टीवी न्यूज चैनलों ने वित्त मंत्री से लगाई गुहार, कहा- विज्ञापन पर GST खत्म करें
एनबीए के अध्यक्ष रजत शर्मा ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को इस बाबत पत्र लिखा है। उन्होंने कहा है कि संक्रामक कोरोना महामारी की रोकथाम के लिएन्यूनतम शारीरिक दूरी बनाए रखने की व्यवस्था से ब्राडकास्टरों की लागत बहुत ज्यादा बढ़ गयी है।
नयी दिल्ली। समाचार देने वाली टेलीविजन प्रसारण कंपनियों के संगठन दी न्यूज ब्राडकास्टर्स एसोसिएशन (एनबीए) ने वित्त मंत्री से प्रसारण माध्यमों के विज्ञापनों पर 18 प्रतिशत की दर से लागू माल एवं सेवा कर (जीएसटी) खत्म कराने की मांग की है। संगठन का कहना है कि उनके विज्ञापनों पर जीएसटी पूरी तरह से हटाया जाए या इसकी दर को पांच प्रतिशत कर दिया जाए। एनबीए के अध्यक्ष रजत शर्मा ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को इस बाबत पत्र लिखा है।
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उन्होंने कहा है कि संक्रामक कोरोना महामारी की रोकथाम के लिएन्यूनतम शारीरिक दूरी बनाए रखने की व्यवस्था से ब्राडकास्टरों की लागत बहुत ज्यादा बढ़ गयी है। उन्होंने लिखा है समाचार प्रसारकों का मुख्य स्रोत विज्ञापन है और कोविड-19 महामारी और आवागमन पर रोक के चलते प्रसारक बहुत ही दबाव में हैं। उन्होंने इसमें इस बात का भी जिक्र किया है कि विज्ञापन एजेंसियां भुगतान के लिए ज्यादा समय मांग रही है और उधार की अवधि 60 दिन से और अधिक बढ़ाने को दबाव दे रही हैं।
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उन्होंने यह भी कहा है कि बड़े चैनलों तक के विज्ञापन भी कम हो गए हैं। विज्ञापन की बुकिंग कम हो गयी है।पहले की बुकिंग रद्द हो रही हैं। विज्ञान की वसूली में बकाया बढ़ रहा है। शर्मा ने उल्लेख किया है कि सरकार ने अपने कई परिपत्रों और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन तक में समाचार माध्यमों की सेवाओं को ‘आवश्यक श्रेणी की संवाओं’ में माना है। उन्होंने इन बातों के उल्लेख के साथ समाचार ब्रांडकास्टिंग चैनलों के विज्ञापन पर जीएसटी खत्म करने या उसको कम करने की यह मांग की है।
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