सेंसेक्स 81 अंक टूटा, वित्तीय कंपनियों के शेयरों में गिरावट

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शेयर बाजार का सेंसेक्स 81 अंक टूटकर बंद हुआ।तीस शेयरों वाला सेंसेक्स शुरूआती कारोबार में अच्छी बढ़त के साथ खुला लेकिन बाद में इसमें बाजार दबाव में आ गया। सेंसेक्स अंत में 81.48 अंक यानी 0.26 प्रतिशत की गिरावट के साथ 31,561.22 अंक पर बंद हुआ। इसी प्रकार, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 0.13 प्रतिशत टूटकर 9,239.20अंक पर बंद हुआ।

मुंबई। स्थानीय शेयर बाजारों में सोमवार को उतार चढ़ाव भरे कारोबार में बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स शुरूआती बढ़त गंवा कर अंत में 81 अंक गिर कर बंद हुआ। सबसे ज्यादा गिरावट वित्तीय कंपनियोंके शेयरों में दिखी। बैंक कोरोना वायरस के जोखिम को देखते हुए बैंक अवरुद्ध ऋणों के लिए नुकसान का प्रावधान बढ़ा रहे हैं जिससे वित्तीय क्षेत्र के शयरों पर बिकवाली का दबाव है। इसके अलावा देश मेंकोरोना वायरस के बढ़ते मामले तथा वैश्विक बाजारों से कमजोर रुख का भी निवेशकों की धारणा पर असर पड़ा। तीस शेयरों वाला सेंसेक्स शुरूआती कारोबार में अच्छी बढ़त के साथ खुला लेकिन बाद में इसमें बाजार दबाव में आ गया। सेंसेक्स अंत में 81.48 अंक यानी 0.26 प्रतिशत की गिरावट के साथ 31,561.22 अंक पर बंद हुआ। इसी प्रकार, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 12.30 अंक यानी 0.13 प्रतिशत टूटकर 9,239.20 अंक पर बंद हुआ।

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सेंसेक्स के शेयरों में सर्वाधिक नुकसान में आईसीआईसीआई बैंक रहा। इसमें 5 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आयी। इसके अलावा कोटक बैंक, एचयूएल, एचडीएफसी, इंडसइंड बैंक, एचडीएफसी बैंक तथा नेस्ले इंडिया नुकसान में रहे। वहीं दूसरी तरफ हीरो मोटो कार्प, बजाज ऑटो, मारुति, टीसीएस और एचसीएल टेक लाभ में रहे। अन्य बैंकों की तरह आईसीअईसीआई बैंक ने बही-खाता मजबूत करने के इरादे से कोरोना वायरस संकट को देखते हुए 2,725 करोड़ रुपये रुपये का प्रावधान किया है। इससे बैंक के शेयर पर असर पड़ा। आनंद राठी के इक्विटी शोध प्रमुख नरेंद्र सोलंकी ने कह, ‘‘वैश्विक स्तर पर सकारात्मक रुख के साथ घरेलू बाजार बढ़त के साथ खुले। व्यापार युद्ध को लेकर आशंका कम होने तथा कई देशों की ‘लॉकडाउन’ (बंद) में ढील देने की घोषणा से सकारात्मक प्रभाव पड़ा...।’’

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इसके अलावा कारोबारियों की नजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक पर भी रही। बैठक में कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम के लिये देशव्यापी बंद से बाहर निकलने के उपायों पर चर्चा होने की संभावना है। उन्होंने कहा कि हालांकि बाजार शुरूआती बढ़त को बरकरार नहीं रख पाया। इसका कारण वित्तीय और बैंक शेयरों में बिकवाली दबाव का होना था। इससे जो एक लाभ की स्थिति बनी थी, वह खत्म हो गयी। मुख्य रूप से बैंकों में एनपीए के प्रावधान से वित्तीय कंपनियों के लाभ पर असर की आशंकाएं बढ़ी हैं। इससे इन शेयरों में बिकवाली की गयी। वैश्विक स्तर पर हांगकांग और तोक्यो सकारात्मक रुख के साथ बंद हुए जबकि शंघाई और सोल नुकसान में रहे। यूरोप के प्रमुख बाजारों में शुरूआती कारोबार में गिरावट का रुख रहा। इस बीच, अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड का भाव 2.39 प्रतिशत की गिरावट के साथ 30.23 डॉलर प्रति बैरल रहा।

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