आधार के कामकाज से जुड़े मुद्दे का कोई रास्ता निकाला जाएगा: रविशंकर प्रसाद
प्रसाद ने कहा कि इस मुद्दे पर विचार विमर्श चल रहा है। हालांकि, उन्होंने इसका कोई ब्योरा नहीं दिया।ग्रामीण क्षेत्र के उद्यमी यानी वीएलई आधार से जुड़ी सेवाओं के साझा सेवा केन्द्रों को चलाते रहे हैं।
नयी दिल्ली। सरकार ने कहा है कि वह साझा सेवा केन्द्रों (सीएससी) की आधार पंजीकरण, अद्यतन सेवायें देने जैसे कार्यों को करते रहने की अनुमति देने की अपील पर गौर करेगी। सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने मंगलवार को यह आश्वासन दिया। प्रसाद ने यहां ग्रामीण स्तरीय उद्यमियों को एक कार्यक्रम में संबोधित करते हुये कहा, ‘‘मैं आपसे यही कह सकता हूं कि सूचना प्रौद्योगिकी सचिव और मैं आधार के मामले में कोई रास्ता निकालेंगे .... हम वास्तव में कुछ करेंगे ... ताकि आप लोग जनता से जुड़े रहें और प्रशिक्षण, आधार सुरक्षा, आधार अद्यतन ... जैसे काम करते रहें।’’
.@CSCegov_ has played an exceptional role in providing various services like insurance, banking, railway tickets, PMGDISHA, Bharat BillPay payment, Digital payment and many more to its citizens. #DigitalIndia pic.twitter.com/xMAW6FWyV6
— Ravi Shankar Prasad (@rsprasad) November 27, 2018
प्रसाद ने कहा कि इस मुद्दे पर विचार विमर्श चल रहा है। हालांकि, उन्होंने इसका कोई ब्योरा नहीं दिया।ग्रामीण क्षेत्र के उद्यमी यानी वीएलई आधार से जुड़ी सेवाओं के साझा सेवा केन्द्रों को चलाते रहे हैं। ये उद्यमी सरकार से इस बात की मांग करते रहे हैं कि उन्हें आधार पंजीकरण और आधार अद्यतन सेवायें चलाने की अनुमति दी जाये।आधार संख्या जारी करने वाले सरकारी प्राधिकरण ‘भारतीय विशिष्ट पहचान संख्या प्राधिकरण’ (यूआईडीएआई) ने ऐसे केन्द्रों के जरिये आधार सेवाओं को एक साल पहले बंद कर दिया था।
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इन उद्यमियों को सरकार के इस फैसले से परेशानी हुई है। उनका कहना है कि उन्होंने आधार से जुड़े काम के लिये कई उपकरण खरीदे हैं और कर्मचारियों को प्रशिक्षण देने में भी खर्च किया है। इन केन्द्रों की ओर से बोलते हुये सीएससी प्रमुख दिनेश त्यागी ने कहा कि आधार से ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को एक पहचान मिली है। हम चाहते हैं कि 12 अंकों की यह पहचान संख्या सीएससी का भी ‘आधार’ यानी उनकी नींव बने रहे। ।सीएससी देशभर में डिजिटल सेवाओं का केन्द्र हैं और आज इस तरह के करीब तीन लाख केन्द्र देशभर में काम कर रहे हैं।
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