MBBS From Abroad: विदेश से करना चाहते हैं MBBS तो पहले जानें बजट प्लानिंग, नोट कर लें ये टिप्स
अगर आपके पास 40 लाख तक का बजट है, तो आप भारत में सीट मिलने का इंतजार करने के बजाय विदेशी यूनिवर्सिटी से MBBS सीट बुक कर सकते हैं। क्योंकि विदेश की यूनिवर्सिटी में आवेदन करने के बाद पूरा प्रोसेस होने में 2-3 सप्ताह का समय लग जाता है।
जागरुकता की कमी के चलते लाखों की संख्या में ऐसे नीट अभ्यर्थी होते हैं, जो 500 या इससे कम स्कोर लाते हैं। इसके बाद भी वह काउंसिलिंग के लास्ट राउंड तक सीट मिलने का वेट करते हैं। लेकिन अगर आपके पास 40 लाख तक का बजट है, तो आप भारत में सीट मिलने का इंतजार करने के बजाय विदेशी यूनिवर्सिटी से MBBS सीट बुक कर सकते हैं। क्योंकि विदेश की यूनिवर्सिटी में आवेदन करने के बाद पूरा प्रोसेस होने में करीब 2-3 सप्ताह का समय लग जाता है।
ऐसे में आप बिना देर किए बेहतर विदेशी यूनिवर्सिटी चुनकर एमबीबीएस सीट के लिए अप्लाई कर सकते हैं। इसलिए आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको विदेश से MBBS करने में लगने वाले बजट के बारे में बताने जा रहे हैं।
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कैसे करें विदेशी यूनिवर्सिटी का चुनाव
ट्यूशन फीस - 5 साल के लिए
एक साल बाद - वापसी के लिए टिकट
विदेश में रहने का खर्च
भोजन का खर्च
कपड़े या अन्य जरूरी एसेसरीज का खर्च
यदि आप रूस, चीन, कजाकिस्ता, जॉर्जिया, नेपाल, इजिप्ट और बांग्लादेश जैसे देशों से MBBS करने पर आपकी पढ़ाई से लेकर रहने, खाने और अन्य चीजों को मिलाकर कुल खर्च 25 से 30 लाख के बीच होगा।
मेडिकल सीट्स
इन देशों की तमाम यूनिवर्सिटी में करीब 16,000 मेडिकल सीट्स हैं। हर विश्वविद्यालय की ट्यूशन फीस अलग हो सकती है। ऐसे में स्टूडेंट्स एमबीबीएस के लिए एनएमसी के दिशा-निर्देशों को अच्छे से पढ़ व समझ लें। क्योंकि ये कार्यक्रम 54 महीने की अवधि के गैर-अनुपालन की वजह से भारत में मान्य नहीं हैं। आपका MBBS NMC निर्देशानुसार कम से कम 60 महीने का होना चाहिए।
ऐसे शॉर्टलिस्ट करें यूनिवर्सिटी
विदेश यूनिवर्सिटी में एडमिशन लेने से पहले आप पिछले 3 सालों की कटऑफ और विश्वविद्यालय की ट्यूशन फीस आदि देख सकते हैं। इसके साथ ही भारत के प्राइवेट यूनिवर्सिटी और डीम्ड यूनिवर्सिटी आदि की भी फीस देख सकते हैं। फिर आप अपने बजट, रैंक और ग्रेड के हिसाब से यूनिवर्सिटी चुन सकते हैं।
यूनिवर्सिटीज की ट्यूशन फीस का ऐसे करें भुगतान
फीस का भुगतान सीधे यूनिवर्सिटी के बैंक अकाउंट में करना चाहिए। विदेश से MBBS करने के लिए किसी एजेंट का सहारा न लें। क्योंकि इससे आप धोखाधड़ी का शिकार हो सकते हैं। आपकी फीस, हॉस्टल और आगमन का शुल्क बंटा होना चाहिए। अन्य सेवाओं के लिए उस देश में पहुंचने के बाद भुगतान करें। वहीं यूनिवर्सिटी द्वारा दिया गया बैंक अकाउंट आपको मिलता है। ऐसे में फीस सीधे उसी अकाउंट में भेजे।
बता दें कि रूस में 2 तरीकों से वार्षिक ट्यूशन फीस विश्वविद्यालय 2 पार्टी और 3 पार्टी अनुबंधों के तहत ली जाती है। 2 पार्टी अनुबंध के तहत यूनिवर्सिटी प्रवेश पत्र के मुताबिक ट्यूशन फीस अपने अकाउंट में जमा करवाता है। वहीं 3 पार्टी अनुबंध के तहत यूनिवर्सिटी एजेंट के जरिए ट्यूशन फीस वसूलती है।
पहले साल का बजट
ऐसे में अगर आप भी विदेश से MBBS की पढ़ाई करने का मन बना रहे हैं, तो पहले साल के खर्चों का बजट जैसे छात्रावास खर्च, आगमन के बाद की सेवाएं, ट्यूशन फीस, हवाई टिकट, वीजा, भारतीय भोजन पैकेज (अगर कोई हो), परामर्श शुल्क NExT और USMLE कोचिंग आदि तैयार रखें। पहले साल में आपका खर्च 8-10 लाख के बीच आता है।
वहीं अगर कोई स्टूडेंट जॉर्जिया से MBBS की पढ़ाई कर रहा है, तो पहले साल में 10-12 लाख रुपए की जरूरत होगी।
जरूरी टिप्स
विदेशी यूनिवर्सिटी से MBBS करने से पहले अपना बजट योजना अच्छे से तैयार कर लें। वहीं अकादमिक सत्र शुरू होने के पहले अप्लाई करें।
रूस और जॉर्जिया की यूनिवर्सिटी में अक्तूबर महीने में आवेदन हो जाना चाहिए। वरना अगले साल के MBBS सीट दाखिला सत्र के लिए ट्रांसफर कर दिया जाएगा।
एजेंट द्वारा MBBS सीट बुक करने के दौरान कभी भी 3 पार्टी समझौते पर हस्ताक्षर न करें। बल्कि सीधे यूनिवर्सिटी के बैंक अकाउंट में फीस जमा करें।
विदेश की टॉप यूनिवर्सिटीज में जल्दी सीटें बुक हो जाती हैं, इसलिए आवेदन में देरी न करें।
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