Top Universities: दुनिया के इन देशों में सस्ती है MBBS की पढ़ाई, सीट बुक करने से पहले जान लें ये जरूरी बातें

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हर साल भारत का करीब 25 हजार युवा छात्र विदेश की टॉप यूनिवर्सिटीज के MBBS प्रोग्राम्स में एडमिशन लेते हैं। क्योंकि भारत में काउंसिलिंग प्रोसेस पूरा होने के बाद अधिकतर छात्रों, जिनको भारत में सीट नहीं मिलती है वह विदेशी यूनिवर्सिटी का रुख करते हैं।

हर साल भारत का करीब 25 हजार युवा छात्र विदेश की टॉप यूनिवर्सिटीज के MBBS प्रोग्राम्स में एडमिशन लेते हैं। क्योंकि भारत में काउंसिलिंग प्रोसेस पूरा होने के बाद अधिकतर छात्रों, जिनको भारत में सीट नहीं मिलती है वह विदेशी यूनिवर्सिटी का रुख करते हैं। लेकिन इस साल भारत में राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी वाला मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित रहा। जिसके कारण 50 दिन बर्बाद हो गए हैं। वहीं जून-जुलाई में विदेशी यूनिवर्सिटीज की एडमिशन प्रक्रिया शुरू हो जाती है। जो बिना किसी रुकावट के सुचारू रूप से चलती रहती है। वहीं इस साल भी विदेश से MBBS करने के लिए भारत से बड़ी संख्या में छात्रो ने रजिस्ट्रेशन करवा लिया है।

वहीं बाकी के छात्र MCC काउंसिलिंग पूरा होने का इंतजार कर रहे हैं। भारत में आई अनिश्चितता से अंतराष्ट्रीय यूनिवर्सिटीज एडमिशन प्रोसेस की डेट्स में बदलाव नहीं करेंगे। इसलिए भारत में नीट परीत्रा पास कर चुके छात्रों के पास अब एक ही ऑप्शन बचा है कि वह MCC काउंसिलिंग राउंड में हिस्सा लेकर विदेशी यूनिवर्सिटी में MBBS के लिए अपनी सीट आरक्षित करें। इससे अगर आपको भारत में सीट नहीं मिली तो कम से कम आपका साल बर्बाद नहीं होगा और विदेश में MBBS के लिए सीट मिल जाएगी। क्योंकि कजाकिस्तान, जॉर्जिया, चीन और रूस आदि देशो में अधिकतर यूनिर्वसिटी वीजा जारी करने से पहले ट्यूशन फीस का भुगतान नहीं लेतीं।

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विदेश में MBBS

हर मेडिकल स्टूडेंट को नेशनल एग्जिट टेस्ट देना अनिवार्य है। इसका मतलब यह हुआ कि भले ही आप एम्स में पढ़ाई कर रहे हों, या किसी डीम्ड यूनिवर्सिटी में या फिर विदेश से स्नातक हों। प्रैक्टिस करने का लाइसेंस पाने के लिए सभी डॉक्टरों को भारत में NExT लाइसेंस परीक्षा पास करनी होगी। NMC भारत और विदेश से स्नातक करने वालों को एक समान मानता है। ऐसे में भारत में प्रबंधन/NRI सीटों के लिए छात्र भारी फीस क्यों चुकाए।

क्योंकि भारत में 1 करोड़ रुपए लागत वाली सीट भी प्रैक्टिस के लिए लाइसेंस नहीं दे सकती है। ऐसे में यहां पर सरकारी सीट के लिए MCC काउंसलिंग से गुजरने और विदेश में कम फीस वाले शीर्ष रैंक कॉलेज में अपनी सीट आरक्षित करने के ऑप्शन को चुनना चाहिए। विदेश में एमबीबीएस के लिए मार्गदर्शन पाने और एमसीसी काउंसलिंग राउंड के लिए आप MBBS Abroad लिंक पर क्लिक कर रजिस्टर कर सकते हैं।

