रिजर्व बैंक ने यूनियन बैंक ऑफ इंडिया पर लगाया 1 करोड़ रुपये का जुर्माना, जानें वजह
केंद्रीय बैंक ने कहा कि आरबीआई के निरीक्षण में प्रारंभिक चेतावनी संकेतों की उपस्थिति और सुरक्षा रसीदों (एसआर) के प्रावधान का खुलासा करने में विफलता के बावजूद किसी खाते को रेड फ्लैग खाते के रूप में वर्गीकृत करने के नियमों का अनुपालन नहीं किया गया।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने यूनियन बैंक ऑफ इंडिया पर संपत्तियों की बिक्री और धोखाधड़ी की रिपोर्टिंग से संबंधित कुछ प्रावधानों का उल्लंघन करने के लिए एक करोड़ रुपये का मौद्रिक जुर्माना लगाया। केंद्रीय बैंक ने कहा कि आरबीआई के निरीक्षण में प्रारंभिक चेतावनी संकेतों की उपस्थिति और सुरक्षा रसीदों (एसआर) के प्रावधान का खुलासा करने में विफलता के बावजूद किसी खाते को रेड फ्लैग खाते के रूप में वर्गीकृत करने के नियमों का अनुपालन नहीं किया गया। आरबीआई ने कहा कि यह कार्रवाई नियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता पर समझैता करने का इरादा नहीं है।
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SBI पर भी लगा था जुर्माना
गौरतलब है कि इससे पहले भारतीय रिजर्व बैंक ने 26 नवंबर को रेगुलेटरी कंप्लायंस में कमियों के लिए भारतीय स्टेट बैंक (SBI) पर एक करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था। आरबीआई के एक बयान में कहा गया था कि एसबीआई पर यह जुर्माना 16 नवंबर, 2021 के आदेश पर लगाया गया है। केंद्रीय बैंक के अनुसार, SBI के इंस्पेक्शन फॉर सुपरवाइजरी इवेल्यूवेशन (ISE) के लिए वैधानिक निरीक्षण 31 मार्च, 2018 और 31 मार्च, 2019 को अपनी फाइनेंशियल पोजिशन के संदर्भ में आयोजित किया गया था।
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आरबीआई ने कहा कि जोखिम मूल्यांकन रिपोर्ट, निरीक्षण रिपोर्ट और सभी संबंधित पत्राचार की बाद की जांच से पता चला कि उन कंपनियों की चुकता शेयर पूंजी के तीस प्रतिशत से अधिक की राशि के उधारकर्ता कंपनियों में बैंक के शेयरों के संबंध में नियमों का उल्लंघन है। यह कार्रवाई रेगुलेटरी कम्प्लाएंस पर आधारित है। इसका बैंक द्वारा ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेन-देन से कोई ताल्लुक नहीं है।
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