नई प्रौद्योगिकियों के साथ फसल उत्पादकता को बढ़ाने की जरूरत : अमिताभ कांत
इससे किसानों को वास्तविक समय में आंकड़े उपलब्ध कराने और फसल उत्पादन पूर्वानुमान मॉडल तैयार करने में मदद मिलेगी। जी-20 सदस्य प्रमुख कृषि उत्पादक, उपभोक्ता और निर्यातक होने के नाते, एक टिकाऊ और जलवायु सहिष्णु कृषि खाद्य प्रणाली में परिवर्तन की दिशा में सामूहिक जिम्मेदारी लेने के लिए एक साथ आए हैं।
भारत के जी20 शेरपा अमिताभ कांत ने सोमवार को नयी अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी के जरिये फसल उत्पादकता बढ़ाने की जरूरत बताई। उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र को जलवायु परिवर्तन के प्रति स्मार्ट और अनुकूल बनाने के लिए ऐसा करना चाहिए। कांत यहां आयोजित जी20 इंडिया एग्री-टेक समिट 2023 को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा, ‘ऊंची आर्थिक वृद्धि के लिए भारत को कृषि क्षेत्र में आगे बढ़ने की जरूरत है। इसकी उत्पादकता तेजी से बढ़नी चाहिए। इसका मतलब यह होगा कि हमें कई नई अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों की आवश्यकता होगी।’’ उन्होंने कहा कि कृषि का डिजिटलीकरण, कृषि क्षेत्र में तकनीकी परिवर्तन और नवाचार इस वर्ष जीसीओ में भारतीय अध्यक्षता में केंद्रीय प्राथमिकता रही है।
कांत ने कहा, ‘‘कृषि क्षेत्र को डेटा-संचालित, स्मार्ट और जलवायु परिवर्तन के अनुकूल बनाना कृषि क्षेत्र के परिवर्तन का अभिन्न अंग है।’’ उन्होंने कहा कि इसके लिए खुली पहुंच वाले कृषि डेटा मंच और उन्हें वैश्विक सार्वजनिक सामान के रूप में मान्यता देने जैसे पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करना होगा। उन्होंने किसानों, विशेषकर छोटे और सीमांत कृषकों के कल्याण को बढ़ावा देने के लिए निजी और सार्वजनिक क्षेत्रों से स्टार्टअप और जिम्मेदार निवेश को शामिल करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया। कांत ने कहा कि यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि किसान इन प्रौद्योगिकियों को अपनाएं।
उन्होंने बताया कि इस वर्ष कृषि कार्यसमूह की चार प्राथमिकताएं थीं - खाद्य सुरक्षा और पोषण; जलवायु स्मार्ट दृष्टिकोण के साथ टिकाऊ कृषि; समावेशी कृषि मूल्य श्रृंखला और खाद्य प्रणालियां; और कृषि परिवर्तन के लिए डिजिटलीकरण। उन्होंने कहा कि कृषि में तकनीकी प्रगति वास्तव में महत्वपूर्ण है। इससे किसानों को वास्तविक समय में आंकड़े उपलब्ध कराने और फसल उत्पादन पूर्वानुमान मॉडल तैयार करने में मदद मिलेगी। जी-20 सदस्य प्रमुख कृषि उत्पादक, उपभोक्ता और निर्यातक होने के नाते, एक टिकाऊ और जलवायु सहिष्णु कृषि खाद्य प्रणाली में परिवर्तन की दिशा में सामूहिक जिम्मेदारी लेने के लिए एक साथ आए हैं। बयान में कहा गया है कि इस कार्यक्रम में कृषि उद्योग, किसान संघों और एफपीओ, सात जी20 देशों के प्रतिनिधियों, कृषि-तकनीक स्टार्टअप, अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधियों और निवेशकों ने भाग लिया।
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