Career In Space Science: स्पेस साइंस में शानदार कॅरियर बनाने के लिए करें ये कोर्स, लाखों में होगी कमाई
अगर आप भी स्पेस सांइस में कॅरियर बनाना चाहते हैं, तो आप भी बी.टेक एवियोनिक्स इंजीनियरिंग, बी.टेक+एमएस-एमटेक या बी.टेक इन एयरोस्पेस इंजीनियरिंग कर सकते हैं। हांलाकि इस दौरान कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
अगर आप भी स्पेस सांइस में कॅरियर बनाना चाहते हैं, तो आप भी बी.टेक एवियोनिक्स इंजीनियरिंग, बी.टेक+एमएस-एमटेक या बी.टेक इन एयरोस्पेस इंजीनियरिंग कर सकते हैं। इन कोर्सेज को करने के बाद आपके पास नौकरी के कई ऑप्शन होते हैं। ऐसे में अगर आप स्पेस साइंस में कॅरियर बनाना चाहते हैं, तो आपको कुछ बातों पर विशेष ध्यान देना चाहिए। क्योंकि स्पेस टेक्नोलॉजी हो या स्पेस साइंस, दोनों की काफी बड़े क्षेत्र हैं। इनके तहत प्रामेट्ररी एटमॉस्फियर और एयरोनॉमी, एस्ट्रोनॉमी व एस्ट्रोफिजिक्स और अर्थ साइंसेस और सोलर सिस्टम की पढ़ाई की जाती है।
आपको बता दें कि स्पेस सांइस की कई सब-ब्रांचेस भी होती हैं। इन ब्रांच में प्लेनेटरी साइंस, एस्ट्रोनॉमी, कॉस्मोलॉजी, स्टेलर साइंस, एस्ट्रोलॉजी आदि शामिल है। ऐसे में अगर आप भी अंतरिक्ष विज्ञान में करियर बनाना चाहते हैं, तो 11वीं में आपको मैथ लेना जरूरी है। वहीं मैथ से 12वीं पास करने के बाद बीएससी की डिग्री लेनी चाहिए। बीएससी में फिजिक्स और मैथ होना जरूरी है। इसके साथ ही सांइस से ग्रेजुएशन करने के बाद आप एस्ट्रोनॉमी थ्योरी या एस्ट्रोनॉमी ऑब्जर्वेशन आदि कोर्स कर सकते हैं।
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जॉब ऑप्शन
क्वालिटी एश्योरेंस स्पेशलिस्ट
रडार टेक्नीशियन
मैटेरियोलॉजिस्ट
एस्ट्रोफिजिसिस्ट
स्पेस साइंटिस्ट
जियोलॉजिस्ट
कोर्स
बीके बिड़ला कॉलेज ऑफ आर्ट्स साइंस एंड कॉमर्स
डियन इंस्टीट्यूट ऑफ एस्ट्रोफिजिक्स, बैंगलोर
बी.टेक इन एयरोस्पेस इंजीनियरिंग
भारतीय विज्ञान संस्थान, बैंगलोर
बी.टेक एवियोनिक्स इंजीनियरिंग
रमन रिसर्च इंस्टीट्यूट बैंगलोर
बी.टेक+एम.एस./एम.टेक
कॅरियर
बता दें कि स्पेस टेक्नोलॉजी या स्पेस साइंस एक बहुत बड़ा क्षेत्र है। इस फील्ड में कॅरियर बनाने के लिए आपको एयरोनॉमीए अर्थ साइंसेस और सोलर सिस्टम और एस्ट्रोनॉमी व एस्ट्रोफिजिक्स प्रामेट्ररी की पढ़ाई करनी होती है। वर्तमान समय में स्पेस साइंस की कई सब ब्रांच में स्टेलर साइंस, प्लेनेटरी साइंस, कॉस्मोलॉजी, एस्ट्रोनॉमी, एस्ट्रोलॉजी आदि शामिल है। साइंस और इंजीनियरिंग की यह ब्रांचेज ही स्पेस के चारों तरफ घूमती रहती है।
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