोजगार के अवसर बढ़ाने समेत कई अन्य वादे किये थे जिन्हें पूरा कर उन्होंने 'मोदी की गारंटी' शब्द को सार्थक सिद्ध कर दिया है।
देखा जाये तो भारत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विशाल राजनीतिक कद जैसा कोई अन्य नेता किसी भी पार्टी के पास नहीं है। मोदी जिस तरह से अपने बलबूते अपनी पार्टी को किसी भी राज्य का या केंद्र का चुनाव जिता सकते हैं उतनी राजनीतिक क्षमता किसी अन्य नेता में नजर नहीं आती। मोदी की बातों और वादों पर जितना विश्वास देश की जनता करती है वैसी साख किसी अन्य नेता की बातों और वादों की नहीं है। मोदी अगर जनता से वादे पूरे होने की गारंटी हैं तो मोदी भाजपा के लिए भी जीत की गारंटी हैं। देश की राजनीतिक परिस्थितियां दर्शा रही हैं कि 2024 का लोकसभा चुनाव भाजपा के लिए संभवतः 2019 से भी ज्यादा अच्छे परिणाम ला सकता है। लेकिन भाजपा सिर्फ अच्छे चुनावी परिणाम के लिए काम नहीं कर रही है। मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा को दूसरों की ओर से कायम पुराने रिकॉर्ड तोड़ने और नये रिकॉर्ड बनाने का ऐसा जुनून सवार है कि वह 2024 में एक बड़े रिकॉर्ड की बराबरी करने और एक बड़े रिकॉर्ड को तोड़ने के लिए काम कर रही है।
इसे भी पढ़ें: यह चुनाव परिणाम नये भारत और सनातन भारत को मजबूती देने वाले हैं
हम आपको बता दें कि भाजपा यदि 2024 के लोकसभा चुनावों को भी जीत जाती है तो तीसरी बार प्रधानमंत्री बनते ही नरेंद्र मोदी देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू के लगातार तीन बार देश का प्रधानमंत्री बनने के रिकॉर्ड की बराबरी कर लेंगे। इसके साथ ही भाजपा 2024 में 1984 के संसदीय चुनावों में राजीव गांधी को मिली 404 सीटों का रिकॉर्ड तोड़ने के लक्ष्य के साथ काम कर रही है। इसीलिए भाजपा नेताओं ने नारा दे भी दिया है कि 'अबकी बार 400 पार'। देखा जाये तो नारा देना आसान है लेकिन उसे हकीकत में बदलना बेहद कठिन है, लेकिन आज के राजनीतिक दौर की एक सच्चाई यह भी है कि मोदी है तो मुमकिन है।
सवाल यह है कि 2024 में मोदी कैसे बनाएंगे नया रिकॉर्ड? कहां से आयेंगी 400 से ज्यादा सीटें? इन्हीं सवालों का जवाब तलाशने और आंकड़ों को अपने पक्ष में करने के लिए भाजपा बहुत पहले ही जमीन पर काम करना शुरू कर चुकी है। इस समय देखा जाये तो 13 राज्यों में भाजपा की अपने बलबूते सरकार है। इन राज्यों की संसदीय सीटों की बात करें तो उत्तर प्रदेश में 80, उत्तराखण्ड में पांच, असम में 14, छत्तीसगढ़ में 11, गोवा में 2, गुजरात में 26, हरियाणा में 10, मध्य प्रदेश में 29, महाराष्ट्र में 48, मणिपुर में 2, राजस्थान में 25, अरुणाचल प्रदेश में 2 और त्रिपुरा में 2 सीटें हैं। इसके अलावा भाजपा जिन राज्यों में गठबंधन सरकार में शामिल है उनमें मेघालय में 2, सिक्किम, नगालैंड और पुडुचेरी में 1-1 लोकसभा सीट शामिल हैं। यदि इन सीटों का कुल योग कर लें तो 261 सीटें बनती हैं। इसके अलावा यदि अन्य पार्टियों के शासन वाले राज्यों में भाजपा की लोकसभा सीटों की बात करें तो पार्टी ने 2019 के लोकसभा चुनावों में दिल्ली, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, हिमाचल प्रदेश, झारखंड और बिहार में भी शानदार प्रदर्शन किया था और अभी के हालात को देखें तो भाजपा इन राज्यों में अपने पिछले प्रदर्शन से ज्यादा अच्छे परिणाम 2024 में देने की स्थिति में नजर आ रही है। साथ ही यदि केंद्र शासित प्रदेशों की संसदीय सीटों की बात करें तो जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, अंडमान एवं निकोबार, चंडीगढ़, दादरा और नागर हवेली में भी 2024 में भाजपा की जीत के आसार नजर आ रहे हैं। इसके अलावा भाजपा जिस तरह दक्षिण के अन्य राज्यों में भी अपनी पैठ बनाने की कोशिश कर रही है उसके परिणाम खासतौर पर तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और केरल में देखने को मिल सकते हैं क्योंकि हाल में कई चुनावों में भाजपा ने इन राज्यों में अपना वोट प्रतिशत भी बढ़ाया है और अपनी पार्टी के संगठन को भी दुरुस्त किया है।
देखा जाये तो एक बात साफ है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हमेशा इतनी लंबी लकीर खींचने में विश्वास रखते हैं जहां तक कोई सोच भी नहीं सकता हो। इसलिए जब भाजपा ने 'अबकी बार 400 पार' का नारा दिया है तो उस पर विपक्ष को कोई हैरानी नहीं हो रही है। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता रामगोपाल यादव ने तो कह भी दिया है कि भाजपा की नीति है कि वह नया रिकॉर्ड बनाना चाहते हैं इसलिए यह राजीव गांधी के जमाने में कांग्रेस की ओर से बनाये गये रिकॉर्ड को तोड़ना चाहते हैं। यही नहीं, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी विश्वास जता दिया है कि जितनी सीटें पिछले लोकसभा के चुनाव में आई थीं, इस बार उससे अधिक सीटों पर भाजपा विजय प्राप्त करेगी। पार्टी के अन्य नेता भी इसी तरह का विश्वास व्यक्त कर रहे हैं।
बहरहाल, साल 2023 की शुरुआत त्रिपुरा, मेघालय और नगालैंड में चुनावी जीत के साथ और साल का अंत भी राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में चुनावी जीत के साथ करने वाली भाजपा के लिए 2024 कैसा रहेगा यह तो आने वाला वर्ष ही बतायेगा लेकिन इतना तो दिख ही रहा है कि हालिया विधानसभा चुनाव परिणामों से भाजपा का जोश एकदम हाई है।
-नीरज कुमार दुबे
अन्य न्यूज़