नीति आयोग की ODR पर पुस्तिका पेश, न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ बोले- इससे न्याय प्रक्रिया विकेंद्रित होगी
उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश ने कहा, ‘‘ऑनलाइन विवाद निपटान में नागरिकों के लिए न्याय के आपूर्ति तंत्र को विकेंद्रित, लोकतांत्रिक और विविध करने की क्षमता है।’’
नयी दिल्ली। न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा है कि ऑनलाइन विवाद निपटान (ओडीआर) में नागरिकों के लिए न्याय प्रणाली को विकेंद्रित और लोकतांत्रिक करने की क्षमता है। नीति आयोग की ऑनलाइन विवाद समाधान पर पुस्तिका को पेश किए जाने के मौके पर उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश ने शुक्रवार को कहा कि ओडीआर से विवाद निपटान अधिक सस्ता, सहमति और पहुंच वाला हो सकेगा। उन्होंने कहा, ‘‘ऑनलाइन विवाद निपटान में नागरिकों के लिए न्याय के आपूर्ति तंत्र को विकेंद्रित, लोकतांत्रिक और विविध करने की क्षमता है।’’
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न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा कि पिछले एक साल के दौरान वर्चुअल सुनवाई से एक महत्वपूर्ण चीज समझने में मदद मिली है कि बेहद सुगम बदलावों की वजह से यह प्रक्रिया कई बार अधिक दक्ष हो सकती है। सभी पक्षों द्वारा डिजिटल फाइल का इस्तेमाल करने, डिजिटल नोट्स बनाने की क्षमता और सभी दस्तावेज एक स्थान पर होने से इसमें मदद मिलती है। नीति आयोग के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अमिताभ कान्त ने कहा कि ऑनलाइन विवाद समाधान एक तेजी से आगे बढ़ती प्रणाली है, जिसमें प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल होता है। इससे दक्ष और कम लागत में न्याय की आपूर्ति सुनिश्चित होती है। इस मौके पर टाटा संस की उपाध्यक्ष पूर्णिमा संपत ने कहा कि हमें कारोबार और न्यायिक प्रक्रिया के संचालन के वक्त समय के मूल्य को समझना चाहिए। ऑनलाइन विवाद समाधान से यह सुनिश्चित होता है।
Online Dispute Resolution has the potential to make dispute resolution more amicable, affordable & accessible.
— NITI Aayog (@NITIAayog) April 10, 2021
Justice DY Chandrachud sheds light on the importance of the handbook on #ODR 👇
Access the handbook, here: https://t.co/6DNTsNnFjm pic.twitter.com/g4vsBFa29k
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