जल्दबाजी में न लें एडमिशन

एडमिशन लेना सिर्फ आधे काम को पूरा करना है। स्नातक स्तर पर पाठ्यक्रम के अंत में जब स्टूडेंट वापस भारत आता है, तो उनको FMGE की जगह NExT की परीक्षा देनी होती है। पिछले 10 सालों में लाइसेंस परीक्षा FMGE के रिजल्ट परिणाम साफ दिखाते हैं कि MBBS में एडमिशन लेने में कोई समस्या नहीं है। लेकिन असल समस्या बाहर निकलने के बाद है। हालांकि स्थानीय सलाहकार छात्रों को सिर्फ MBBS में प्रवेश प्रदान करते हैं, बाहर निकलने का कोई समाधान नहीं है। ऐसे में आपको उन पेशेवर प्रदाताओं के पास जाने की जरूरत है, तो न सिर्फ आपको एडमिशन दे सकते हैं, बल्कि आपको NExT/USMLE जैसी लाइसेंस परीक्षाओं में मंजूरी की गारंटी भी दे सकते हैं।

कजाकिस्तान की कोक्शेताउ स्टेट यूनिवर्सिटी

कजाकिस्तान में MBBS के लिए कोक्शेताउ स्टेट यूनिवर्सिटी एकमात्र ऐसी यूनिवर्सिटी है, जो भारतीय छात्रों के लिए एकीकृत NExT बैच के कारण भारत में लाइसेंस के लिए गारंटी प्रदान करता है। वर्तमान समय में इस यूनिवर्सिटी में करीब 1,000 स्टूडेंट्स पढ़ाई कर रहे हैं। वहीं यहां पर NExT में 100% उत्तीर्ण अनुपात के साथ ही सफलता की वजह MBBS कोर्स में एकीकृत 6 साल की NExT कोचिंग है। यह यूनिवर्सिटी पहले साल से ही छात्रों को NExT की तैयारी करवाना शुरू कर देती है। वहीं हर सेमेस्टर के आधार पर विश्वविद्यालय द्वारा उनका मूल्यांकन किया जाता है। यूनिवर्सिटी में पहले 150 स्टूडेंट्स को 100% स्कॉलरशिप के साथ यह पाठ्यक्रम प्रदान किया जाता है।

विदेश में MBBS के लिए 5 टिप्स

बता दें कि अगर आपका नीट स्कोर 500 से कम है, और MBBS कोर्स का बजट 40 लाख से रुपए से कम है। तो आपको प्लान बी के तहत विदेश से MBBS करना चाहिए। वरना आप NEET 2025  में फिर से एग्जाम देकर अपना एक साल और बर्बाद करेंगे।

आपको किसी ऐसे MBBS पाठ्यक्रम में प्रवेश नहीं लेना चाहिए, जो NExT/USMLE जैसी लाइसेंसी परीक्षाओं के लिए छात्रों को न तैयार करता हो। क्योंकि बिना लाइसेंस के भारत में डॉक्टर बनने की संभावना बेहद कम है।

अगर आप न्यूरोलॉजिस्ट, त्वचा रोग विशेषज्ञ या हृदय रोग विशेषज्ञ आदि बनना चाहते हैं, तो आपको शुरूआत से ही USMLE की तैयारी करनी चाहिए। इसके साथ ही US कार्यक्रम में MBBS के साथ PG का ऑप्शन चुनना चाहिए।

वर्तमान समय में देखा जाए तो कजाकिस्तान में MBBS करना सबसे अच्छा और सबसे सस्ता विकल्प है। आप कजाकिस्तान के शीर्ष रैंक वाले सरकारी कॉलेज कोक्शेताउ स्टेट यूनिवर्सिटी में इंटीग्रेटेड एनईएक्सटी प्रोग्राम में एडमिशन ले सकते हैं। यहां पर आप NExT की भी तैयारी कर लेंगे। भारत से पहले 150 आवेदकों को इस यूनिवर्सिटी में NExT कोचिंग नि:शुल्क यानी की फ्री में कराई जाती है।

वहीं अगर आपका बजट अधिक यानी की 45 लाख रुपए के आसपास है। तो आप जॉर्जिया में एमबीबीएस, संयुक्त राज्य अमेरिका में पीजी के लिए जॉर्जिया विश्वविद्यालय में एकीकृत अमेरिकी कार्यक्रम के लिए आवेदन कर सकते हैं।

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