हरित हाइड्रोजन चालित जहाजों के लिए पायलट स्थल के रूप में Varanasi का चयन
वाराणसी को सरकार के हरित नौका दिशा निर्देशों के अनुरूप राष्ट्रीय जलमार्ग-एक पर हरित हाइड्रोजन ईंधन से चलने वाले अंतर्देशीय जहाजों की तैनाती के लिए पायलट स्थल के रूप में चुना गया है। पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि इस स्थान पर बंकरिंग जैसी सुविधाओं के लिए संभावित पक्षों के साथ चर्चा चल रही है।
नयी दिल्ली । सरकार के हरित नौका दिशा निर्देशों के अनुरूप वाराणसी को राष्ट्रीय जलमार्ग-एक पर हरित हाइड्रोजन ईंधन से चलने वाले अंतर्देशीय जहाजों की तैनाती के लिए पायलट स्थल के रूप में चुना गया है। एक आधिकारिक बयान में शुक्रवार को यह जानकारी दी गई। बयान के मुताबिक, इस स्थान पर जहाजों को ईंधन आपूर्ति की प्रक्रिया (बंकरिंग) जैसी सुविधाओं के लिए संभावित पक्षों के साथ चर्चा चल रही है। बंदरगाह, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि अपने कम उत्सर्जन गुणों के कारण मेथनॉल को वैश्विक स्तर पर मालवाहक जहाजों के लिए प्रमुख हरित ईंधन में गिना जा रहा है।
मंत्रालय ने कहा कि अंतर्देशीय जहाजों के हरित बदलाव की दिशा में प्रगतिशील कदम के रूप में देश में मेथनॉल समुद्री इंजनों के स्वदेशी विकास के तंत्र का पता लगाने का सुझाव दिया गया था। मंत्रालय ने कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (सीएसएल) और भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (आईडब्ल्यूएआई) के साथ मिलकर 23-24 अप्रैल को कोच्चि में अंतर्देशीय जलमार्ग और जहाज निर्माण में चुनौतियां और संभावित समाधान पर एक सम्मेलन का आयोजन किया था जिसमें समुद्री परिवहन से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई।
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