फूड फ्लेवरिस्टः स्वाद में छिपा कॅरियर का खजाना
फूड प्रोसेसिंग कंपनियों में हमेशा ही फूड फ्लेवरिस्ट की डिमांड बनी रहती है। इसके अलावा आप चाय, कॉफी या वाइन इंडस्टी में भी काम की तलाश कर सकते हैं। कुछ फ्लेवरिस्ट कई फूड प्रॉडक्शन कंपनियों के साथ जुड़कर काम कर सकते हैं।
किसी भी फूड आइटम को खाने से पहले एक बात जो सबसे पहले दिमाग में आती है वो है कि उस चीज का स्वाद कैसा होगा। यकीनन भोजन के दौरान पोषण का ख्याल रखा जाता है, लेकिन किसी भी फूड आइटम के न्यूटि्रशन वैल्यू से भी ज्यादा जरूरी होता है उसका टेस्ट। अगर हेल्दी चीज का टेस्ट अच्छा ना हो तो लोग उससे दूरी बनाते हैं। वहीं टेस्टी आइटम की तरफ बच्चों से लेकर बड़ों तक का झुकाव देखा जाता है। वैसे तो कई तरह के फूड आइटम का अपना एक नेचुरल टेस्ट होता है। लेकिन कुछ चीजों में टेस्ट डेवलप किया जाता है और इसे डेवलप करने का काम करते हैं फूड फ्लेवरिस्ट। तो चलिए जानते हैं इस अनोखे कॅरियर के बारे में−
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क्या होता है काम
फूड फ्लेवरिस्ट का मुख्य काम भोजन व अन्य प्रॉडक्ट्स के लिए फ्लेवर को डेवलप करना होता है। एक व्यक्ति द्वारा प्रतिदिन खाए जाने वाले आहार में एक बड़ा हिस्सा कृत्रिम स्वाद का भी होता है। जो इन्हीं पेशेवरों द्वारा विकसित किए जाते हैं। एक फूड फ्लेवरिस्ट आलू के चिप्स लेकर आईसक्रीम तक में फ्लेवर को डेवलप करने का काम करते हैं। इस पेशे का सबसे चुनौतीपूर्ण पहलू यह है कि न केवल स्वाद बढ़ाने के लिए एक स्वादवादी सामग्री और रसायनों का उपयोग भोजन को स्वादिष्ट बनाना चाहिए, बल्कि इसे भारत सरकार द्वारा निर्धारित मानकों को भी पूरा करना चाहिए। साथ ही यह मानव उपभोग के लिए सुरक्षित होना चाहिए। इसलिए एक फूड फ्लेवरिस्ट तरह−तरह के स्वाद डेवलप करने के दौरान कई तरह की सावधानियां बरतते हैं।
व्यक्तिगत गुण
कॅरियर एक्सपर्ट्स कहते हैं कि इस क्षेत्र में भविष्य देख रहे छात्रों में टेस्ट व स्मेल के सेंस की गहरी भावना होनी सबसे जरूरी है। साथ ही उनमें नई महक व टेस्ट को अनुभव करने की उत्सुकता होनी चाहिए। फ्लेवरिस्ट को एक टीम में रचनात्मक, सहज, प्रेरित, समर्पित और काम करने में सक्षम होना चाहिए। धैर्य और प्रयोग करने की इच्छा भी महत्वपूर्ण है। डेटाबेस, स्प्रेडशीट, सॉफ्टवेर्यस आदि को संभालने के लिए किसी के पास कंप्यूटर कौशल होना चाहिए। उन्हें भोजन की संरचना की सामान्य समझ भी होनी चाहिए।
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योग्यता
इस क्षेत्र में प्रवेश करने के लिए आपको बीएससी या एमएससी इन केमिस्टी या बायोकेमिस्टी होना चाहिए। इसके अलावा फूड टेक्नोलॉजी की बेसिक जानकारी आपको अतिरिक्त लाभ प्रदान करेगी। इस क्षेत्र में रूचि रखने वाले छात्र रसायन विज्ञान या जीव विज्ञान में स्नातक की डिग्री प्राप्त कर सकते हैं और फिर फूड साइंस में मास्टर्स कर सकते हैं।
संभावनाएं
फूड प्रोसेसिंग कंपनियों में हमेशा ही फूड फ्लेवरिस्ट की डिमांड बनी रहती है। इसके अलावा आप चाय, कॉफी या वाइन इंडस्टी में भी काम की तलाश कर सकते हैं। कुछ फ्लेवरिस्ट कई फूड प्रॉडक्शन कंपनियों के साथ जुड़कर काम कर सकते हैं। इतना ही नहीं, वे उत्पादों के लिए विशिष्ट जायके का उत्पादन करने में मदद करने के लिए एक कंपनी को परामर्श सेवाएं भी प्रदान कर सकते हैं। एक फूड फ्लेवरिस्ट के लिए अवसर सिर्फ फूड इंडस्टी तक ही सीमित नहीं है। वर्तमान में, टूथपेस्ट, पेय पदार्थ, दवाएं, डिशवाशिंग तरल पदार्थ, सौंदर्य प्रसाधन आदि जैसी वस्तुओं के उत्पादन में भी इनकी जरूरत महसूस की जाती है। इसलिए फ्लेवरिस्ट के पास उन कंपनियों में भी काम के अवसर मौजूद हैं जो त्वचा की क्रीम, सौंदर्य प्रसाधन, हेयर केयर प्रॉडक्ट आदि का निर्माण करते हैं।
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आमदनी
कॅरियर एक्सपर्ट्स बताते हैं कि एक फ्लेवरिस्ट की आमदनी उसके कौशल व अनुभव के आधार पर तय होती है। हालांकि एक फ्रेशर 10000 से 15000 रूपए प्रतिमाह कमा सकता है। कुछ वर्षों के अनुभव के बाद आपकी आमदनी लाखों में हो सकती है।
प्रमुख संस्थान
सेंट्रल फूड टेक्नोलॉजिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट, मैसूर
एमजी साइंस इंस्टीट्यूट, गुजरात
महात्मा गांधी गवर्नमेंट आर्ट्स कॉलेज, पॉडिचेंरी
देशभगत यूनिवर्सिटी, पंजाब
आईटीएम यूनिवर्सिटी, मध्यप्रदेश
पंजाब एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी, पंजाब
- वरूण क्वात्रा
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