Wheat Price Hike: चावल-दाल के बाद आटे की महंगाई करेगी परेशान, छह महीने के उच्च स्तर पर गेहूं के दाम
गेंहू के दाम बढ़ने से आटे की कीमत मं भी इजाफा हो सकता है। गेहूं की कीमत लगातार बढ़ती जा रही है। बीते छह महीनों में गेंहू की कीमत सबसे उच्च स्तर पर पहुंच गई है। संभावना है कि आने वाले महीनों में गेंहू की कीमत में और भी इजाफा हो सकता है।
देश में इन दिनों महंगाई की मार आम जनता पर पड़ रही है। टमाटर, जीरा, दाल के दामों की लगातार बढ़ोतरी हो रही है, जिससे आम जनता की जेब पर बोझ बढ़ रहा है। इसी बीच आम जनता की जेब पर अतिरिक्त बोझ बढ़ने जा रहा है, क्योंकि अब गेहूं के दाम भी बढ़ गए है।
गेंहू के दाम बढ़ने से आटे की कीमत मं भी इजाफा हो सकता है। गेहूं की कीमत लगातार बढ़ती जा रही है। बीते छह महीनों में गेंहू की कीमत सबसे उच्च स्तर पर पहुंच गई है। संभावना है कि आने वाले महीनों में गेंहू की कीमत में और भी इजाफा हो सकता है।
वहीं गेंहू की कीमत में हो रही बढ़ोतरी के कारण सरकार गेंहू के इंपोर्ट पर ड्यूटी को खत्म कर सकती है। इसका मुख्य उद्देश्य है कि गेहूं की बढ़ती कीमतों पर लगाम लगाई जा सके। आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनाव को देखते हुए ये कदम उठाया जा सकता है।
बता दें कि गेहूं के दाम बढ़ने से आटे की कीमतों में भी इजाफा होने की संभावना है। वहीं गेंहू से बनने वाली अन्य चीजें भी महंगी हो सकती है। इसमें ब्रेड, बिस्कुट से लेकर कई सामान शामिल है। बता दें कि इससे पहले जून महीने में खाद्य महंगाई काफी बढ़ गई थी जो 2.96 फीसदी से बढ़कर 4.49 फीसदी पहुंची थी। गेहूं की कीमतें ऐसे ही बढ़ती रही तो महंगाई अधिक उठ सकती है।
रिपोर्ट की मानें तो गेहूं का उत्पादन करने वाले कई राज्यों में किसानों की ओर से सप्लाई नहीं की जा रही है। आटा मिलों को भी पर्याप्त गेहूं नहीं मिल रहा है और उनके पास पर्याप्त स्टॉक की कमी हो रही है। इस कारण देश के कई राज्यों में गेंहू की कीमतों मे उछाल देखने को मिला है। आलम ये है कि मध्यप्रदेश के इंदौर में गेहूं के दामों में 1.5 फीसदी का उछाल आया है। गेहूं की कीमत यहां 25,446 रुपये प्रति मीट्रिक टन पर पहुंच गई है। ये कीमत बीचे छह महीनों में सर्वाधिक है।
आंकड़ों के अनुसार बीते चार महीनों में गेहूं के दाम 18 प्रतिशत बढ़े है। सरकार ने गेहूं के इंपोर्ट पर लगने वाली 40 फीसदी ड्यूटी को खत्म करने के संकेत भी दिए थे। बता दें कि सरकार ने गेहूं उत्पादन के बाद भी चुनावों को देखते हुए इस वर्ष एक्सपोर्ट पर लगी रोक को नहीं हटाया है।
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