उत्पादन में कटौती पर संदेह बढ़ने से तेल कीमतें गिरीं

oil price

कच्चे तेल की कीमतें कोरोना वायरस महामारी और रूस तथा सऊदी अरब के बीच जारी कीमत कीमत युद्ध के कारण काफी टूट चुकी हैं। कोरोना वायरस महामारी पर काबू पाने के लिए विभिन्न देशों ने लॉकडाउन, यात्रा प्रतिबंध और अन्य उपाय किए हैं, जिसका सीधा असर कच्चे तेल की कीमतों पर पड़ा है।

सिंगापुर, उत्पादन में कटौती को लेकर ओपेक और उसके साथी देशों के बीच प्रस्तावित बैठक के टल जाने से कच्चे तेल की कीमतें तेजी से गिरीं। इसके साथ ही कोरोना वायरस महामारी से जूझ रहे ऊर्जा बाजार को पटरी पर लाने की उम्मीदों को भी झटका लगा है। एशिया में शुरुआती कारोबार के दौरान अमेरिकी मानक वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट ने आठ प्रतिशत की गिरावट दर्ज की, हालांकि बाद में ये कुछ सुधार के साथ 5.7 प्रतिशत गिरकर 26.72 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा था।

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इसी तरह अंतरराष्ट्रीय मानक ब्रेंट क्रूड 4.3 फीसदी की गिरावट के साथ 32.64 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा था। कच्चे तेल की कीमतें कोरोना वायरस महामारी और रूस तथा सऊदी अरब के बीच जारी कीमत कीमत युद्ध के कारण काफी टूट चुकी हैं। कोरोना वायरस महामारी पर काबू पाने के लिए विभिन्न देशों ने लॉकडाउन, यात्रा प्रतिबंध और अन्य उपाय किए हैं, जिसका सीधा असर कच्चे तेल की कीमतों पर पड़ा है। इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि रियाद और मॉस्को उत्पादन में कटौती के लिए सहमत हो गए हैं, जिसके बाद कीमतों में तेज उछाल देखने को मिला था।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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