केंद्रीय पूल से अब राशन का तीन माह का अनाज उधार पर उठा सकती हैं राज्य सरकारें: वित्तमंत्री

Finance Minister

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि जनता को खाद्यान्न की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने और राज्य सरकारों को वित्तीय सहायता मुहैया कराने के लिए व्यय विभाग, खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग के इस प्रस्ताव से सहमत हुआ है कि एफसीआई से तीन महीने के लिए खाद्यान्न उधारी पर राज्यों या संघ शासित प्रदेशों द्वारा उठाये जा सकते हैं।

नयी दिल्ली। कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर सोमवार को केंद्र ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को राशन की दुकानों के माध्यम से वितरण करने के लिए भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) से एक साथ तीन महीने का अनाज उधार पर उठाने की छूट दी है। सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के तहत लगभग 75 करोड़ लाभार्थी आते हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘जनता को खाद्यान्न की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने और राज्य सरकारों को वित्तीय सहायता मुहैया कराने के लिए व्यय विभाग, खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग के इस प्रस्ताव से सहमत हुआ है कि एफसीआई से तीन महीने के लिए खाद्यान्न उधारी पर राज्यों या संघ शासित प्रदेशों द्वारा उठाये जा सकते हैं।’’ सरकारी आंकड़ों के अनुसार फिलहाल सरकार के पास 435 लाख टन खाद्यान्नों के अधिशेष भंडार हैं, जिनमें से 272.19 लाख टन चावल और 162.79 लाख टन गेहूं हैं। मौजूदा समय में, सरकार देश में पांच लाख राशन की दुकानों के माध्यम से सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत प्रत्येक लाभार्थी को प्रति माह पांच किलोग्राम सब्सिडी वाले खाद्यान्न की आपूर्ति करती है। इससे सरकारी खजाने पर सालाना लगभग 1.4 लाख करोड़ रुपये का खर्च बोझ आता है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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