GDP दर बढ़ने से खुश नहीं चिदंबरम कहा- बेरोजगारी दर उच्च है तो अर्थव्यवस्था कैसे वृद्धि कर रही है
बिजनेस स्टैंडर्ड अखबार के अनुसार, नेशनल सैंपल सर्वे ऑफिस (एनएसएसओ) के, श्रम बल संबंधी सर्वे में बताया गया है कि 1972...73 में बेरोजगारी की दर आखिरी बार सबसे ज्यादा थी। इसमें यह भी कहा गया है कि 2011..12 में बेरोजगारी की दर 2.2 फीसदी थी।
नयी दिल्ली। पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने जीडीपी के आंकड़ों पर संदेह जाहिर करते हुए शुक्रवार को इस बात पर आश्चर्य जताया कि जब बेरोजगारी की दर 45 साल में सर्वाधिक है तब अर्थव्यवस्था की वृद्धि सात फीसदी कैसे हो रही है?। केंद्र पर कटाक्ष करते हुए पूर्व वित्त मंत्री ने दावा किया कि जब सरकार ने जीडीपी के आंकड़ों की समीक्षा की तो उसे यह अहसास नहीं हुआ था कि बेरोजगारी के आंकड़ों की भी समीक्षा होती है। अंतरिम बजट से पहले चिदंबरम ने यह टिप्पणियां कीं।
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सरकार ने बृहस्पतिवार को कहा था कि उसने श्रम बल पर सर्वे को अंतिम रूप नहीं दिया है जो, खबरों के अनुसार यह बताता है कि देश में बेरोजगारी की दर 2017...18 में 6.1 रही जो 45 साल में सर्वाधिक है। बिजनेस स्टैंडर्ड अखबार के अनुसार, नेशनल सैंपल सर्वे ऑफिस (एनएसएसओ) के, श्रम बल संबंधी सर्वे में बताया गया है कि 1972...73 में बेरोजगारी की दर आखिरी बार सबसे ज्यादा थी। इसमें यह भी कहा गया है कि 2011..12 में बेरोजगारी की दर 2.2 फीसदी थी।
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चिदंबरम ने ट्विटर पर कहा ‘‘नीति आयोग के उपाध्यक्ष ने पूछा ‘रोजगार के बिना, कोई देश औसत सात फीसदी की दर से कैसे वृद्धि कर सकता है ? ’ यही सवाल हमारा भी है। जब 45 साल में बेरोजगारी सर्वाधिक है, तो हम इस बात पर कैसे भरोसा कर लें कि अर्थव्यवस्था सात फीसदी की दर से वृद्धि कर रही है।’’ उन्होंने ट्वीट किया ‘‘मोदी सरकार ने जीडीपी की वृद्धि के आंकड़ों की समीक्षा की। सरकार को यह अहसास ही नहीं हुआ कि बेरोजगारी के आंकड़ों की भी समीक्षा की जाती है।’’
Modi Government revises GDP growth figures upward. What government did not realise was that unemployment figure was also revised upwards!
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) February 1, 2019
बृहस्पतिवार को नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने आनन फानन में संवाददाता सम्मेलन बुला कर कहा था कि अखबार में जिस रिपोर्ट का हवाला दिया गया है उसे अंतिम रूप नहीं दिया गया है बल्कि वह एक मसौदा रिपोर्ट है।’’ इस रिपोर्ट से खासा विवाद उठ गया। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि मोदी सरकार ने दो करोड़ रोजगार देने का वादा किया था लेकिन पांच साल बाद उसका ‘‘लीक हुआ रोजगार सृजन रिपोर्ट कार्ड’’ एक ‘‘राष्ट्रीय आपदा’’ का खुलासा करता है।
चिदंबरम ने नोटबंदी के बावजूद उच्च वृद्धि होने के सरकार के दावों पर भी हमला बोला। उन्होंने सवाल किया कि क्या इस बार 100 रूपये के नोट बंद किए जाएंगे? उन्होंने पूछा ‘‘जिस वर्ष नोटबंदी की गई थी, वह साल मोदी के कार्यकाल में अच्छी वृद्धि (8.2 फीसदी) वाला साल था। इसलिए, आइये अब नोटबंदी का एक और दौर देखें। इस बार 100 रूपये के नोट बंद होंगे?’’।
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