एसबीआई क्लर्क मेन एग्जाम: ऐसे करें परीक्षा की तैयारी
बैंकिंग क्षेत्र में नौकरी करने की इच्छा रखने वाले युवाओं का भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) में नियुक्ति पाने का सपना होता है। कड़ी मेहनत और दमदार रणनीति के साथ अगर तैयारी की जाए तो एसबीआई क्लर्क मेन परीक्षा को निकालना भी काफी आसान हो जाता है। बता दें कि इस एक कठिन परीक्षा के तौर पर देखा जाता है।
भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) में नियुक्ति पाने के उद्देश्य से क्लर्क परीक्षा को कठिन परीक्षा के तौर पर माना जाता है। इस परीक्षा में सफलता हासिल करने के लिए जरूरी है कि उम्मीदवार सही रणनीति और कड़ी मेहनत के साथ परीक्षा की तैयारी करें और इसमें सफलता हासिल करें।
ऐसी होती है परीक्षा
एसबीआई की परीक्षा में कुल चार विभाग होते है। इसमें जनरल या फाइनेंशियल अवेयरनेस, जनरल अंग्रेजी, क्वांटेटिव एप्टीट्यूड और रीजनिंग एलिबिटी एंड कंप्यूटर एप्टीट्यूड के विषयों पर सवाल आते है। क्लर्क की मुख्य परीक्षा 200 अंकों की होगी। कुल 2 घंटे 40 मिनट की अवधि की परीक्षा में उम्मीदवार से 190 सवाल पुछे जाते है। इसमें जनरल अंग्रेजी के 40 अंक, क्वांटेटिव एप्टीट्यूड के 50 अंक, रीजनिंग एलिबिटी एंड कंप्यूटर एप्टीट्यूड 50 अंक और जनरल या फाइनेंशियल अवेयरनेस के 50 अंक होते है। वहीं उम्मीदवार द्वारा हर गलत जवाब देने पर नेगेटिव मार्किंग की जाती है। हर गलत जवाब के लिए एक चौथाई अंक काटे जाते है। हर विभाग के लिए उम्मीदवार को सीमित समय सीमा ही दी जाती है जिसमें सवालों को हल करना होता है।
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ऐसे करें तैयारी
तैयारी करने के लिए जरूरी है कि उम्मीदवार परीक्षा पैटर्न और सिलेबस को पूरी तरह से समझे। पैटर्न के साथ ही हर सेक्शन के संबंध में जानना भी जरूरी है क्योंकि इससे तैयारी करने में आसानी होती है। तैयारी करने के दौरान सिलेबस की पूर्ण समझ होना जरूरी होता है जिससे तैयारी करने में अव्यवस्थित स्थिति नहीं होती है।
मॉक टेस्ट देकर करें प्रैक्टिस
परीक्षा में सफलता पाने के लिए तैयारी और रणनीति जितनी अधिक महत्वपूर्ण होती है उतना ही महत्वपूर्ण मॉक टेस्ट के जरिए तैयारी करना भी होता है। मॉक टेस्ट देने से उम्मीदवार को असल परीक्षा देने का अनुभव मिलता है। मॉक टेस्ट देने से उम्मीदवारों को कई लाभ होते है। उम्मीदवार कम समय में अधिक सवाल हल करने के लिए सटीक तरीके से प्रश्न हल करने के तैयारी कर सकते है। इससे उम्मीदवारों की स्पीड बढ़ती है। लगातार मॉक टेस्ट देने की प्रैक्टिस करने से समय सीमा में पेपर करने और डेड लाइन प्रेशर दूर करने में मदद मिलती है। उम्मीदवार खुद का मूल्यांकन सही तरीके से कर सकते है। इससे परीक्षा के कमजोर और मजबूत पहलू की जानकारी आसानी से मिल जाती है।
तैयारी करते समय इस बात का रखें ध्यान
तैयारी के दौरान इस बात का ध्यान रखना जरूरी होता है कि अगर किसी टॉपिक की तैयारी करने के दौरान कोई समस्या आए तो उसे छोड़ें नहीं। इस समस्या का हल ढूंढे। तैयारी के दौरान किसी भी विषय पर डाउट हो तो उसे जरूर क्लियर करें।
- रितिका कमठान
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