पीएम मोदी बोले- आर्थिक पैकेज की तीसरी किस्त से किसानों की आय बढ़ेगी, ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मिलेगी मदद
प्रधानमंत्री ने ट्विटर पर लिखा है,‘मैं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा घोषित प्रोत्साहन पैकज का स्वागत करता हूं।इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था,मेहनत करने वाले किसानों, मछुआरों,पशु पालकों और डेयरी क्षेत्र को मदद मिलेगी।’आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज की तीसरी किस्त में शुक्रवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कृषि क्षेत्र की बेहतरी के लिये 1.63 लाख करोड़ रुपये के विभिन्न उपायों की घोषणा की।
नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि उनकी सरकार द्वारा जारी तीसरे चरण के आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मदद मिलेगी और इससे किसानों की आय बढ़ेगी। प्रधानमंत्री ने ट्विटर पर लिखा है, ‘‘मैं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा घोषित प्रोत्साहन पैकज का स्वागत करता हूं।इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था,मेहनत करने वाले किसानों, मछुआरों,पशु पालकों और डेयरी क्षेत्र को मदद मिलेगी।’’ आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज की तीसरी किस्त में शुक्रवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कृषि क्षेत्र की बेहतरी के लिये 1.63 लाख करोड़ रुपये के विभिन्न उपायों की घोषणा की।उन्होंने आवश्यक वस्तु अधिनियम में संशोधन करने और अनाज, दाल, खाद्य तेल, तिलहन, आलू, प्याज जैसी रोजमर्रा के उपभोग वाली वस्तुओं को इस कानून के दायरे से मुक्त करने की भी घोषणा की। इससे किसानों को अपनी उपज को अपनी पसंद के बाजार में बेचने की सुविधा मिलेगी। मोदी ने कहा कि वह खासतौर से कृषि क्षेत्र में की गई सुधारों की पहल का स्वागत करते हैं जिससे किसानों की आय बढ़ेगी।
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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस सप्ताह की शुरुआत में कोरोना वायरस से शिथिल पड़ी अर्थव्यवस्था में जान फुंकने के लिये कुल 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा की थी। यह राशि देश की जीडीपी का 10 प्रतिशत के करीब बैठती है। इसमें उस सहायता पैकेज की 1.70 लाख करोड़ रुपये की राशि भी शामिल है जिसकी घोषणा 25 मार्च को देशव्यापाी लॉकडाउन लागू करने के कुछ ही दिन में कर दी गई थी। इसके बाद रिजर्व बैंक ने भी विभिन्न मौद्रिक उपायों के जरिये करीब 5.6 लाख करोड़ रुपये के मौद्रिक प्रोत्साहन उपायों की घोषणा की। इसके बाद पिछले दो दिन में 9.10 लाख करोड़ रुपये के प्रोत्साहना पैकेज की घोषणा की गई जिसमें किसानों को सस्ता कर्ज, एनबीएफसी को नकदी और बिजली वितरण कंपनियों को संकट से उबारने के लिये सहायता की घोषणा की गई।
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