आरबीआई ने रेपो दर 4 प्रतिशत पर बरकरार रखा, नीतिगत रुख नरम बना हुआ है
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में प्रमुख नीतिगत दर में कोई बदलाव नहीं किया और रेपो को 4 प्रतिशत पर बरकरार रखा। हालांकि केंद्रीय बैंक ने नीतिगत उदार रुख को बनाये रखा है।
मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में प्रमुख नीतिगत दर में कोई बदलाव नहीं किया और रेपो को 4 प्रतिशत पर बरकरार रखा। हालांकि केंद्रीय बैंक ने नीतिगत उदार रुख को बनाये रखा है। जिसका मतलब है कि भविष्य में जरूरत पड़ने पर कोविड-19 संकट से प्रभावित अर्थव्यवस्था को समर्थन देने के लिये नीतिगर दर में कटौती की जा सकती है। आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने मौद्रिक नीति समिति के निर्णय की जानकारी देते हुए कहा, ‘‘नीतिगत दर रेपो को आम सहमति से 4 प्रतिशत पर बरकरार रखने का निर्णय किया गया है।’’
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रिवर्स रेपो दर 3.35 प्रतिशत पर ही रखी गयी। रेपो वह दर है जिसपर केंद्रीय बैंक वाणिज्यिक बैंकों को एक दिन का उधार देता है।रिवर्स रेपो दर वह दर है जिस पर बैंक अपना जमा राशि केंद्रीय बैंक के पास रखते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मौद्रिक नीति समिति ने नीतिगत दर को यथवत रखने का निर्णय किया। साथ ही नरम रुख को बरकरार रखने का फैसला किया।’’ यह लगातार चौथी बार है जब एमपीसी ने नीतिगत दर को यथावत रखने का निर्णय किया है।
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इससे पहले, 22 मई को नीतिगत दर को संशोधित किया गया था। छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति की यह 27वीं बैठक थी। इसमें तीन बाहरी सदस्य... आशिमा गोयल, जयंत आर वर्मा और शशांक भिडे हैं। समिति की यह तीन दिवसीय बैठक तीन फरवरी को शुरू हुई थी।
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