कोरोना वायरस के डर से लोग कर रहे ऑनलाइन शॉपिंग, e-comm कंपनियों को हो रहा मुनाफा
कोरोना लॉकडाउन के दौरान भी ऑनलाइन सामानों की बिक्री तेजी से हो रही थी। इसकी वजह से इन ई-कॉमर्स कंपनियों ने अपने नुकसान को जल्द ही रिकवर कर लिया है। कई उद्योग जगत के अधिकारियों के अनुसार, अगले कुछ महीनों में रोजाना हो रहे शिपमेंट की संख्या 3 मिलियन से भी अधिक हो सकती है।
कोरोना महामारी को देखते हुए देश में अब ऑनलाइन शॉपिंग ज्यादा होने लग गई है। सब्जि-फल से लेकर राशन तक के सामानों को अब ऑनलाइन खरीदा जा रहा है। बता दें कि कोरोना लॉकडाउन के दौरान भी ऑनलाइन सामानों की बिक्री तेजी से हो रही थी। इसकी वजह से इन ई-कॉमर्स कंपनियों ने अपने नुकसान को जल्द ही रिकवर कर लिया है। कई उद्योग जगत के अधिकारियों के अनुसार, अगले कुछ महीनों में रोजाना हो रहे शिपमेंट की संख्या 3 मिलियन से भी अधिक हो सकती है। लोग बाहर निकलने और दुकान से राशन खरीदने से बचने के लिए ऑनलाइन शॉपिंग तेजी से कर रहे है जिसकी वजह से ई-कॉमर्स कंपनियों को काफी मुनाफा हो रहा है।
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अमेज़ॅन इंडिया और फ्लिपकार्ट जैसे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म अपने शिपमेंट में 120% -140% की तेजी देख रहे हैं वहीं भारत में बढ़ते कोरोना के मामलों को देखते हुए आगे भी ऑनलाइन खरीदारी तेजी से बढ़ेगी। वहीं अमेजन इंडिया ने कहा कि प्री कोविड -19 की तुलना में नए विक्रेताओं में 50% की वृद्धि देखी गई है। अप्रैल की शुरुआत में जब सरकार ने ऑनलाइन कंपनियों को कंटेनमेंट के दो जोन में ही ऑनलाइन डिलिवरी की अनुमति दे दी गई थी तब ई-कॉमर्स कंपनियों के व्यापार में 80-90% की गिरावट आई थी। वहीं Staff BigBasket ने बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए पहले ही लगभग 12,000 कर्मचारियों को काम पर रखा है, जबकि इसके प्रतिद्वंद्वी ग्रोफ़र्स का कहना है कि पहले से ही 2500 के आसपास कर्मचारियों की भर्ती की है इसके बावजूद ग्रोफ़र्स 5,000 और कर्मचारियों की भर्ती करने की योजना बना रहा है।
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