प्रधानमंत्री मोदी की अमेरिका यात्रा से रणनीतिक सहयोग बढ़ेगा: उद्योग जगत
उद्योग जगत ने शनिवार को उम्मीद जताई कि प्रधानमंत्री नरेंन्द्र मोदी के अमेरिका दौरे से द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा मिलेगा और रक्षा, सेमीकंडक्टर, अंतरिक्ष और कृत्रिम मेधा (एआई) जैसे क्षेत्रों में रणनीतिक सहयोग बढ़ेगा। मोदी अमेरिका दौरा पूरा करने के बाद शनिवार को मिस्र के लिए रवाना हो गए।
नयी दिल्ली। उद्योग जगत ने शनिवार को उम्मीद जताई कि प्रधानमंत्री नरेंन्द्र मोदी के अमेरिका दौरे से द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा मिलेगा और रक्षा, सेमीकंडक्टर, अंतरिक्ष और कृत्रिम मेधा (एआई) जैसे क्षेत्रों में रणनीतिक सहयोग बढ़ेगा। मोदी अमेरिका दौरा पूरा करने के बाद शनिवार को मिस्र के लिए रवाना हो गए। मोदी ने अमेरिका दौरे पर राष्ट्रपति जो बाइडन से वार्ता की और संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित किया। उद्योग मंडल भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा कि यह यात्रा भारत-अमेरिका संबंधों को और मजबूत करने के लिए एक मजबूत नींव रखते हुए पूरी हुई है। उन्होंने कहा, “साझेदारी में एक नया अध्याय जोड़ा गया है, जिसमें रक्षा, सेमीकंडक्टर और अंतरिक्ष सहित रणनीतिक प्रौद्योगिकी सहयोग एवं एआई और क्वांटम, उन्नत सामग्री, जैव-प्रौद्योगिकी और दूरसंचार जैसे उभरते प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में अधिक मजबूत सहयोग देखने को मिलेगा।”
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उन्होंने कहा कि यह दौरा इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि कई नए क्षेत्र खुले हैं, जिनसे दोनों पक्षों के उद्योगों को लाभ होगा। एक अन्य औद्योगिक इकाई एसोचैम ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अमेरिका दौरे से दोनों देशों के बीच रणनीतिक और वाणिज्यिक संबंध नई ऊंचाइयों पर पहुंच गए हैं, जिसने द्विपक्षीय संबंधों के लिए नए अवसरों का रास्ता साफ कर दिया है। एसोचैम के महासचिव दीपक सूद ने कहा, “प्रधानमंत्री के दौरे को तेजी से बदलती विश्व व्यवस्था में भारत-अमेरिका संबंधों में एक महत्वपूर्ण मोड़ के रूप में देखा जा रहा है।
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यह यात्रा दोनों देशों के हित में है।” उन्होंने कहा कि जहां मोदी ने न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस में भाग लेकर भारत की सॉफ्ट पावर का प्रदर्शन किया, वहीं व्हाइट हाउस में राष्ट्रपति बाइडन के साथ प्रधानमंत्री के व्यक्तिगत संवाद ने दुनिया के दो सबसे बड़े लोकतंत्रों के साझा सांस्कृतिक मूल्यों को प्रदर्शित किया। उन्होंने कहा कि ‘मेक इन इंडिया’ (भारत में निर्मित) पहल के नतीजे रक्षा विनिर्माण के इलेक्ट्रॉनिक्स और रणनीतिक क्षेत्र में दिखने लगे हैं, और यह बात भारत में लड़ाकू जेट इंजनों के निर्माण के लिए जीई इलेक्ट्रिक और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स के बीच हुए सौदे से स्पष्ट है।
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