एफडीआई को सरल बनाने, कंपनी कर कम करने से पूंजी प्रवाह बढ़ेगा: Deloitte India

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डेलॉयट इंडिया ने कहा कि बजट में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) और विदेशी निवेश नियमों को सरल बनाने के साथ कंपनी कर की दर में कमी से देश में पूंजी प्रवाह बढ़ेगा। इसके अलावा, सभी श्रेणी के निवेशकों के लिए एंजल कर को समाप्त करना स्टार्टअप में निवेश को प्रोत्साहित करने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है।

नयी दिल्ली । ऑडिट और परामर्श कंपनी डेलॉयट इंडिया ने बुधवार को कहा कि बजट में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) और विदेशी निवेश नियमों को सरल बनाने के साथ कंपनी कर की दर में कमी से देश में पूंजी प्रवाह बढ़ेगा। इसके अलावा, सभी श्रेणी के निवेशकों के लिए एंजल कर को समाप्त करना स्टार्टअप में निवेश को प्रोत्साहित करने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है। डेलॉयट इंडिया की अर्थशास्त्री रुमकी मजूमदार ने कहा कि भारत को निवेश के लिए भरोसेमंद पूंजी की आवश्यकता है। प्रत्यक्ष विदेशी निवेश नई और पुरानी परियोजनाओं में निवेश के मामले में निजी पूंजीगत व्यय को काफी बढ़ावा दे सकता है। 

उन्होंने कहा कि हालांकि वैश्विक स्तर पर एफडीआई प्रवाह में गिरावट आ रही है और भारत ने वैश्विक नकदी की तंग स्थिति और अनिश्चितताओं के प्रभाव को महसूस किया है। मजूमदार ने कहा, ‘‘निवेशकों का भरोसा बढ़ाने के लिए व्यापार को और सुगम बनाने और राजकोषीय घाटे को कम करने के उपायों की घोषणा की गई है। 

इसके साथ कंपनी कर की दर में कमी के साथ-साथ एफडीआई और विदेशी निवेश नियमों को सरल बनाने से पूंजी प्रवाह बढ़ने की उम्मीद है।’’ सीमा शुल्क को तर्कसंगत बनाने के बारे में डेलॉयट इंडिया की भागीदार सलोनी रॉय ने कहा कि बदलाव घरेलू विनिर्माण को समर्थन देने, स्थानीय मूल्यवर्धन को बढ़ाने और निर्यात प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ावा देने के लिये किये गये हैं। बजट में चिकित्सा, मोबाइल, खनिज, सौर ऊर्जा और दूरसंचार सहित विभिन्न क्षेत्रों के लिए बुनियादी सीमा शुल्क (बीसीडी) दर में बदलाव की घोषणा की गई है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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