पीएफ के धन को निजी संस्था में जमा करने के आरोपी अधिकारी गिरफ्तार
यह जानकारी आज यहां देते हुए एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री की भ्रष्टाचार के विरुद्ध कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति है। यह प्रकरण संज्ञान में आते ही मुख्यमंत्री ने शासन के गृह विभाग एवं पुलिस महानिदेशक को दोषियों के विरुद्ध तत्काल कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए थे।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत क्षेत्र कर्मचारी ट्रस्ट एवं उत्तर प्रदेश विद्युत निगम अंशदायी भविष्य निधि ट्रस्ट में जमा कार्मिकों के जीपीएफ व सीपीएफ की धनराशि को कथित रूप से निजी संस्था में नियम विरुद्ध सावधि जमा करने के मामले में तत्कालीन सचिव ट्रस्ट प्रवीण कुमार गुप्ता एवं तत्कालीन निदेशक वित्त सुधांशु द्विवेदी के विरुद्ध थाना हजरतगंज, लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश पर प्राथमिकी दर्ज करते हुए, भ्रष्टाचार के आरोपी दोनों अधिकारियों को पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया है।
यह जानकारी आज यहां देते हुए एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री की भ्रष्टाचार के विरुद्ध कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति है। यह प्रकरण संज्ञान में आते ही मुख्यमंत्री ने शासन के गृह विभाग एवं पुलिस महानिदेशक को दोषियों के विरुद्ध तत्काल कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए थे।
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प्रवक्ता ने बताया कि ट्रस्ट कार्यालय में उपलब्ध अभिलेखों के अनुसार प्रवीण कुमार गुप्ता सीपीएफ ट्रस्ट एवं जीपीएफ ट्रस्ट, दोनों का कार्यभार देख रहे थे। उन्होंने तत्कालीन निदेशक वित्त सुधांशु द्विवेदी से अनुमोदन प्राप्त कर वित्त मंत्रालय, भारत सरकार के 02 मार्च, 2015 के स्पष्ट दिशा निर्देशों के विपरीत दुराशयपूर्वक, समग्र विनियोजन के 50 प्रतिशत से अधिक की धनराशि को दीवान हाउसिंग फाइनेंस कारपोरेशन लि0 नामक निजी संस्था की सावधि जमा में विनियोजित किया। उन्होंने कहा कि वे यह जानते थे कि संस्था अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक की श्रेणी में नहीं आती है और एक असुरक्षित निजी संस्था है।
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