पैथोलॉजी में है सुनहरा भविष्य, ऐसे बनाएं कॅरियर

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पैथोलॉजिस्ट बनने के लिए आपको भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान के संयोजन के साथ विज्ञान की पृष्ठभूमि की आवश्यकता होती है। आप एमबीबीएस कंप्लीट करने के बाद पैथोलॉजी में एमडी कर सकते हैं।

चिकित्सा के क्षेत्र में यूं तो कॅरियर की असीम संभावनाएं मौजूद हैं, लेकिन पैथोलॉजी को एक बेहतरीन शाखा माना जाता है। यह सबसे पुराने चिकित्सा विषयों में से एक है। इस समय जिस तरह कोरोना का संक्रमण रहा है, उस कठिन दौर में पैथोलॉजिस्ट एक कोरोना वॉरियर्स के रूप में सामने आए हैं। इस क्षेत्र की महत्ता का अंदाजा मौजूदा हालात में आसानी से समझा जा सकता है। एक पैथोलॉजिस्ट विभिन्न अंगों, रक्त, ऊतक नमूनों, शारीरिक तरल पदार्थ और पूरे शरीर की परीक्षा के माध्यम से रोग का अध्ययन की करते हैं। यह क्षेत्र रोगों की बुनियादी समझ और निदान में सुधार करने में मदद करता है। आप भी इस क्षेत्र में कॅरियर की असीम संभावनाएं खोज सकते हैं। तो चलिए जानते हैं इसके बारे में−

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क्या होता है काम

पैथोलॉजिस्ट का मुख्य काम विभिन्न टेस्ट को कंडक्ट करना होता है। वह किसी विशेष बीमारी के कारण की जाँच करके संबंधित डॉक्टरों को दवा और इलाज के बारे में सूचित करता है। पैथोलॉजिस्ट पौधे, जानवर या मानव पैथोलॉजी दोनों पर ध्यान केंद्रित करते हैं। जो पैथोलॉजिस्ट मानव रोगों से निपटते हैं, आमतौर पर अन्य चिकित्सकों के परामर्शदाता के रूप में कार्य करते हैं, और इस प्रकार रोगियों की दैनिक देखभाल में योगदान करते हैं। रोगों की प्रकृति का अध्ययन करने के साथ, वे उन बीमारियों के निपटान के उपचार और अन्य साधनों की खोज करने की कोशिश करते हैं।

योग्यता

पैथोलॉजिस्ट बनने के लिए आपको भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान के संयोजन के साथ विज्ञान की पृष्ठभूमि की आवश्यकता होती है। आप एमबीबीएस कंप्लीट करने के बाद पैथोलॉजी में एमडी कर सकते हैं। एमडी तीन साल का होता है। इसके अलावा अगर आप चाहें तो दो साल का पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा प्रोग्रोम भी कर सकते हैं।

स्किल्स

एक पैथोलॉजिस्ट बनने के लिए आपको स्पष्ट और सटीक टिप्पणी करनी आनी चाहिए, तभी आप किसी सैंपल का विश्लेषण करके उसकी सटीक जानकारी दे पाएंगे। इसके अलावा मौखिक व लिखित रूप से विचारों को व्यक्त करने की क्षमता, क्रिटिकल थिंकिंग क्षमता, रोगियों की सेवा करने की इच्छा, भावनात्मक स्थिरता, धैर्य, अपने क्षेत्र में उत्कृष्टता व प्रतिबद्धता और समय पर निर्णय लेने की क्षमता जैसे गुण भी एक पैथोलॉजिस्ट में होने चाहिए। इतना ही नहीं, आपका रिसर्च में भी अच्छा होना जरूरी है।

संभावनाएं

एक पैथोलॉजिस्ट के लिए कॅरियर की अपार संभावनाएं मौजूद है। पैथोलॉजिस्ट आमतौर पर तीन व्यापक क्षेत्रों में कार्य करते हैं− अस्पतालों में निदान करने वाले के रूप मेंय चिकित्सा प्रयोगशालाओं में और कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में शिक्षकों के रूप में जांचकर्ता या शोधकर्ता के रूप में। एक पैथोलॉजिस्ट प्रतिष्ठित सरकारी अस्पतालों जैसे कि एम्स आदि में काम कर सकते हैं। इसके अलावा सैन्य और सरकारी एजेंसियों में जैसे कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान, सशस्त्र बल पैथोलॉजी संस्थान, और खाद्य और औषधि प्रशासन आदि में भी उनके लिए अवसर मौजूद हैं। दवा निर्माण, दवा और जैव प्रौद्योगिकी कंपनियां भी पैथोलॉजिस्ट नियुक्त करती हैं। इतना ही नहीं, आप खुद की डायग्नोस्टिक लेबोरेटरी खोल सकते हैं या फिर प्राइवेट इंडस्टी में बतौर कंसल्टेंट भी काम कर सकते हैं।

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आमदनी

एक पैथोलॉजिस्ट की सैलरी उनके अनुभव के आधार पर बढ़ती है, फिर भी शुरूआती दौर में आपकी सैलरी 15000 से 25000 के बीच हो सकती है। कुछ सालों के अनुभव के बाद आप प्राइवेट सेक्टर में 60000 रूपए प्रतिमाह तक आसानी से कमा सकते हैं।

प्रमुख संस्थान

जवाहरलाल इंस्टीट्यूट ऑफ पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च, पांडिचेरी

त्रिपुरा मेडिकल कॉलेज एंड डॉ बी आर अंबेडकर मेमोरियल टीचिंग हॉस्पिटल, अगरतला

नारायण मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, बिहार

रांची यूनिवर्सिटी, रांची

लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज, नई दिल्ली

कस्तूरबा मेडिकल कॉलेज, कर्नाटक

मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज, नई दिल्ली

ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस, नई दिल्ली

वरूण क्वात्रा

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