भारत में विदेशी निवेशकों की जोरदार वापसी, जून के पहले ही हफ्ते में किया इतने करोड़ का निवेश
लॉकडाउन से मिली इस आजादी से अब विदेशी निवेशकों का हौसला भी बढ़ गया है। भारतीय बाजार में अब ग्लोबल फंड्स भी नवेश करने लगे है। वहीं फॉरेन पोर्टफोलियो इनवेस्टर्स यानि की एफपीआई (FPI) ने जून महीनें के पहले ही हफ्ते में भारतीय पूंजी बाजार में 18,589 करोड़ रुपये का निवेश किया है।
कोरोना महामारी और लॉकडाउन के कारण विदेशी निवेशकों ने मार्च महीनें में भारतीय बाजार से काफी पैसा निकाला था। लेकिन अनलॉक के जैसे-जैसे फेज शुरू होते जा रहे है शेयर बाजार भी पटरी पर लौटने लगी है। इस कारण अब विदेशी निवेशक भी भारतीय बाजार में वापसी करने को तैयार हो चुकी है। बता दें कि मार्च में निकाली गई रकम का 40 फीसदी हिस्सा भारतीय बाजारों में लौट आया है। इसकी सबसे बड़ी वजह अर्थव्यवस्था का फिर से पटरी पर लौटना है। लॉकडाउन से मिली इस आजादी से अब विदेशी निवेशकों का हौसला भी बढ़ गया है। भारतीय बाजार में अब ग्लोबल फंड्स भी नवेश करने लगे है। वहीं फॉरेन पोर्टफोलियो इनवेस्टर्स यानि की एफपीआई (FPI) ने जून महीनें के पहले ही हफ्ते में भारतीय पूंजी बाजार में 18,589 करोड़ रुपये का निवेश किया है। बता दें कि विदेशी निवेशकों ने भारतीय शेयर बाजार में करीब 23,000 करोड़ रुपये का निवेश किया है।
इसे भी पढ़ें: सरकार ने तेल क्षेत्रों के लिए बोली लगाने की अंतिम तिथि 30 जून तक बढ़ाई
मॉर्निंगस्टार इंडिया के एसोसिएट डायरेक्टर मैनेजर रिसर्च हिमांशु श्रीवास्तव के मुताबिक अनलॉक की वजह से विदेशी निवेशक भारतीय बाजार में निवेश कर रहे है। साथ ही रिलायंस इंडस्ट्रीज को बहुत तेजी से सब्सक्रिप्शन मिलना शुरू हो गया है। इसकी सबसे बड़ी वजह है रिलांयस का बड़ा राइट्स इश्यू का बंद होना। इसके अलावा कोटक महिंद्रा बैंक ने भी अपनी 2.8 हिस्सेदारी बेची है जिससे विदेशी निवेशकों में तेजी आई है। बता दें कि FPI ने 1 से 5 जून के बीच 20, 814 करोड़ रुपये का भारतीय बाजार में निवेश किया है। इस दौरान बॉन्ड बाजार से 2,225 करोड़ रुपये की निकासी भी की।
इसे भी पढ़ें: आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में निवेश करे देश के उद्योग जगतः उदय कोटक
कोरोना लॉकडाउन के मद्देनजर FPI ने मई में 7,366, अप्रैल में 15,403 और मार्च महीनें में रिकॉर्ड1.1 लाख करोड़ रूपये की निकासी की थी। बाजाज कैपिटल रिसर्च के अनुसार, मोदी सरकार द्वारा जारी की गई 20 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज घोषणा से भारतीय बाजार में सुधार देखने को मिला है। साथ ही जिस तेजी से तेलों की कीमतों मे ंगिरावट आई थी आज इन तेलों के दामों में भी बढ़ोतरी देखने को मिली है। बता दें कि तेलों के दाम में सिर्फ मई महीनें में ही 40 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई हैं।
अन्य न्यूज़